[ प्रीति कुलकर्णी | मुंबई ] बीमा नियामक इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवलेपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम को 14 पर्सेंट से बढ़ाकर 108 पर्सेंट किए जाने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया मांगी है। हालांकि इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले लोगों के मुताबिक प्रीमियम में इतनी अधिक बढ़ोतरी नहीं होगी। एक प्राइवेट जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, 'पिछले साल की तरह ही इस साल प्रीमियम में मामूली बढ़ोतरी की जाएगी। यह 20 पर्सेंट से अधिक नहीं होगा।' फरवरी 2014 में बीमा नियामक ने निजी कारों के लिए प्रीमियम में 25-136 पर्सेंट जबकि दोपहिया वाहनों के लिए 0.96-45 पर्सेंट बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। हालांकि बाद में नियामक ने केवल 20 पर्सेंट की बढ़ोतरी की। थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस अनिवार्य होता है, जिसकी वजह से वाहन के ओनर को सड़क हादसे के पीड़ितों को मुआवजा नहीं देना पड़ता। दुर्घटना के मामले में पीड़ित कितनी भी रकम मुआवजे के तौर पर मांगने को आजाद होता है। लेकिन थर्ड पार्टी प्रीमियम के मामले में लिमिट होती है। बीमा कंपनियां इस लिमिट को हटाए जाने के पक्ष में हैं ताकि वह रिस्क के मुताबिक प्रीमियम चार्ज कर सकें। मुंबई के एक इंश्योरेंस ब्रोकर ने कहा, 'रेगुलेटर और इंश्योरेंस कंपनियां इस बात को समझती हैं कि प्रीमियम को बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसलिए प्रस्ताव में भारी बढ़ोतरी का जिक्र किया गया है। हालांकि आखिरी फैसले के तहत प्रीमियम की रकम में मामूली बढ़ोतरी ही की जाएगी।' इसके अलावा कुल मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में थर्ड पार्टी की हिस्सेदारी महज 1-2 पर्सेंट होती है। इसलिए अगर बढ़ोतरी होती भी है तो टोटल प्रीमियम पर उसका कम असर होगा। आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो प्रीमियम में कुछ सौ रुपये की बढ़ोतरी होगी।
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