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कानूनी रूप से टैक्‍स फ्री इनकम चाहते हैं ? अपनाएं ये 6 टिप्‍स

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How can I make tax free money legally: इनकम टैक्स की चोरी गैरकानूनी है, लेकिन कई ऐसे तरीके होते हैं जिन पर अमल कर आप कानूनी तौर पर अपने इन्वेस्टमेंट पर हुई आमदनी पर टैक्स चुकाने से बच सकते हैं । आइए जानते हैं इन तरीकों के बारे में-

1. नॉन-वर्किंग वाइफ के जरिए इन्वेस्टमेंट
अगर आप अपनी पत्नी को कुछ रकम गिफ्ट करते हैं, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। हालांकि अगर इस पैसे को इन्वेस्ट किया जाता है तो यह आपकी इनकम में जुड़ जाएगा। सेक्शन 60 के तहत यह प्रविजन टैक्स चोरी रोकने के लिए है। अगर आपकी इनकम पर टैक्स लगता है तो क्या वाइफ के नाम पर इन्वेस्टमेंट से फायदा होगा? जवा है- हां, यह सिर्फ पहली बार आपकी इनकम में जुड़ती है।

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अगर इसे दोबारा इन्वेस्ट किया जाता है और उससे प्रॉफिट होता है तो वह आपकी पत्नी की मानी जाएगी, आपकी नहीं। इस नियम का फायदा उठाने के लिए प्तनी को रकम गिफ्ट करें और फिर उसे किसी टैक्स-फ्री इंस्ट्रूमेंट में लगाएं। इससे होने वाली आमदनी आपकी इनकम के साथ जोड़ी जाएगी, लेकिन इसके टैक्स-फ्री होने से आपकी टैक्स लायबिलिटी नहीं बढ़ेगी। आपकी वाइफ रकम को दोबारा इन्वेस्ट कर सकती हैं और इस बार होने वाला प्रॉफिट आपकी इनकम में नहीं जुड़ेगा।

2. नाबालिग के लिए टैक्स इग्जेंप्शन
अगर कोई पैरंट अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर इन्वेस्टमेंट करता है तो इनकम पैरंट के साथ जोड़ी जाती है। ऐसे इन्वेस्टमेंट पर हर साल प्रति बच्चा 1,500 रुपये की मामूली टैक्स छूट मिलती है। आप इसे अधिकतम दो बच्चों के लिए ले सकते हैं।

3. बालिग बच्चों की मदद
अगर आपका बच्चा बालिग है तो आप उसके नाम पर निवेश कर अच्छी रकम बचा सकते हैं। 18 साल के बाद व्यक्ति को अडल्ट माना जाता है और टैक्स के लिए उसकी व्यक्तिगत देनदारी बनती है। इसका मतलब है कि उसकी आमदनी पैरंट की इनकम के साथ नहीं जोड़ी जाएगी और उसे किसी दूसरे अडल्ट टैक्सपेयर की तरह ही टैक्स छूट का फायदा मिलेगा। 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को रकम गिफ्ट करना और इसके बाद टैक्स फ्री इनकम के लिए इसे इन्वेस्ट करना पूरी तरह कानूनी है।

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4. एचयूएफ बनाएं
आप हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) बनाकर इग्जेंप्शन और सेविंग लिमिट डबल कर सकते हैं। इसे किसी अन्य इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह ही इग्जेंप्शन और डिडक्शन मिलते है। इसका मतलब है कि करदाता को 2 लाख रुपये सालाना की अतिरिक्त टैक्स छूट इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C और 80D के तहत अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन और कम टैक्स स्लैब का फायदा मिलता है। यह ऑप्शन केवल हिंदू, सिख, जैन या बौद्ध पुरुषों को ही मिलता है और वह शादीशुदा भी होना चाहिए।

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5. यूलिप को रिवाइव करें
कई इन्वेस्टर्स के पास यूलिप प्लान हैं और कई लोगों ने इसका प्रीमियम चुकाना बंद कर दिया है। अगर आप ऐसे लोगों में शामिल हैं तो आप अपने यूलिप का इस्तेमाल टैक्स-फ्री इनकम कमाने के लिए कर सकते हैं। सभी बकाया प्रीमियम एक बार में चुका दें। हालांकि, इसके लिए पॉलिसी प्रीमियम न चुकाने की वजह से लैप्स नहीं होनी चाहिए। प्रीमियम चुकाते समय उन पर लगने वाले चार्जेज पर भी ध्यान दें।

6. पैरंट्स की मदद
आपके पैरंट्स भी टैक्स बचाने में आपकी कर सकते हैं। अगर पैरंट्स में से किसी एक या दोनों की ज्यादा आमदनी नहीं है और आप 30 फीसदी के ऊपरी टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आप उनके नाम पर इन्वेस्टमेंट कर टैक्स-फ्री इनकम कमा सकते हैं। हर अडल्ट को एक साल में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री होती है। सीनियर सिटिजंस (60 साल से ऊपर) के लिए यह लिमिट तीन लाख रुपये सालाना है। पैरंट्स के मामले में आमदनी टैक्सपेयर की इनकम के साथ नहीं जोड़ी जाती।

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