योगिता खत्री
अगर आपने बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल पहले निवेश किया था तो आपने इसे करीब 9 प्रतिशत के रेट पर लॉक किया होगा। अब आप इस रेट के करीब 7.5 फीसदी पर रहने की उम्मीद कर सकते हैं। अगर आप 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो इसका मतलब होगा कि आपको टैक्स के बाद रिटर्न के तौर पर महज 5 फीसदी का रेट मिलेगा। यहां कुछ ऐसे विकल्प दिए जा रहे हैं, जो बैंक एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न ऑफर कर रहे हैं।
सरकारी सेविंग्स बॉन्ड्स
ये बॉन्ड 8 फीसदी इंट्रेस्ट और सबसे ऊंचे लेवल की सेफ्टी यानी भारत सरकार की ओर से गारंटी ऑफर करते हैं। हालांकि, इस पर मिलने वाला ब्याज आपके स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होगा। इसके साथ ही इसमें 6 साल का लॉक-इन भी है। आप इन बॉन्ड्स को बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के जरिए ले सकते हैं और इसमें आपके अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। प्लानरुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अमोल जोशी के मुताबिक, 'अपने लिक्विडिटी पार्ट को लेकर सतर्क रहिए क्योंकि ये बॉन्ड न तो ट्रेडेबल हैं और न ही ट्रांसफरेबल।'
कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स
कॉर्पोरेट एफडी पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट बैंक एफडी के मुकाबले 1-2 फीसदी ज्यादा होता है। हालांकि, इन्वेस्टर्स को केवल एएए रेटेड डिपॉजिट्स पर गौर करना चाहिए ताकि पूंजी सुरक्षित रहे। सीनियर सिटीजंस को अक्सर इन एफडी में 25 बेसिस पॉइंट्स अतिरिक्त इंट्रेस्ट मिलता है।
स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स
स्मॉल सेविंग्स या पोस्ट ऑफिस स्कीमों में कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल होते हैं। ये बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा बेहतर रिटर्न देते हैं। नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी) एक अच्छा विकल्प है, अगर आपके इन्वेस्टमेंट की अवधि पांच साल की है। ये 8 फीसदी का आकर्षक रिटर्न देते हैं। सबसे ऊंचे टैक्स ब्रैकेट वालों के लिए नेट आफ्टर टैक्स रिटर्न करीब 5.6 फीसदी रहता है। किसान विकास पत्र भी एक लॉन्ग-टर्म ऑप्शन है। इसमें आपका इन्वेस्टमेंट 9 साल 4 महीने में दोगुना हो जाता है।
पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) एक ऑल सीजन प्रॉडक्ट है जिसमें इग्जेंप्ट-इग्जेंप्ट-इग्जेंप्ट स्टेटस रहता है। जोशी के मुताबिक, 'यह एक बेस्ट ऑप्शन बना हुआ है, हालांकि, इसके रेट्स गिरकर 8 फीसदी पर आ गए हैं।' 10 साल से कम उम्र वाली बेटी के माता-पिता 8.5 फीसदी इंट्रेस्ट वाली सुकन्या समृद्धि योजना में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
डेट फंड्स
डेट फंड्स में बैंक एफडी से बेहतर रिटर्न मिलता है और ये बढ़िया लिक्विडिटी भी देते हैं। हालांकि, इनमें रिटर्न मार्केट लिंक्ड है, ऐसे में इसमें कुछ रिस्क शामिल होते हैं। इडलवाइज म्यूचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम के सीआईओ धवल दलाल के मुताबिक, 'अनुभवी फंड मैनेजमेंट टीम वाले एक मजबूत रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम वाले स्थापित फंड हाउसों का चुनाव करें।' डेट फंड्स की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलते हैं, अगर आप कम-से-कम तीन साल के लिए इन्वेस्ट करते हैं। हकीकत यह है कि अगर आप 31 मार्च को खत्म होने वाले फाइनैंशल इयर से पहले इन्वेस्ट करते हैं तो आपको चार साल के लिए इंडेक्सेशन का फायदा होगा।
अगर आपने बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल पहले निवेश किया था तो आपने इसे करीब 9 प्रतिशत के रेट पर लॉक किया होगा। अब आप इस रेट के करीब 7.5 फीसदी पर रहने की उम्मीद कर सकते हैं। अगर आप 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो इसका मतलब होगा कि आपको टैक्स के बाद रिटर्न के तौर पर महज 5 फीसदी का रेट मिलेगा। यहां कुछ ऐसे विकल्प दिए जा रहे हैं, जो बैंक एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न ऑफर कर रहे हैं।
सरकारी सेविंग्स बॉन्ड्स
ये बॉन्ड 8 फीसदी इंट्रेस्ट और सबसे ऊंचे लेवल की सेफ्टी यानी भारत सरकार की ओर से गारंटी ऑफर करते हैं। हालांकि, इस पर मिलने वाला ब्याज आपके स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होगा। इसके साथ ही इसमें 6 साल का लॉक-इन भी है। आप इन बॉन्ड्स को बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के जरिए ले सकते हैं और इसमें आपके अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। प्लानरुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अमोल जोशी के मुताबिक, 'अपने लिक्विडिटी पार्ट को लेकर सतर्क रहिए क्योंकि ये बॉन्ड न तो ट्रेडेबल हैं और न ही ट्रांसफरेबल।'
कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स
कॉर्पोरेट एफडी पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट बैंक एफडी के मुकाबले 1-2 फीसदी ज्यादा होता है। हालांकि, इन्वेस्टर्स को केवल एएए रेटेड डिपॉजिट्स पर गौर करना चाहिए ताकि पूंजी सुरक्षित रहे। सीनियर सिटीजंस को अक्सर इन एफडी में 25 बेसिस पॉइंट्स अतिरिक्त इंट्रेस्ट मिलता है।
स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स
स्मॉल सेविंग्स या पोस्ट ऑफिस स्कीमों में कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल होते हैं। ये बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा बेहतर रिटर्न देते हैं। नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी) एक अच्छा विकल्प है, अगर आपके इन्वेस्टमेंट की अवधि पांच साल की है। ये 8 फीसदी का आकर्षक रिटर्न देते हैं। सबसे ऊंचे टैक्स ब्रैकेट वालों के लिए नेट आफ्टर टैक्स रिटर्न करीब 5.6 फीसदी रहता है। किसान विकास पत्र भी एक लॉन्ग-टर्म ऑप्शन है। इसमें आपका इन्वेस्टमेंट 9 साल 4 महीने में दोगुना हो जाता है।
पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) एक ऑल सीजन प्रॉडक्ट है जिसमें इग्जेंप्ट-इग्जेंप्ट-इग्जेंप्ट स्टेटस रहता है। जोशी के मुताबिक, 'यह एक बेस्ट ऑप्शन बना हुआ है, हालांकि, इसके रेट्स गिरकर 8 फीसदी पर आ गए हैं।' 10 साल से कम उम्र वाली बेटी के माता-पिता 8.5 फीसदी इंट्रेस्ट वाली सुकन्या समृद्धि योजना में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
डेट फंड्स
डेट फंड्स में बैंक एफडी से बेहतर रिटर्न मिलता है और ये बढ़िया लिक्विडिटी भी देते हैं। हालांकि, इनमें रिटर्न मार्केट लिंक्ड है, ऐसे में इसमें कुछ रिस्क शामिल होते हैं। इडलवाइज म्यूचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम के सीआईओ धवल दलाल के मुताबिक, 'अनुभवी फंड मैनेजमेंट टीम वाले एक मजबूत रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम वाले स्थापित फंड हाउसों का चुनाव करें।' डेट फंड्स की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलते हैं, अगर आप कम-से-कम तीन साल के लिए इन्वेस्ट करते हैं। हकीकत यह है कि अगर आप 31 मार्च को खत्म होने वाले फाइनैंशल इयर से पहले इन्वेस्ट करते हैं तो आपको चार साल के लिए इंडेक्सेशन का फायदा होगा।
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