नेहा पांडेय, मुंबई
क्या आप होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं? ऐसे में हो सकता है कि आप EMI कम रखने के लिए लंबे वक्त के लिए लोन लेने के बारे में सोचें। मार्केट में बहुत से लेंडर्स हैं जो आपको 25 से 30 साल तक लोन ऑफर करते नजर आएंगे। लेकिन लॉन्ग टर्म लोन में इंट्रेस्ट पेमेंट बहुत ज्यादा होगा। 10% इंट्रेस्ट पर 10 साल के लोन में इंट्रेस्ट लोन की रकम के 59% बराबर होगा। लेकिन अगर आपने 20 साल के लिए लोन लिया है तो यह 131% तक पहुंच सकता है।
मिसाल के लिए अगर आपने 25 साल के लिए 50 लाख का लोन 10% ब्याज पर लिया है। इसमें आप सिर्फ इंट्रेस्ट पर ही ~86.3 लाख यानी लोन की रकम 172% चुका देंगे। फाइनैंशल ट्रेनर P V सुब्रमण्यम कहते हैं, 'लोन लेना नेगेटिव कंपाउंडिंग जैसा है। टेन्योर जितना ज्यादा होगा बैंक को आपसे मिलने वाला कंपाउंड इंटरेस्ट उतना ही ज्यादा होगा।'
कभीकभार ज्यादा समय के वास्ते लोन लेना जरूरी हो जाता है। कम इनकम वाले ज्यादा लोन नहीं ले पाएंगे अगर टेन्योर कम यानी 10 साल तक होता है। उसको यह देखना होगा कि EMI उसकी पॉकेट के हिसाब से हो। ऐसे बॉरोअर्स के लिए इनकम में बढ़ोतरी के हिसाब से हर साल EMI की रकम बढ़ाना फायदेमंद होता है।
EMI की रकम बढ़ाने से टेन्योर नाटकीय तरीके से घट सकती है। यहां तक कि EMI में हर साल 1% बढ़ोतरी भी 20 साल के रीपेमेंट टर्म में खासी कमी ला सकता है। मान लिया कि बॉरोअर की सैलरी हर साल 8 से 10% बढ़ रही है तो अगर आप EMI भी इसी अनुपात में बढ़ाना मुश्किल नहीं होगा। हर साल EMI में 5% बढ़ोतरी करने पर आपका टेन्योर आठ साल से भी ज्यादा घट सकता है।
अगर आप इसमें हर साल 10% बढ़ोतरी करते हैं तो आपका लोन 9 साल 3 महीने में ही खत्म हो जाएगा। अगर बॉरोअर EMI हर साल 20% बढ़ा देता है तो वह सिर्फ सात साल में ही कर्ज मुक्त हो जाएगा।
क्या आप होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं? ऐसे में हो सकता है कि आप EMI कम रखने के लिए लंबे वक्त के लिए लोन लेने के बारे में सोचें। मार्केट में बहुत से लेंडर्स हैं जो आपको 25 से 30 साल तक लोन ऑफर करते नजर आएंगे। लेकिन लॉन्ग टर्म लोन में इंट्रेस्ट पेमेंट बहुत ज्यादा होगा। 10% इंट्रेस्ट पर 10 साल के लोन में इंट्रेस्ट लोन की रकम के 59% बराबर होगा। लेकिन अगर आपने 20 साल के लिए लोन लिया है तो यह 131% तक पहुंच सकता है।
मिसाल के लिए अगर आपने 25 साल के लिए 50 लाख का लोन 10% ब्याज पर लिया है। इसमें आप सिर्फ इंट्रेस्ट पर ही ~86.3 लाख यानी लोन की रकम 172% चुका देंगे। फाइनैंशल ट्रेनर P V सुब्रमण्यम कहते हैं, 'लोन लेना नेगेटिव कंपाउंडिंग जैसा है। टेन्योर जितना ज्यादा होगा बैंक को आपसे मिलने वाला कंपाउंड इंटरेस्ट उतना ही ज्यादा होगा।'
कभीकभार ज्यादा समय के वास्ते लोन लेना जरूरी हो जाता है। कम इनकम वाले ज्यादा लोन नहीं ले पाएंगे अगर टेन्योर कम यानी 10 साल तक होता है। उसको यह देखना होगा कि EMI उसकी पॉकेट के हिसाब से हो। ऐसे बॉरोअर्स के लिए इनकम में बढ़ोतरी के हिसाब से हर साल EMI की रकम बढ़ाना फायदेमंद होता है।
EMI की रकम बढ़ाने से टेन्योर नाटकीय तरीके से घट सकती है। यहां तक कि EMI में हर साल 1% बढ़ोतरी भी 20 साल के रीपेमेंट टर्म में खासी कमी ला सकता है। मान लिया कि बॉरोअर की सैलरी हर साल 8 से 10% बढ़ रही है तो अगर आप EMI भी इसी अनुपात में बढ़ाना मुश्किल नहीं होगा। हर साल EMI में 5% बढ़ोतरी करने पर आपका टेन्योर आठ साल से भी ज्यादा घट सकता है।
अगर आप इसमें हर साल 10% बढ़ोतरी करते हैं तो आपका लोन 9 साल 3 महीने में ही खत्म हो जाएगा। अगर बॉरोअर EMI हर साल 20% बढ़ा देता है तो वह सिर्फ सात साल में ही कर्ज मुक्त हो जाएगा।
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