[ बिंदिशा सारंग ] मुंबई के राजेश शेट्टी जुलाई 2011 से नौकरी पर नहीं हैं। उनके एम्प्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) एकाउंट में रकम जस की तस है क्योंकि वह चाहते थे कि इस पर तीन साल तक इंटरेस्ट मिलता रहे, जिसकी इजाजत कानून देता है। हालांकि अब उनके ईपीएफ एकाउंट में पड़े 9 लाख रुपये पर ब्याज नहीं जुड़ रहा है। उन्होंने पैसा नहीं निकाला और इस तरह सालाना ब्याज के रूप में उन्हें 80,000 रुपये की चपत लग रही है, जो उन्हें यह रकम कहीं और निवेश करने पर मिलती। फाइनेंस मिनिस्ट्री के अनुसार, ईपीएफओ के पास ऐसे 9,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हुए हैं। पिछले साल बजट स्पीच में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड का प्रस्ताव किया था ताकि पेंशनर्स, छोटे और सीमांत किसानों तथा दूसरे लोग जो प्रीमियम चुकाते हैं, उसे सब्सिडाइज्ड किया जाए। हालांकि फाइनेंस मिनिस्टर पीपीएफ के अनक्लेम्ड 3,000 करोड़ रुपये और पीपीएफ के ऐसे 6,000 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल इस काम में करना चाहते हैं। जेटली का प्रस्ताव तभी लागू होगा, जब उस पर संसद की मुहर लगे, लेकिन जिन ईपीएफ और पीपीएफ एकाउंट होल्डर्स ने अपनी रकम क्लेम नहीं की है, उनके लिए चिंता की दूसरी वजहें हैं। अब मुंबई की गृहिणी भाविनी शाह का ही उदाहरण लें। 29 साल की भाविनी ने परिवार संभालने की जिम्मेदारियों को देखते हुए नौकरी छोड़ी थी। हालांकि उन्होंने ईपीएफ का अपना पैसा नहीं निकाला। अपने एकाउंट में पड़े 80,000 रुपयों को उन्होंने अगर पीपीएफ में भी रीइनवेस्ट किया होता तो उस पर उन्हें 7,000 रुपये सालाना ब्याज मिलता। अगर उन्होंने अपना पैसा फंड्स में लगाया होता तो रिटर्न 12 से 15 पर्सेंट तक रहा होता। पैसा वापस पाने का तरीका अगर पिछले 36 महीनों से अपने ईपीएफओ एकाउंट में आपने कंट्रीब्यूशन नहीं किया हो, यह निष्क्रिय हो जाएगा और इस पर ब्याज नहीं मिलेगा। अगर एकाउंट डिटेल्स आपके पास हों, तो ईपीएफओ वेबसाइट पर जाकर क्लेम फॉर्म भरें और इसे ईपीएफओ ऑफिस में जमा करें। अगर डिटेल्स न हों तो आप वेबसाइट पर ऑनलाइन हेल्पडेस्क ऑप्शन यूज कर सकते हैं। दूसरे लोगों को पैसा निकालने के लिए फॉर्म 19 भरना होगा, जो उनके पिछले एम्प्लॉयर या ईपीएफओ की वेबसाइट पर मिलेगा। फॉर्म 19 जमा करने पर आपका पुराना एम्प्लॉयर इसे अटेस्ट करेगा और ईपीएफओ के पास भेजेगा। आपको रेजिग्नेशन एक्सेप्टेंस लेटर और एक कैंसल्ड चेक जैसे कुछ दूसरे डॉक्युमेंट्स भी जमा करने होंगे। अर्न्स्ट एंड यंग में ह्यूमन कैपिटल सर्विसेज के टैक्स पार्टनर और नेशनल लीडर सोनू अय्यर कहते हैं, 'अगर कोई दो महीनों से नौकरी पर न हो या जिस नए ऑर्गनाइजेशन में उसने ज्वाइन किया हो, वहां ईपीएफ न हो, तो वह शख्स ईपीएफ की रकम निकाल सकता है।' ईपीएफ से पैसे निकालने या ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन अवेलबल है। अगर आपके पास पिछले साल लॉन्च किया गया 12 डिजिट वाला यूनिवर्सल एकाउंट नंबर हो, तो आप ऑनलाइन रूट से काम कर सकते हैं। निष्क्रिय PPF एकाउंट को कैसे करें एक्टिव अगर किसी साल आप पीपीएफ एकाउंट में पैसे जमा न कर पाएं तो यह इन-ऑपरेटिव हो जाता है। इसे एक्टिव करने के लिए आपको 500 रुपये प्रति साल की दर से छूट गए हर फाइनेंशियल ईयर के लिए रकम जमा करनी होगी। रीएक्टिवेशन के लिए आपको अपने संबंधित पोस्ट ऑफिस या बैंक की ब्रांच में जाना होगा, जहां आपका एकाउंट हो। वहां आपको एक लेटर जमा करना होगा। आपको पीपीएफ एकाउंट में मिनिमम 500 रुपये हर साल जमा करने होते ही हैं, तो वह रकम भी नए सिरे से शुरुआत करते वक्त जमा करनी होगी। साथ ही, हर डिफॉल्टिंग ईयर के लिए 50 रुपये की पेनाल्टी भी देनी होगी। सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर सुरेश सदगोपन का कहना है कि अगर आपका पीपीएफ एकाउंट मैच्योर हो गया हो तो आप मैच्योरिटी की डेट के बाद कोई ब्याज नहीं पाएंगे। मैच्योर हो चुके एकाउंट को रीएक्टिवेट नहीं कराया जा सकता है। हालांकि एमाउंट क्लेम करने के लिए पेनाल्टी देनी होगी।
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