भारत में महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्राथमिकता में नहीं है। हाल के एक सर्वे में पाया गया कि केवल 39 पर्सेंट महिलाओं के पास हेल्थ कवर था। इसमें से 22 पर्सेंट ने अपने लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी, जबकि बाकी को उनके पुरुष रिश्तेदारों या एम्प्लॉयर्स की ओर से खरीदी गई पॉलिसीज के जरिए कवर मिल रहा था।
आईसीआईसीआई लोंबार्ड की ओर से किए गए इस सर्वे में पता चला है कि 2014 में महिलाओं की ओर से किए जाने वाले क्लेम में बढ़ोतरी के बावजूद बहुत अधिक महिलाएं हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। इसकी वजह हेल्थ कवर की जरूरत को लेकर जागरूकता कम होना है। क्या महिलाओं को उनके लिए मौजूद हेल्थ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स खरीदने चाहिए?
बजाज आलियांज, एगॉन रेलिगेयर लाइफ और टाटा-एआईजी जनरल ऐसे प्रॉडक्ट्स या राइडर बेनेफिट्स पेश कर रही हैं, जो केवल महिलाओं के लिए हैं। टाटा एआईजी की वेलश्योरेंस विमिन पॉलिसी हॉस्पिटलाइजेशन और क्रिटिकल इलनेस कवर का एक कॉम्बिनेशन है, जो 11 गंभीर बीमारियों के लिए कवर देती है। एगॉन रेलिगेयर का विमिन केयर राइडर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ जुड़ा है और महिलाओं से जुड़ी गंभीर बीमारियों के साथ नवजात शिशुओं की अक्षमताओं को भी कवर करता है।
बजाज आलियांज का विमिन-स्पेसिफिक क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस 8 गंभीर बीमारियों के लिए कवर देता है। इसमें अक्षमताओं के साथ बच्चे के जन्म के मामले में सम इंश्योर्ड का 50 पर्सेंट देने की भी पेशकश की जाती है। ये सभी प्राइमरी डिफाइंड बेनेफिट प्रॉडक्ट्स हैं और इस वजह से इंश्योरेंस की रकम क्लेम करने पर ही दी जाती है।
क्या इनसे फायदा होगा? महिला के तौर पर आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास कम से कम 5 लाख रुपये का कवर एक फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के तहत हो। अगर आपके पास बजट है तो आप एक टॉप-अप कवर भी खरीद सकती हैं। यह आपकी 5 लाख रुपये की बेस पॉलिसी के समाप्त होने पर काम आएगा। अगर आप क्रिटिकल इलनेस कवर्स खरीदना चाहती हैं तो आपको पहले उनके नियम और शर्तों को देखना चाहिए। कवरफॉक्स इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर (हेल्थ इंश्योरेंस) महावीर चोपड़ा ने बताया, 'महिलाओं के लिए बमुश्किल ही कोई अच्छा स्पेशलाइज्ड प्लान उपलब्ध हैं। इंश्योरेंस कंपनियों ने ऐसे प्लान पेश करने की कोशिश की है, लेकिन रेगुलर प्लांस के मुकाबले ये ज्यादा बेहतर नहीं दिखते।'
सिर्फ महिलाओं पर केंद्रित इंश्योरेंस प्लांस का प्रीमियम 900 से 3,000 रुपये के बीच होता है, जो सम इंश्योर्ड, महिलाओं से जुड़ी गंभीर बीमारियों और हॉस्पिटलाइजेशन के कवर पर निर्भर करता है। दूसरी ओर, रेग्युलर हेल्थ प्लान में इन्हीं बीमारियों के लिए कवर काफी कम प्रीमियम पर मिल जाता है। पहली नजर में महिलाओं के लिए उपलब्ध ये हेल्थ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन क्या इन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए? चोपड़ा के मुताबिक, 'आपको स्पेशलाइज्ड प्रॉडक्ट खरीदने से पहले दोनों तरह की पॉलिसीज के प्रीमियम को देखना चाहिए। रेग्युलर प्लान इस तरह के स्पेशलाइज्ड प्रॉडक्ट्स से अक्सर बेहतर होते हैं।'
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