[ नेहा पांडे देवरस | मुंबई ] किसी समय प्लेटिनम हाई-एंड ज्वैलरी के बायर्स का पसंदीदा मेटल था क्योंकि इसकी हाई डेंसिटी की वजह से यह डायमंड्स को मजबूती से जकड़े रखता है, लेकिन अब इसकी डिमांड काफी घट गई है। आमतौर पर गोल्ड से महंगा बिकने वाला प्लैटिनम की कीमत अब इसके बराबर हो गई है। अभी प्लैटिनम का दाम 26,800 रुपये प्रति 10 ग्राम और गोल्ड की कीमत 26,790 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है। इंटरनेशनल मार्केट में प्लैटिनम का दाम 1,166.50 डॉलर प्रति औंस, जबकि गोल्ड का 1,200 डॉलर प्रति औंस है। भारतीय कमोडिटी एक्सचेजों पर प्लैटिनम की लिस्टिंग नहीं होने से इसकी कीमत को डेली बेसिस पर ट्रैक करना मुश्किल होता है। 2002-03 तक ज्वैलर्स प्लैटिनम को फिक्स्ड प्राइस पर बेचते थे। अब ज्वैलर के पास इसका दिन का प्राइस होता है। एक स्टोर से दूसरे स्टोर के बीच प्लैटिनम के रेट में 4-5 पर्सेंट का अंतर हो सकता है। मई-जून के वेडिंग सीजन से पहले प्लैटिनम प्राइसेज गिरने की वजह से इसकी डिमांड में लगभग 8 पर्सेंट की तेजी आई है। हालांकि, इसे खरीदने से फैसले इन बातों का ध्यान रखना बेहतर होगा: प्लैटिनम की कीमत बढ़ने की उम्मीद है। इस साल इसकी कीमत 15-20 पर्सेंट बढ़ सकती है। इसे देखते हुए कम क्वांटिटी के साथ इसकी खरीदारी की शुरुआत की जा सकती है। अगर आप इस वाइट मेटल में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो आपको मेड-टू-ऑर्डर कॉइन्स और बार खरीदनी होंगी। हालांकि, इन्हें बेचना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए ज्यादा तैयार बायर्स नहीं मिलते। प्लैटिनम गिल्ड इंटरनेशनल (इंडिया) की कंट्री मैनेजर वैशाली बनर्जी ने बताया कि प्राइस में कमी ज्वैलरी बायर्स के लिए अच्छी है। प्लैटिनम ज्वैलरी हॉलमार्क होती है। Pt950 95 पर्सेंट प्योरिटी का संकेत होता है। बाकी का 5 पर्सेंट पैलाडियम और रोडियम जैसे प्लेटिनम ग्रुप मेटल्स का अलॉय होता है। बनर्जी केवल प्लैटिनम गिल्ड इंटरनेशनल के ऑथराइज्ड डीलर्स से प्लैटिनम खरीदने की सलाह देती हैं। इनकी लिस्ट गिल्ड की वेबसाइट पर है। प्लैटिनम प्रॉडक्ट्स थर्ड-पार्टी सर्टिफिकेशन, अंडरराइटर्स लैबोरेटरीज के जरिए भी ऑथेंटिकेटेड होते हैं। इसे यूएल कार्ड के नाम से भी जाना जाता है। सही खरीदारी के लिए ज्वैलर से आप यह कार्ड मांग सकते हैं। मेकिंग चार्ज ज्यादा प्लैटिनम ज्वैलरी के लिए मेकिंग चार्ज गोल्ड से 10-30 पर्सेंट अधिक होता है। डिजाइन जितना कॉम्प्लेक्स होता है, बनाने की कॉस्ट उतनी ही ज्यादा रहती है। रांका ज्वैलर्स (वेस्ट) के डायरेक्टर वस्तुपाल रांका ने बताया, 'ज्वैलरी बनाने के दौरान वेस्टेज या मैन्युफैक्चरिंग लॉस ज्यादा होता है क्योंकि मेटल काफी डेंस होता है। इसकी ज्वैलरी बनाने के लिए बहुत कुशल कारीगरों की जरूरत होती है। एक प्लैटिनम ज्वैलरी मेकर गोल्ड ज्वैलरी बना सकता है, लेकिन गोल्ड ज्वैलरी बनाने वाला इस मेटल से ज्वैलरी नहीं तैयार कर सकता।' ज्वैलर्स को प्लैटिनम ज्वैलरी इन-हाउस बनाने की इजाजत नहीं है। ईश्वरलाल हरजीवनदास ज्वैलर्स, अहमदाबाद के डायरेक्टर काल्पनिक चोकसी ने बताया कि प्लैटिनम ज्वैलरी प्लैटिनम गिल्ड इंटरनेशनल बनाती है। ऑथराइज्ड ज्वैलर्स ज्वैलरी खरीदने के लिए गिल्ड को ऑर्डर देते हैं। प्लैटिनम हार्ड मेटल है। इसे पिघलाने के लिए हाई टेंपरेचर की जरूरत पड़ती है। इसे केवल खास मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ही बनाया जा सकता है। प्लैटिनम ज्वैलरी का बायबैक गोल्ड के जैसा ही होता है, लेकिन इसमें कोई स्टैंडर्डाइजेशन नहीं है और हर ज्वैलर इसके लिए अपनी शर्त तय करता है। एक हॉलमार्क ज्वैलरी ऑथराइज्ड स्टोर पर ज्वैलरी या कैश के बदले एक्सचेंज की जा सकती है। आपको प्लैटिनम की वैल्यू का 85-90 पर्सेंट वापस मिल जाएगा।
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