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Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
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बफेट की तरह वैल्यू इन्वेस्टिंग से बनेगी बड़ी संपत्ति

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राहुल ओबेरॉय
लोकल स्टॉक मार्केट इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है। माइक्रोइकनॉमिक ट्रिगर्स का परफॉर्मेंस निराश करनेवाला है। क्रूड के दाम में बढ़ोतरी, उम्मीद से कम प्रॉफिट ग्रोथ, ग्लोबल ट्रेड वॉर की फिक्र और रुपये में गिरावट के चलते इस साल अब तक मिड कैप शेयरों में 15% तक की कमजोरी आ चुकी है। हालिया करेक्शन के बावजूद बाजार के कुछ कोनों से बार-बार आवाज उठती है कि मिड कैप शेयरों का रिस्क रिवॉर्ड रेशियो निवेशकों के अनुकूल नहीं है।

पिछले पांच साल में शेयर बाजार में एंट्री करनेवाले नए निवेशकों को अब शेयरों का चुनाव करने में मुश्किल हो रही है, लेकिन उनका यह मर्ज लाइलाज नहीं है। उनके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन वैल्यू इन्वेस्टिंग होगा। यह निवेश का ऐसा तरीका होता है जिसमें उन शेयरों में पैसा लगाया जाता है जिनमें उनकी असली कीमत से नीचे कारोबार हो रहा होता है।

बाजार में वैल्यू इन्वेस्टिंग के मौकों का फायदा उठाने के लिए टाटा म्यूचुअल फंड ने पिछले हफ्ते टाटा वैल्यू फंड सीरीज-1 को लॉन्च किया था। यह 1103 दिन के इन्वेस्टमेंट पीरियड वाला एक क्लोज एंडेड इक्विटी फंड है, जिसमें आनेवाला पैसा वैसे शेयरों में लगाया जाएगा जिनमें उनकी असली वैल्यू यानी ट्रू वैल्यू से कम पर ट्रेड हो रहा है।

वैल्यू फंड्स इन्वेस्टर्स को उन शेयरों में पैसा लगाने का जरिया मुहैया कराते हैं जिनमें गिरावट सीमित रहने की संभावना होती है, लेकिन अच्छी खासी आमदनी जुटाने का बढ़िया मौका होता है। जाने-माने निवेशक वॉरन बफेट कहते हैं, 'दाम वह होता है जो आप चुकाते हैं और बदले में जो चीज मिलती है, वह वैल्यू होती है। चाहे एक शेयर की बात करें या कई शेयरों की, मैं अच्छी क्वॉलिटी का सामान तभी खरीदता हूं, जब वह डिस्काउंट रेट मिलता है।'

टाटा ऐसे‌ट मैनेजमेंट की फंड मैनेजर सोनम उदासी का कहना है कि इस समय इंडियन मार्केट में वैल्यू इन्वेस्टिंग के अनुकूल मौके हैं। उदासी के मुताबिक, 'देश की ठोस आर्थिक वृद्धि दर और वैल्यू इन्वेस्टिंग के मौजूदा मौकों ने इन्वेस्टर्स के लिए वैल्यू इन्वेस्टिंग के जरिए संपत्ति बनाने का रास्ता खोल दिया है।' मिसाल के लिए पराग पारिख लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने पिछले पांच साल में सालाना 19.65% रिटर्न दिया है जबकि इस दौरान निफ्टी 500 में 16.01% सालाना की मजबूती आई है।

वैल्यू फंड के पोर्टफोलियो में आमतौर पर उन कंपनियों के शेयर होते हैं जो फंड मैनेजर की नजर में अंडरवैल्यूड होते हैं। वैल्यू इन्वेस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें उन शेयरों में पैसा लगाया जा सकता है जो कुछ समय के लिए निवेशकों की नजर से उतर जाते हैं, लेकिन उनमें आगे चलकर 'मीन' वैल्यू तक पहुंचने की कूबत होती है। वैल्यू फंड्स में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट करके निवेशक अपने लिए बहुत संपत्ति अर्जित कर सकते हैं।

मिसाल के लिए, ICICI प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने पिछले पांच साल में 23% CAGR से रिटर्न दिया है जबकि निफ्टी में इस दौरान सालाना आधार पर 12.36% मजबूती आई है। रिलायंस वैल्यू फंड और जेएम वैल्यू फंड ने जून 2013 से जून 2018 के बीच लगभग 20% सालाना रिटर्न दिया है।

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