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ज्वाइंट होम लोन में डिफॉल्ट से दोनों पार्टनर्स के क्रेडिट स्कोर पर आंच

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[ ईटी ब्यूरो | मुंबई ]

कौशल अरोड़ा (नाम परिवर्तित) और उनकी प्रोफेसर बीवी के घर उनकी पहली औलाद आनेवाली है। वे अभी एक मेट्रो में वन बेडरूम फ्लैट में रह रहे हैं। अब वे बड़ा मकान खरीदना चाहते हैं, लेकिन कौशल की इनकम इतनी नहीं है कि उन्हें बड़ा लोन मिल सके। ऐसे में लेंडर ने उनको सुझाव दिया कि वह अपनी वाइफ के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन ले लें। अरोड़ा दंपती को यह आइडिया पसंद आया क्योंकि इससे उनको अपनी जिम्मेदारियां मिलकर उठाने में मदद मिलती। हालांकि वह इस बारे में अंतिम फैसला करने से पहले इसके नफा-नुकसान के बारे में जानना चाहते हैं। क्या वह यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं?

ज्वाइंट लोन लेने से अरोड़ा दंपती की लोन लेने की क्षमता बढ़ जाएगी। इससे उन्हें ज्यादा रकम का लोन लेने के लिए अपनी इनकम इकट्ठा दिखाने में मदद मिलेगी। ज्वाइंट एप्लिकेंट होने पर अरोड़ा दंपती में दोनों को 3.5-3.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनेफिट मिलेगा। हालांकि ज्वाइंट होम लोन लेने से पहले यह देख लेना चाहिए कि दोनों की इनकम में कंटिन्यूटी कितनी रहने वाली है। अरोड़ा दंपती को बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल का भी प्लान बनाना होगा। अगर मिसेज अरोड़ा छुट्टी पर चली जाती हैं तो फैमिली EMI पेमेंट की जिम्मेदारी उठाने में किस हद तक कामयाब रहेगी?

EMI में डिफॉल्ट होने पर दोनों बॉरोअर्स का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा और इससे फ्यूचर में लोन लेने की उनकी कैपेबिलिटी पर बहुत खराब असर होगा। उनको होम लोन को लॉन्ग टर्म नजरिए से देखना होगा। अगर फ्यूचर में उनका तलाक हो जाता है तो क्या होगा? अगर तलाक शांति से हो जाता है तो दोनों अरोड़ा अपने ज्वाइंट होम लोन को सिंगल लोन में कन्वर्ट करा सकते हैं या ऑल्टरनेट को-बॉरोअर चुन सकते हैं, लेकिन तलाक और झगड़ा दोनों हो जाता है और दूसरा बॉरोअर पेमेंट करने से मना कर देता है तो पहले सिंगल को-बॉरोअर के लिए ज्वाइंट होम लोन परेशानी का सबब बन सकता है। लोन रीपेमेंट की पूरी जिम्मेदारी पहले सिंगल को-बॉरोअर को उठानी होगी। दूसरी स्थिति यह है कि अगर दंपती में किसी एक की असमय मौत हो जाती है तो लोन रीपेमेंट का पूरा बोझ दूसरे पर पड़ जाएगा।

दंपती में किसी एक की मौत होने पर फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को कवर करने के लिए टर्म इंश्योरेंस या होम लोन इंश्योरेंस ले सकते हैं, लेकिन उनको सभी संभावनाओं पर गौर करना होगा और यह पक्का करना होगा कि वे रिस्क उठाने को तैयार हैं। उनको यह देखना होगा कि क्या वे बड़े घर का हर तरह का खर्च उठाने की हालत में हैं? यह बात तो साफ है कि ज्वाइंट लोन फायदेमंद है, लेकिन दंपती को यह देखना होगा कि उसके रीपेमेंट में उनको कितनी जिम्मेदारी उठानी होगी। उनको ऐसे होम लोन के हर पहलू को समझना होगा।

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