DTAA में बेनेफिट क्लेम अगर कोई आदमी किसी दूसरे देश में कमाई करता है, तो उस पर अपने देश और परदेस दोनों में टैक्स की देनदारी बनती है। इससे बचने के लिए इंडिया ने कई देशों के साथ डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट (DTAA) किया हुआ है। इस एग्रीमेंट के हिसाब से इनकम विदेश में हुई इनकम पर किसी एक देश में ही टैक्स लगेगा। इस बेनेफिट को क्लेम करने के लिए इंडिविजुअल को पता होना चाहिए कि वह जहां रहकर कमाई कर रहा है उसके साथ इंडिया का DTAA है या नहीं? उसको फॉर्म 10एफ, टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट और TDS काटने के लिए जिम्मेदार एंटिटी के पास तय फॉर्मैट में सेल्फ डिक्लेरेशन देना होता है। फॉर्म 10एफ यह फॉर्म बैंक या http:www.incometaxindia.gov.informs income...103120000000007197.pdf से डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म में एप्लिकेशन देने वाले की नेशनलिटी, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर, एड्रेस और उस पीरियड का जिक्र करना होता है जितने दिन वह रेजिडेंट रहा था। वेरिफिकेशन फॉर्म 10एफ को उस देश की सरकार से वेरिफाई कराना होता है, जहां असेसी उस पीरियड में रेजिडेंट रहा था। सेल्फ डिक्लेयरेशन यह इस बात का डिक्लेयरेशन होता है कि असेसी किसी ऐसे देश में रहा है, जिसके साथ इंडिया का DTAA से है। इनकम पर टैक्स उसी रेट से लगेगा जो DTAA में तय होगा। टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट यह सर्टिफिकेट उस देश से लेना होता है जहां कोई शख्स एक फाइनेंशियल ईयर में रहता है। तय फीस के साथ जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने पर टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट इश्यू किया जाता है। इन बातों का ध्यान रखें फॉर्म 10एफ में असेसी का पैन देना जरूरी होता है। साथ में सेल्फ डिक्लेयरेशन फॉर्म भी देना होता है। इंडिया किन देशों के साथ DTAA किया हुआ है, यह जानकारी http://www.incometaxindia.gov.in/pages/international-taxation.aspx से ली जा सकती है।
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