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Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
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अपनाएं ये 6 प्लान, बुढ़ापे में कभी न होंगे परेशान

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सुनील धवन
रिटायरमेंट के बाद जिंदगी के लिए सेविंग कितनी जरूरी होती है, यह हर किसी को मालूम है। हालांकि अकसर हम में से बहुत लोग सेविंग्स करने में देरी कर देते हैं। कई बार इतनी लेट हो जाते हैं कि समय ही नहीं बचता है। इसकी सबसे बड़ी वजह तो टालमटोल ही है। इसके अलावा बहुत से लोग सही प्रॉडक्ट का चयन न कर पाने की वजह से चूक जाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 6 विकल्पों के बारे में, जिनमें रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट किया जा सकता है। पढ़ें...

नैशनल पेंशन सिस्टम
इसका रेग्युलेशन पेंशन फंड रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी की ओर से किया जाता है। इस स्कीम में आपको 60 साल की आयु तक इन्वेस्ट करना होता है। इसके बाद आपको लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से हर साल जमा की गई 40 फीसदी रकम से एक राशि मिलती है, जबकि बाकी हिस्से को आप निकाल सकते हैं। एनपीएस के तहत निवेश की गई रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इससे आपको मिलने वाली सालाना वृत्ति पर जरूर टैक्स लगता है।

पब्लिक प्रविडेंट फंड
पब्लिक प्रविडेंट फंड स्कीम लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का अच्छा विकल्प है। पीपीएफ की अवधि 15 साल की होती है, लेकिन इससे मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का न लगना एक महत्वपूर्ण फीचर है। सरकार की ओर से हर तिमाही में पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर तय की जाती है। इस पर निवेश की गई राशि और ब्याज पूरी तरह सेफ होते हैं, इसलिए यह सुरक्षित निवेश है।

अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना में निवेश के लिए जरूरी है कि आपकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो। इसके अलावा आपका सेविंग अकाउंट होना भी जरूरी है। अटल पेंशन योजना के तहत 5 प्लान हैं। इनमें आपको महीने में 1,000 रुपये, 2000, 3000, 4,000 और 5,000 रुपये पेंशन के तौर पर मिलते हैं। 60 साल की आयु के बाद इस स्कीम के तहत पेंशन मिलनी शुरू होगी। आप अपनी निवेश की क्षमता के मुताबिक किसी एक प्लान को चुन सकते हैं।

एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड
ईपीएफ के तहत एंप्लॉयी को स्कीम के लिए एक निश्चित रकम हर महीने देनी होती है। इतनी ही राशि कंपनी की ओर से जमा की जाती है। रिटायरमेंट पर एंप्लॉयी को अपने और एंप्लॉयर की ओर से जमा की गई पूरी राशि ब्याज सहित मिल जाती है। इस स्कीम के तहत एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी, डीए और रिटेनिंग अलाउंस का 12 फीसदी हिस्सा जमा करता है। इतनी ही रकम एंप्लॉयी के हिस्से से भी जमा होती है।

म्युचूअल फंड स्कीम्स
रिटायरमेंट से संबंधित 4 म्युचूअल फंड स्कीम्स हैं। फ्रैंकलिन इंडिया पेंशन फंड, यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट पेंशन फंड, रिलायंस रिटायरमेंट फंड और एचडीएफसी रिटायरमेंट सेविंग्स फंड। इनके जरिए आप भविष्य में महंगाई के अनुपात में रिटर्न हासिल करने में सक्षम होते हैं। अलग-अलग स्कीमों के लिए लॉक-इन पीरियड अलग होता है।

लाइफ इंश्योरेंस पेंशन प्लान्स
लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से ऑफर किए जाने वाले यूनिट-लिंक्ड पेंशन प्लान्स में आप निवेश कर सकते हैं। इनके तहत किसी भी इंश्योरर के परिजनों को उसकी मौत के बाद लाभ मिलने तय होते हैं, इसके अलावा रिटायरमेंट ऐज पर भी आपको पूरे लाभ मिलते हैं।

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