Quantcast
Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

pathshala file

$
0
0

मार्जिन ट्रेडिंग

1. मार्जिन ट्रेडिंग में ब्रोकर से उधार लेकर शेयरों की खरीदारी की जाती है। इसमें खरीदे गए शेयर जमानत के तौर पर ब्रोकर के पास गिरवी रहते हैं।

2. समझने के लिए उदाहरण लेते हैं। 100 रुपये की खरीदारी के लिए ब्रोकर 50 रुपये एक फिक्स्ड रेट पर उधार दे सकता है यानी मार्जिन फंडिंग कर सकता है जबकि बाकी 50 रुपये इनवेस्टर को लगाने होंगे।

3. अगर शेयर 30 दिन में बढ़कर 102 रुपये तक पहुंचता है तो इनवेस्टर ब्रोकर को 50 रुपये ब्याज समेत लौटा देगा। बाकी पैसा इनवेस्टर की जेब में जाएगा। फायदा बराबर बांटा जाता है तो 50 रुपये के इनवेस्टमेंट पर ब्रोकर और इनवेस्टर दोनों को 24 पर्सेंट का एनुअल रिटर्न मिलेगा।

4. इंटरेस्ट रेट रिटर्न पर्सेंटेज से जितना कम होगा इनवेस्टर का फायदा उतना ही ज्यादा होगा। रिटर्न पर्सेंटेज कम रहने पर ब्रोकर का फायदा ज्यादा होगा।

5. मार्जिन ट्रेडिंग रिस्की होती है। अगर शेयर 98 रुपये पर आ जाता है तो इनवेस्टर उधार के 50 रुपये ब्याज सहित ब्रोकर को लौटाएगा। इसमें इनवेस्टर को दो रुपये के साथ ब्रोकर को चुकाए गए ब्याज का नुकसान होगा।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

Trending Articles