कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 1. कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट यानी CAGR वह औसत रेट है, जिसके हिसाब से इनवेस्टमेंट तय समय में एक से दूसरी वैल्यू की तरफ मूव करता है। 2. अगर कोई शेयर दो साल में 100 रुपये से बढ़कर 121 रुपये का हो जाता है तो इसका CAGR 10 पर्सेंट होगा। मतलब 100 रुपये के 10 पर्सेंट के हिसाब से सालभर बाद 110 रुपये और फिर 110 रुपये सालभर बाद 121 रुपये हुए। 3. असल में शेयर 10 पर्सेंट CAGR के हिसाब से दो साल में नियमित रफ्तार से 100 से 121 रुपये का हो सकता है। हो सकता है कि यह पहले साल में यह 140 रुपए का हो जाए और दूसरे साल में गिरकर 121 रुपये पर आ जाए। 4. शुरुआती और अंतिम वैल्यू के हिसाब से शेयर का CAGR सालभर में 10 पर्सेंट ही रहेगा। इसमें बीच में किसी तरह के उतार-चढ़ाव पर गौर नहीं किया जाता है और उसकी ग्रोथ को स्थिर दिखाया जाता है। 5. जो इनवेस्टर्स इनवेस्टमेंट से पहले एडवर्टाइज्ड CAGR को बेंचमार्क के तौर पर यूज करते हैं, उनको उससे जुड़े रिस्क के बारे में जान लेना चाहिए। उनको यह नहीं सोचना चाहिए कि CAGR नियमित रहेगी। (कंटेंट: सेंटर फॉर इनवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (CIEL) से लिए गए हैं)
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