धीरेंद्र कुमार
पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे कई न्यूज आर्टिकल आए, जिनमें प्राइवेट डेट प्लेसमेंट में पैसे लगाने वाले ऐसे निवेशकों का जिक्र था, जो एक झटके में अपनी पूरी या अधिकांश पूंजी गंवा बैठे थे। इन लेखों में जिन इन्वेस्टर्स का जिक्र किया गया था, उन सबने यही बताया कि उन्हें प्राइवेट डेट बेचने वाले एजेंटों ने पूरी सेफ्टी के साथ ऊंचे रिटर्न के ख्वाब दिखाए थे। हालांकि एजेंटों का कहना है कि इन्वेस्टर्स को रिस्क के बारे में पहले ही बता दिया गया था। पेपरवर्क में भी स्पष्ट किया गया था कि उन्होंने जो डेट इन्वेस्टमेंट किया है, वह सिक्योर नहीं है और उसकी कोई गारंटी नहीं है। इनमें से कुछ एजेंट बैंकों सहित जाने-माने फाइनैंशल ब्रैंड्स के प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट बिजनस से जुड़े हैं।
क्या हकीकत, क्या अफसाना
मैं इन मामलों में दावे के साथ कह सकता हूं कि इंटरमीडियरीज ने कानूनी मोर्चे पर अपनी पूरी किलेबंदी कर ली थी। संदिग्ध वित्तीय उत्पादों की बिक्री करते वक्त खुद को पूरी तरह से कानूनी तौर पर सुरक्षित बनाना फाइनैंशल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ताकत है। मुझे जो पता चला है, उसके हिसाब से यह बात साफ है कि आमतौर पर ऐसे सौदों में कस्टमर को डील से जुड़े रिस्क के बारे में ठीकठाक जानकारी नहीं होती है। कुछ मामलों में तो कस्टमर्स को 20% सालाना तक का इंट्रेस्ट रेट का ऑफर दिया जाता है। अगर किसी को लगता है कि उनके डिपॉजिट पर 20% का इंट्रेस्ट रेट मिलेगा और उन्हें रीपेमेंट के वक्त मूलधन और ब्याज पक्के तौर पर वापस मिल जाएगा तो सिर्फ इसी आधार पर निवेश के लिए तैयार नहीं हो जाना चाहिए।
भोलेभाले लोगों पर संकट
आमतौर पर ऐसे स्कैम पर होने वाली चर्चाओं में समस्या के समाधान के तौर पर वित्तीय शिक्षा का विचार सामने रख दिया जाता है। लोगों को लगता है कि यह सब वित्तीय जागरूकता के अभाव के चलते होता है, लेकिन मैंने पाया है कि ऐसे प्रॉडक्ट्स बेचने वाले वित्तीय रूप से साक्षर लोगों से संपर्क करते हैं। कुछ साल पहले माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ने वाई नाइजीरियन स्कैमर्स से दे आर फ्रॉम नाइजीरिया? शीर्षक के साथ एक शोध प्रकाशित किया था। शीर्षक में जो सवाल था, उसका जवाब साफ है। अगर आप कोई स्कैम वाली ईमेल भेजते हैं जो इतनी बनावटी होती है कि लोग उस पर किसी तरह विश्वास नहीं कर सकते, लेकिन भोलेभाले लोग ऐसा कर लेते हैं। अगर ऐसा होता है तो जो लोग आपकी ईमेल पर रिस्पॉन्ड करते हैं, वे सचमुच भोलेभाले हैं।
लूट के नए-नए तरीके
दिक्कत यह है कि जो लोग वित्तीय रूप से साक्षर नहीं हैं वे नहीं जानते कि वे वित्तीय रूप से साक्षर नहीं हैं। अगर 20% आपको वाजिब रिटर्न लगता है, जैसा कि एक सेल्समैन ने अपने प्रॉस्पेक्टिव कस्टमर को ऑफर किया था, तो आपके पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इतना इंट्रेस्ट रेट हो ही नहीं सकता। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ऐसे फैसले लेना बंद कर दें, लेकिन ऐसा नियम बनाना मुश्किल है जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस तरह के इन्वेस्टमेंट से बचना चाहिए। ऐसा रूल बना लिया जाता है तो फिर इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि इन्हें सब लोग समझेंगे और लागू करेंगे, लेकिन दुनियाभर की लुटेरी कंपनियां और सेल्सपर्सन लोगों से पैसे ऐंठने के नए-नए तरीके निकालते रहते हैं।
ऐसे सुरक्षित होगा निवेश
ऐसे में सवाल यह उठता है कि वाजिब इन्वेस्टमेंट की लिस्ट कैसी होनी चाहिए? ऐसी लिस्ट में उन लोगों के लिए इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में पीपीएफ और दूसरे सॉवरन बॉन्ड्स और बैंक एफडी होने चाहिए जो कुछ रिटर्न और टैक्स एफिशिएंसी के साथ पूरी सेफ्टी चाहते हैं। मैं लिक्विड फंड्स का भी जिक्र करना चाहूंगा, लेकिन यह लिस्ट उन लोगों के लिए है जिन्हें अपनी वित्तीय जानकारी पर पूरा भरोसा नहीं है। सेफ्टी को तवज्जो देने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो में रिस्की डेट प्रॉडक्ट्स के बजाय ऊंचे रिटर्न वाले हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स हो सकते हैं और उनमें 20-30% निवेश किया जा सकता है।
ऐसा हो पोर्टफोलियो
संदिग्ध डेट प्रॉडक्ट्स के साथ दिक्कत यह है कि ये सामान्य से ज्यादा रिटर्न ऑफर करते हैं, लेकिन कामयाब नहीं होते और इनमें लगने वाली पूरी रकम डूब जाती है। ऐसे में एक कंजर्वेटिव इन्वेस्टर के लिए बेहतर यही होगा कि वह अपनी 60-80% सेविंग को पूरी तरह सिक्योर बनाए, फिर एक्सट्रा रिटर्न के लिए अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स रेग्युलेटेड फंड्स ऐड करें। सिद्धांत तौर पर निवेशकों को रूल्स अप्लाई करने और नेगेटिव फैक्टर्स को समझने के बजाय सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट वीइकल जैसी पॉजिटिव चीजों की छोटी लिस्ट बनानी चाहिए और दूसरी चीजों को दरकिनार करना चाहिए।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं)
पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे कई न्यूज आर्टिकल आए, जिनमें प्राइवेट डेट प्लेसमेंट में पैसे लगाने वाले ऐसे निवेशकों का जिक्र था, जो एक झटके में अपनी पूरी या अधिकांश पूंजी गंवा बैठे थे। इन लेखों में जिन इन्वेस्टर्स का जिक्र किया गया था, उन सबने यही बताया कि उन्हें प्राइवेट डेट बेचने वाले एजेंटों ने पूरी सेफ्टी के साथ ऊंचे रिटर्न के ख्वाब दिखाए थे। हालांकि एजेंटों का कहना है कि इन्वेस्टर्स को रिस्क के बारे में पहले ही बता दिया गया था। पेपरवर्क में भी स्पष्ट किया गया था कि उन्होंने जो डेट इन्वेस्टमेंट किया है, वह सिक्योर नहीं है और उसकी कोई गारंटी नहीं है। इनमें से कुछ एजेंट बैंकों सहित जाने-माने फाइनैंशल ब्रैंड्स के प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट बिजनस से जुड़े हैं।
क्या हकीकत, क्या अफसाना
मैं इन मामलों में दावे के साथ कह सकता हूं कि इंटरमीडियरीज ने कानूनी मोर्चे पर अपनी पूरी किलेबंदी कर ली थी। संदिग्ध वित्तीय उत्पादों की बिक्री करते वक्त खुद को पूरी तरह से कानूनी तौर पर सुरक्षित बनाना फाइनैंशल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ताकत है। मुझे जो पता चला है, उसके हिसाब से यह बात साफ है कि आमतौर पर ऐसे सौदों में कस्टमर को डील से जुड़े रिस्क के बारे में ठीकठाक जानकारी नहीं होती है। कुछ मामलों में तो कस्टमर्स को 20% सालाना तक का इंट्रेस्ट रेट का ऑफर दिया जाता है। अगर किसी को लगता है कि उनके डिपॉजिट पर 20% का इंट्रेस्ट रेट मिलेगा और उन्हें रीपेमेंट के वक्त मूलधन और ब्याज पक्के तौर पर वापस मिल जाएगा तो सिर्फ इसी आधार पर निवेश के लिए तैयार नहीं हो जाना चाहिए।
भोलेभाले लोगों पर संकट
आमतौर पर ऐसे स्कैम पर होने वाली चर्चाओं में समस्या के समाधान के तौर पर वित्तीय शिक्षा का विचार सामने रख दिया जाता है। लोगों को लगता है कि यह सब वित्तीय जागरूकता के अभाव के चलते होता है, लेकिन मैंने पाया है कि ऐसे प्रॉडक्ट्स बेचने वाले वित्तीय रूप से साक्षर लोगों से संपर्क करते हैं। कुछ साल पहले माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ने वाई नाइजीरियन स्कैमर्स से दे आर फ्रॉम नाइजीरिया? शीर्षक के साथ एक शोध प्रकाशित किया था। शीर्षक में जो सवाल था, उसका जवाब साफ है। अगर आप कोई स्कैम वाली ईमेल भेजते हैं जो इतनी बनावटी होती है कि लोग उस पर किसी तरह विश्वास नहीं कर सकते, लेकिन भोलेभाले लोग ऐसा कर लेते हैं। अगर ऐसा होता है तो जो लोग आपकी ईमेल पर रिस्पॉन्ड करते हैं, वे सचमुच भोलेभाले हैं।
लूट के नए-नए तरीके
दिक्कत यह है कि जो लोग वित्तीय रूप से साक्षर नहीं हैं वे नहीं जानते कि वे वित्तीय रूप से साक्षर नहीं हैं। अगर 20% आपको वाजिब रिटर्न लगता है, जैसा कि एक सेल्समैन ने अपने प्रॉस्पेक्टिव कस्टमर को ऑफर किया था, तो आपके पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इतना इंट्रेस्ट रेट हो ही नहीं सकता। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ऐसे फैसले लेना बंद कर दें, लेकिन ऐसा नियम बनाना मुश्किल है जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस तरह के इन्वेस्टमेंट से बचना चाहिए। ऐसा रूल बना लिया जाता है तो फिर इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि इन्हें सब लोग समझेंगे और लागू करेंगे, लेकिन दुनियाभर की लुटेरी कंपनियां और सेल्सपर्सन लोगों से पैसे ऐंठने के नए-नए तरीके निकालते रहते हैं।
ऐसे सुरक्षित होगा निवेश
ऐसे में सवाल यह उठता है कि वाजिब इन्वेस्टमेंट की लिस्ट कैसी होनी चाहिए? ऐसी लिस्ट में उन लोगों के लिए इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में पीपीएफ और दूसरे सॉवरन बॉन्ड्स और बैंक एफडी होने चाहिए जो कुछ रिटर्न और टैक्स एफिशिएंसी के साथ पूरी सेफ्टी चाहते हैं। मैं लिक्विड फंड्स का भी जिक्र करना चाहूंगा, लेकिन यह लिस्ट उन लोगों के लिए है जिन्हें अपनी वित्तीय जानकारी पर पूरा भरोसा नहीं है। सेफ्टी को तवज्जो देने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो में रिस्की डेट प्रॉडक्ट्स के बजाय ऊंचे रिटर्न वाले हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स हो सकते हैं और उनमें 20-30% निवेश किया जा सकता है।
ऐसा हो पोर्टफोलियो
संदिग्ध डेट प्रॉडक्ट्स के साथ दिक्कत यह है कि ये सामान्य से ज्यादा रिटर्न ऑफर करते हैं, लेकिन कामयाब नहीं होते और इनमें लगने वाली पूरी रकम डूब जाती है। ऐसे में एक कंजर्वेटिव इन्वेस्टर के लिए बेहतर यही होगा कि वह अपनी 60-80% सेविंग को पूरी तरह सिक्योर बनाए, फिर एक्सट्रा रिटर्न के लिए अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स रेग्युलेटेड फंड्स ऐड करें। सिद्धांत तौर पर निवेशकों को रूल्स अप्लाई करने और नेगेटिव फैक्टर्स को समझने के बजाय सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट वीइकल जैसी पॉजिटिव चीजों की छोटी लिस्ट बनानी चाहिए और दूसरी चीजों को दरकिनार करना चाहिए।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं)
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