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फिजिकल गोल्ड, ईटीएफ या बॉन्ड, तीनों में कौन सबसे अच्छा

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नई दिल्ली
आप चाहें तो अपने पास सोने को फिजिकल फॉर्म में रख सकते हैं या पेपर फॉर्म में। पेपर फॉर्म में सोना रखने के दो तरीके हैं- गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड में ट्रेड करने वाले म्यूचुअल फंड्स। इनमें बेहतर कौन है? इसका उत्तर आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है।

सोने में अलग-अलग तरीके से कैसे करें निवेश

अगर आप चाहते हैं कि अपना निवेश जब चाहें भंजा लें या फिर चाहते हैं कि जब कभी कर्ज लेने की जरूरत आ जाए तो सोने को गिरवी रख सकें तो सोने का आभूषण, सोने की ईंटें आदि खरीदना सही है। लेकिन, ध्यान रहे कि जब आप इसे बेचेंगे तो कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा। अगर आप गोल्ड में लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड बॉन्ड बेहतर विकल्प है। आप जब इसे बेचेंगे तो आपको कैपिटल गेंस टैक्स भी नहीं देना होगा। साथ ही, आपको ब्याज भी मिलेगा। आइए देखते हैं, सोने में अलग-अलग तरीकों से निवेश के बारे में।

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सोने में निवेश के तीन प्रकार

फिजिकल गोल्ड: आभूषण, सिक्के या ईंटों के रूप में सोना खरीदने का पारंपरिक तरीका। इन्हें जूलर या दूसरे खरीदार को सीधे बेचा जा सकता है।

गोल्ड ईटीएफ: सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट खरीदना। गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) यूनिट्स डीमैट फॉर्म में रखे जाते हैं और इनकी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग होती है।

सॉवरन गोल्ड बॉन्ड्स: सरकार की तरफ से आरबीआई द्वारा जारी बॉन्ड्स में निवेश करना। इन बॉन्ड्स की स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है। गोल्ड बॉन्ड में निवेश का पूर्णकाल 8 वर्ष सुनिश्चित है। पांच वर्ष खत्म होने पर बॉन्ड्स बेचकर निवेश से निकलने का विकल्प भी है।

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