राहुल ओबेरॉय, ETmarkets.com
दुनियाभर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू होने से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है। भारत में मैक्रो-इकनॉमिक सिचुएशन खराब है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ी है और सरकारी बैंकों में फ्रॉड के मामले सामने आने से भी बाजार का मिजाज बिगड़ा हुआ है। बावजूद इसके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में शामिल 200 कंपनियों में पैसा लगानेवाले निवेशकों की संपत्ति पिछले एक साल में दोगुनी हो गई है।
SIP शुरू करना काफी नहीं, रकम भी बढ़ाइए
वित्त वर्ष 2018 में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स, कार्बन ब्लैक, टेक्सटाइल, केमिकल और मेटल सेक्टर्स मल्टि साबित हुए हैं। ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स बनानेवाली कंपनियों- एचईजी और ग्रेफाइट इंडिया के शेयर प्राइस में वित्त वर्ष 2018 में क्रमश: 1,322 पर्सेंट और 547 पर्सेंट की तेजी आई है। गोवा कार्बन, SORIL होल्डिंग्स और जिंदल वर्ल्डवाइड ने क्रमश: 618 पर्सेंट, 498 पर्सेंट और 469 पर्सेंट का रिटर्न इस वित्त वर्ष में दिया है। बीसी पावर कंट्रोल्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर कंपनी, साधना नाइट्रो केम, आदित्य कन्ज्यूमर मार्केटिंग और मारुति उद्योग में इस दौरान 400 से 500 पर्सेंट की तेजी आई है।
दिलचस्प बात यह है कि सबसे अधिक रिटर्न देनेवाले स्टॉक्स स्मॉल कैप सेगमेंट के हैं। वित्त वर्ष 2018 में 23 मार्च तक बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने 15 पर्सेंट का रिटर्न दिया, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 10.60 पर्सेंट और सेंसेक्स में 8.98 पर्सेंट की तेजी आई। टेक्सटाइल सेगमेंट की भंसाली इंजिनियरिंग पॉलिमर्स, कांची कर्पूरम, हिमाद्रि स्पेशलिटी केमिकल और मंगलम ऑर्गेनिक्स में वित्त वर्ष 2018 में 350 पर्सेंट तक की तेजी आई। दूसरी तरफ, टीआरसी फाइनैंशल सर्विसेज, दौलत इन्वेस्टमेंट और इंडियाबुल्स वेंचर्स ने एनबीएफसी और स्टॉक ब्रोकिंग सेगमेंट में सबसे अधिक रिटर्न दिया। वहीं रामा विजन, यश केमेक्स, रघुवीर सिंथेटिक्स और ऊर्जा ग्लोबल में पिछले एक साल में 200 पर्सेंट से अधिक की तेजी आई है।
नए वित्त वर्ष से पहले क्या करें, क्या होंगे बदलाव
इस साल 29 जनवरी को सेंसेक्स और निफ्टी ने लाइफ टाइम हाई लेवल छुआ था। उसके बाद से बेंचमार्क इंडेक्स में 10 पर्सेंट तक का करेक्शन हो चुका है। इस बारे में हेम सिक्यॉरिटीज के डायरेक्टर प्रतीक जैन कहते हैं, 'नेगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स का भारतीय शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ेगा। आनेवाले महीनों में कई राज्यों में होने वाले चुनाव भी बाजार पर असर डाल सकते हैं। हमारा मानना है कि 2019 की शुरुआत में बाजार बॉटम आउट होगा।' जैन का कहना है कि निवेशकों को अभी मार्केट में बहुत पैसा नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने खासतौर पर मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में बॉटमफिशिंग से बेचने की सलाह दी।
उनका कहना है कि इन दोनों सेगमेंट के शेयरों में करेक्शन जारी रह सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच भी भारतीय शेयर बाजार पर नेगेटिव है। उसने एक रिपोर्ट में लिखा है कि इंडियन मार्केट महंगा है। आनेवाले कुछ महीनों तक इसे संघर्ष करना पड़ेगा। उसने सेंसेक्स के लिए साल के अंत तक 32,000 का टारगेट रखा है, जो मौजूदा लेवल से नीचे है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच को दोपहिया, सीमेंट और स्टेपल स्टॉक्स के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है, जिनके बिजनस में ग्रामीण भारत की बड़ी हिस्सेदारी है। उसने महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प और हिंदुस्तान यूनिलीवर में निवेश की सलाह दी है।
दुनियाभर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू होने से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है। भारत में मैक्रो-इकनॉमिक सिचुएशन खराब है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ी है और सरकारी बैंकों में फ्रॉड के मामले सामने आने से भी बाजार का मिजाज बिगड़ा हुआ है। बावजूद इसके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में शामिल 200 कंपनियों में पैसा लगानेवाले निवेशकों की संपत्ति पिछले एक साल में दोगुनी हो गई है।
SIP शुरू करना काफी नहीं, रकम भी बढ़ाइए
वित्त वर्ष 2018 में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स, कार्बन ब्लैक, टेक्सटाइल, केमिकल और मेटल सेक्टर्स मल्टि साबित हुए हैं। ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स बनानेवाली कंपनियों- एचईजी और ग्रेफाइट इंडिया के शेयर प्राइस में वित्त वर्ष 2018 में क्रमश: 1,322 पर्सेंट और 547 पर्सेंट की तेजी आई है। गोवा कार्बन, SORIL होल्डिंग्स और जिंदल वर्ल्डवाइड ने क्रमश: 618 पर्सेंट, 498 पर्सेंट और 469 पर्सेंट का रिटर्न इस वित्त वर्ष में दिया है। बीसी पावर कंट्रोल्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर कंपनी, साधना नाइट्रो केम, आदित्य कन्ज्यूमर मार्केटिंग और मारुति उद्योग में इस दौरान 400 से 500 पर्सेंट की तेजी आई है।
दिलचस्प बात यह है कि सबसे अधिक रिटर्न देनेवाले स्टॉक्स स्मॉल कैप सेगमेंट के हैं। वित्त वर्ष 2018 में 23 मार्च तक बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने 15 पर्सेंट का रिटर्न दिया, जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 10.60 पर्सेंट और सेंसेक्स में 8.98 पर्सेंट की तेजी आई। टेक्सटाइल सेगमेंट की भंसाली इंजिनियरिंग पॉलिमर्स, कांची कर्पूरम, हिमाद्रि स्पेशलिटी केमिकल और मंगलम ऑर्गेनिक्स में वित्त वर्ष 2018 में 350 पर्सेंट तक की तेजी आई। दूसरी तरफ, टीआरसी फाइनैंशल सर्विसेज, दौलत इन्वेस्टमेंट और इंडियाबुल्स वेंचर्स ने एनबीएफसी और स्टॉक ब्रोकिंग सेगमेंट में सबसे अधिक रिटर्न दिया। वहीं रामा विजन, यश केमेक्स, रघुवीर सिंथेटिक्स और ऊर्जा ग्लोबल में पिछले एक साल में 200 पर्सेंट से अधिक की तेजी आई है।
नए वित्त वर्ष से पहले क्या करें, क्या होंगे बदलाव
इस साल 29 जनवरी को सेंसेक्स और निफ्टी ने लाइफ टाइम हाई लेवल छुआ था। उसके बाद से बेंचमार्क इंडेक्स में 10 पर्सेंट तक का करेक्शन हो चुका है। इस बारे में हेम सिक्यॉरिटीज के डायरेक्टर प्रतीक जैन कहते हैं, 'नेगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स का भारतीय शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ेगा। आनेवाले महीनों में कई राज्यों में होने वाले चुनाव भी बाजार पर असर डाल सकते हैं। हमारा मानना है कि 2019 की शुरुआत में बाजार बॉटम आउट होगा।' जैन का कहना है कि निवेशकों को अभी मार्केट में बहुत पैसा नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने खासतौर पर मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में बॉटमफिशिंग से बेचने की सलाह दी।
उनका कहना है कि इन दोनों सेगमेंट के शेयरों में करेक्शन जारी रह सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच भी भारतीय शेयर बाजार पर नेगेटिव है। उसने एक रिपोर्ट में लिखा है कि इंडियन मार्केट महंगा है। आनेवाले कुछ महीनों तक इसे संघर्ष करना पड़ेगा। उसने सेंसेक्स के लिए साल के अंत तक 32,000 का टारगेट रखा है, जो मौजूदा लेवल से नीचे है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच को दोपहिया, सीमेंट और स्टेपल स्टॉक्स के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है, जिनके बिजनस में ग्रामीण भारत की बड़ी हिस्सेदारी है। उसने महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प और हिंदुस्तान यूनिलीवर में निवेश की सलाह दी है।
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