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ब्याज घटने से बढ़ीं छोटी बचत वालों की मुश्किलें

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आत्मदीप रे, कोलकाता
छोटी बचत और जमा करने वालों के लिए लगातार बुरी खबरें आ रही हैं क्योंकि नए वित्त वर्ष में सेविंग्स और बैंक डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में कमी आने के आसार दिख रहे हैं। सरकार ने रिटायरमेंट फंड पर ब्याज दरों में कमी की है और बैंक भी इसी तरह के कदम उठा रहे हैं। दरअसल, बैंकों के पास काफी फंड है और लोन ग्रोथ सुस्त होने के चलते वे इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। बैंक ऑफ इंडिया और बंधन बैंक ने इस हफ्ते ब्याज दरों में कमी की है। इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि आने वाली तिमाही में दूसरे बैंक भी डिपॉजिट रेट्स में कटौती कर सकते हैं। बैंकिंग सिस्टम के पास काफी कैश है और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट नहीं होने के चलते उनके पास लोन की मांग नहीं आ रही है।

पढ़ें: पीपीएफ, अन्य छोटी बचत योजनाओं पर 1 अप्रैल से कम ब्याज

फेडरल बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर श्याम श्रीनिवासन ने कहा, 'ये फैसले यूं ही नहीं लिए गए हैं। लोन ग्रोथ, कॉम्पिटिटिव एनवायरन्मेंट और संबंधित बैंक के क्रेडिट डिपॉजिट रेशो के हिसाब से ये चीजें तय होती हैं। इसमें क्रेडिट क्वॉलिटी को भी ध्यान में रखना होता है।' रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, 3 मार्च को खत्म पखवाड़े में बैंकों की लोन ग्रोथ 4.1% रही, जो पिछले 10 साल में सबसे कम है। बैंकिंग सिस्टम के पास पिछले महीने औसतन 4.68 लाख करोड़ का सरप्लस भी था। यह डेटा इडलवाइज फाइनैंशल सर्विसेज ने दिया है।

सरकार ने पिछले साल नवंबर में 87% करेंसी नोट्स को अमान्य घोषित कर दिया था। इस वजह से लोगों को पुरानी करेंसी में पड़ा पैसा बैंकों में जमा करने पर मजबूर होना पड़ा। इसका नतीजा यह हुआ है कि बैंकों के पास लिक्विडिटी यानी कैश काफी अधिक हो गया है।

ऐक्सिस बैंक के ट्रेजरी और मार्केट्स हेड शशिकांत राठी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया महंगाई दर को एक दायरे में रखने की कोशिश कर रहा है। वहीं, 2017 के बचे हुए समय में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दो बार रेट्स बढ़ाने के आसार दिख रहे हैं। ऐसे में डिपॉजिट रेट्स में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, 'अगर साल के अंत में सरकार के खर्च बढ़ाने के चलते अप्रैल में डिपॉजिट रेट्स में कुछ कमी होती भी है तो यह लंबे समय तक उस लेवल पर नहीं रहेगी।'

प्राइवेट सेक्टर के बंधन बैंक ने डिपॉजिट रेट्स में 31 मार्च को आधा प्रतिशत की कटौती की थी। उसने नोटबंदी के बाद दूसरी बार यह कदम उठाया है। बंधन बैंक का सबसे ज्यादा डिपॉजिट रेट 7.5% है। वहीं, एचडीएफसी बैंक का करीब एक साल के लिए 6.9% रेट है। ऐक्सिस बैंक एक लेकर दो साल से कम के डिपॉजिट पर सबसे अधिक 7% का ब्याज ऑफर कर रहा है। बंधन बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर घोष ने कहा, 'लोन ग्रोथ ऐतिहासिक तौर पर कम है।

बैंकों के पास डिपॉजिट रेट्स में कटौती के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि वे अपने पास पड़े फंड का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।' बैंक ऑफ इंडिया ने 29 मार्च को रेट्स घटाए थे। वहीं, सरकार ने पिछले शुक्रवार को पीपीएफ, सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम और सुकन्या समृद्धि के रेट में अप्रैल-जून तिमाही के लिए 1% पॉइंट की कटौती की थी। एसबीआई और एचडीएफसी बैंक सहित कई बैंकों ने नोटबंदी के महीने भर के अंदर डिपॉजिट रेट्स में कटौती की थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ये बैंक एक बार और दरों में कमी कर सकते है।

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