Quantcast
Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

मेडिकल इंश्योरेंस सेगमेंट का भी बदलेगा सीन

$
0
0

[ चंद्रकला मुखर्जी | बेंगलुरु ]

इंश्योरेंस बिल के पास होने से बीमा कंपनियों को अधिक फंड मिलेगा और इससे इंडस्ट्री में नई कंपनियां भी आ सकती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए कानून से देश में इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे नए तरह के प्रॉडक्ट्स बाजार में आएंगे। कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन के चलते प्रीमियम में कमी आ सकती है और कस्टमर्स को प्रॉडक्ट चुनने के मामले में अधिक आजादी मिलेगी।

इस मामले में आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस में अंडरराइटिंग और क्लेम्स के चीफ संजय दत्ता ने कहा, 'फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट बढ़ने के चलते खास प्रॉडक्ट्स में महारत रखने वाली विदेशी री-इंश्योरेंस कंपनियों की एंट्री बाजार में हो सकती है। वे अपनी नॉलेज भारतीय पार्टनर को दे सकती हैं, जिससे इनोवेटिव प्रॉडक्ट्स लाने में मदद मिलेगी।'

फॉरेन इनवेस्टमेंट लिमिट बढ़ाने के अलावा इंश्योरेंस लॉज (अमेंडमेंट) बिल में 110 और क्लॉज दिए गए हैं। हालांकि इनमें से सिर्फ एक ही 'हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस' से जुड़ा है। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक हेल्थ इंश्योरेंस जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री का हिस्सा रहा है। इस सेगमेंट में ट्रैवल, ऑटोमोबाइल, होम, कमर्शियल, फायर जैसी पॉलिसीज भी आती हैं। नए बिल में कहा गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस डोमेस्टिक के साथ इंटरनेशनल ट्रैवल के दौरान भी लागू होगी। इसका मतलब यह नहीं है कि इनडेम्निटी प्लान से पूरी दुनिया में हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज मिलेगी। नए बिल के बावजूद कुछ प्लान सिर्फ भारत में ही इफेक्टिव होंगे।

इस बारे में बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रेसिडेंट और चीफ टेक्निकल ऑफिसर टी ए रामलिंगम ने कहा, 'नए कानून का मतलब यह नहीं है कि बीमा कंपनी को सभी पॉलिसी पर पूरी दुनिया में मेडिकल कवर देना होगा। हालांकि इस अमेंडमेंट को लेकर हम सरकार की ओर से तस्वीर साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।'

अब तक ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान में विदेश यात्रा के दौरान का मेडिकल रिस्क कवर होता था। दत्ता ने कहा, 'अब हम खास इनडेम्निटी प्लान ला सकते हैं, जिससे हमारे कस्टमर्स को वर्ल्डवाइड मेडिकल कवरेज मिलेगी। इन्हें ऐड ऑन या पॉलिसी के हिस्से के तौर पर लिया जा सकेगा। इनमें सम एश्योर की रकम भी अधिक होगी।' दत्ता ने कहा कि 10 लाख या इससे अधिक रकम की पॉलिसी पर ये सुविधाएं दी जा सकती हैं। अभी भी रेलिगेयर हेल्थ और सिग्ना टीटीके जैसी नई कंपनियां वर्ल्डवाइड मेडिकल कवर प्रोवाइड कर रही हैं। हालांकि सिग्ना टीटीके के प्लान में जहां सिर्फ इमरजेंसी ट्रीटमेंट शामिल है, वहीं रेलिगेयर हेल्थ यह बेनेफिट सिर्फ 50 से 60 लाख की पॉलिसी पर ही दे रही है।

हालांकि बेहतर कवरेज के चलते प्रीमियम की रकम भी बढ़ सकती है। दत्ता ने बताया, 'विदेश में मेडिकल कॉस्ट काफी अधिक है। हमें प्राइसिंग में इस रिस्क को शामिल करना होगा। हम अमेरिका और गैर-अमेरिकी देशों की दो कैटेगरी में पॉलिसी ला सकते हैं। अमेरिका में कवरेज वाली पॉलिसी अधिक महंगी हो सकती है।'

बिल में नई मेडिक्लेम कंपनी खोलने के लिए जरूरी कैपिटल को 100 करोड़ रुपये से घटाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे इस सेगमेंट में ज्यादा कंपनियों के आने के लिहाज से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे डोमेस्टिक मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियों की संख्या बढ़ सकती है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>