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ये 5 प्लान बिना रिस्क देंगे आपको अच्छा रिटर्न

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जब शेयर बाजार में गिरावट आती है तो निवेशक फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट्स में दिलचस्पी दिखाने लगते हैं। कुछ समय पहले स्मॉल सेविंग स्कीमों की ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी की गई है, जिनसे उनका आकर्षण बढ़ा है। आइए आपको 5 पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम के बारे में बताते हैं।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
इनवेस्टर्स को पीपीएफ पसंद है क्योंकि इसमें किए गए निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इस पर मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स फ्री है और मैच्योरिटी पर भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। हालांकि, इसमें एक साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश नहीं किया जा सकता। सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन प्रॉडक्ट्स की तलाश कर रहे 35 साल से कम उम्र वाले निवेशकों को सलाह है कि वे पीपीएफ में निवेश ना करें। इसकी जगह उन्हें ईएलएसएस (टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स) या एनपीएस जैसे इक्विटी में निवेश करने वाली स्कीमों की तरफ देखना चाहिए। इनमें पीपीएफ से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है।

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हालांकि, 45 साल से ज्यादा उम्र वाले निवेशकों को डेट पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए पीपीएफ का इस्तेमाल करना चाहिए। पीपीएफ पर मिलने वाला इंटरेस्ट सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ा होता है और हर तिमाही में इसकी समीक्षा की जाती है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में पीपीएफ पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ाकर 8 पर्सेंट किया गया था। कुछ एनालिस्टों का मानना है कि यह बढ़ोतरी लंबे समय तक बनी रहेगी क्योंकि कुछ तिमाहियों से सरकारी बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, कुछ का मानना है कि लंबे समय में ब्याज दरों में कमी आएगी। अगर ऐसा होता है तो पीपीएफ पर भी रिटर्न घटेगा।

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम से दिसबंर तिमाही में 7.7 पर्सेंट इंटरेस्ट मिलेगा। एक निवेशक ऐसे कई अकाउंट्स खोल सकता है। हालांकि, सिंगल अकाउंट के तहत अधिकतम 4.5 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट्स में अधिकतम 9 लाख रुपये का ही निवेश करने की आजादी है। इस स्कीम में इनवेस्टर्स को एक साल के बाद मैच्योरिटी अवधि से पहले ही रकम निकालने की सुविधा मिलती है, लेकिन जुर्माने के साथ। एक साल के बाद समयपूर्व निकासी पर 2 पर्सेंट डिडक्शन होता है, जबकि तीन साल के बाद निकासी पर 1 पर्सेंट का मामूली डिडक्शन चार्ज किया जाता है। इनवेस्टर्स को ध्यान रखना चाहिए कि इस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। इसे सेक्शन 80सी के तहत कोई छूट भी नहीं मिली हुई है। हालांकि, यह मंथली इनकम की गारंटी देती है।

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नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी)
दिसंबर तिमाही में एनएससी पर इंटरेस्ट रेट को 7.6 से बढ़ाकर 8 पर्सेंट कर दिया गया है। अब यह 5 साल की अवधि पर सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक एफडी की बराबरी पर आ गया है। पीपीएफ की तरह एनएससी में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है। आप इसमें जितना चाहें, उतना निवेश कर सकते हैं और उसे गिरवी रखकर कर्ज भी ले सकते हैं। एनएससी पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट में पीपीएफ की तरह हर तिमाही बदलाव नहीं होता और निवेश के वक्त ब्याज दर 5 साल के लिए फिक्स हो जाती है। एनएससी से मिलने वाले इंटरेस्ट को निवेशक की इनकम में जोड़कर टैक्स स्लैब के हिसाब से कर वसूला जाता है। हालांकि, इंटरेस्ट का साल में दो बार निवेश किया जाता है और मैच्योरिटी के समय प्रिंसिपल के साथ 5 साल के लिए क्युमुलेटिव इंटरेस्ट का भुगतान किया जाता है। इस तरह पहले 5 साल के लिए इंटरेस्ट से हुई कमाई पर सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख की सीमा तक टैक्स डिडक्शन मिलता है।

सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)
अगर आप बेटी की पढ़ाई या शादी के लिए पीपीएफ या बैंक डिपॉजिट्स में निवेश की सोच रहे हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना बेहतर विकल्प है। हालांकि, यह एकाउंट सिर्फ 10 साल से कम उम्र की लड़की के नाम पर खोला जा सकता है। इसमें एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। माता-पिता अधिकतम दो बेटियों के लिए यह अकाउंट्स खोल सकते हैं, हालांकि दोनों अकाउंट्स में होने वाला संयुक्त निवेश भी 1.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा नहीं हो सकता। एसएसवाई पर भी पीपीएफ की तरह सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट, टैक्स फ्री इंटरेस्ट और मैच्योरिटी पर जीरो टैक्स जैसी सुविधाएं मिलती हैं। इस पर 8.5 पर्सेंट ब्याज मिलता है, जो पीपीएफ से ज्यादा है।

सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस)
एक 3 से 5 साल के बैंक एफडी पर अभी 7.5-8 पर्सेंट का ब्याज मिल रहा है। ज्यादातर बैंक सीनियर सिटीजंस को करीब 25-50 बेसिस प्वाइंट्स ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर करते हैं। इस साल के बजट में सीनियर सिटीजंस को इंटरेस्ट से हुई कमाई पर 50,000 की अतिरिक्त छूट दी गई है, जिसने फिक्स्ड डिपॉजिट्स में निवेश करना उनके लिए आकर्षक हो गया है। वहीं, सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को बढ़ाकर 8.7 पर्सेंट सालाना कर दिया गया है, जिससे यह बैंक डिपॉजिट्स से बेहतर विकल्प बन गया है। इसमें हर तिमाही इंटरेस्ट दिया जाता है, जो सीनियर सिटीजंस के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्हें रेगुलर इनकम की जरूरत होती है। इस स्कीम में अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। यह एकाउंट किसी भी पोस्ट ऑफिस या सरकारी बैंकों की ब्रांच में खोला जा सकता है।

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