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3 एक्सपर्ट्स से जानिए 2020 में पैसे बनाने का सुपर मंत्र

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सुधा श्रीमाली, मुंबई
2020 में सही समय पर, सही जगह निवेश कर पैसे बनाने का अचूक मंत्र जानने के लिए हमने अग्रणी एक्सपर्ट्स के साथ फेसबुक लाइव किया और रीडर्स के सवालों के जवाब भी दिए। जानकारों का मानना है कि इकॉनमी में मंदी का माहौल जल्द खत्म होगा। यह सही समय है जब शेयर बाजार में निवेश किया जाए। शेयर बाजार में किन सेक्टरों में किस तरह के शेयरों में निवेश किया जाए, टैक्स बचत के लिए ELSS व ULIP में निवेश के नफे-नुकसान से लेकर गोल्ड ऐंड रियल एस्टेट में रिटर्न की कितनी गुंजाइश है। इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने खुलकर अपने विचार रखे। आइए जानें इस साल का मंत्री मंत्र, तीन एक्सपर्ट्स की जुबानी।

2020 में इक्विटी का वेटेज बढ़ाएंः एस.पी. तुलस्यान
पिछले ढ़ाई साल में मिड-स्मॉल कैप शेयरों की बहुत पिटाई हुई है और हमने देखा कि 2019 में सारा फोकस फ्रंटलाइन शेयरों में रहा। अब 2020 के लिए बेहतर रणनीति यह है कि अपने पोर्टफोलियो में 50-60 पर्सेंट फ्रंटलाइन और 40 पर्सेंट मिड-स्मॉल कंपनियों के स्टॅाक्स में रखा जाए। यहां पी/ई ए‌क्सपैंशन और इकॉनमिक रिवाइवल के कारण बहुत अवसर बने हैं। सरकार की 2 लाख करोड़ की इंफ्रा पॉलिसी के असर भी होगा। निवेश आएगा और ऐसे में बाजार में नियर टर्म का व्यू लेने की बजाय साल से डेढ़ साल का व्यू लें। इंडियन इकॉनमी में रिवाइवल की भरपूर आशाएं बन रही हैं। कंपनियों की प्रॉ‌फिट ग्रोथ भी आएगी। ऐसे में इक्विटी, डेट व गोल्ड का सही मिक्स कर सही पोर्टफोलियो बनाएं।

इंडेक्स का पीई मायने नहीं रखता
हर कोई महंगी चीज लेना पसंद करता है, लेकिन बाजार गिरता है तो लोगों को सस्ते स्टॉक्स आकर्षित नहीं करते। बस, यही समस्या है। उदाहरण के लिए इंडेक्स 22 के मल्टिपल का है और एचयूएल 50 के मल्टिपल पर है तो वह लेना है, लेकिन अगर कोई अच्छा स्टॉक 12 के पी/ई मल्टिपल पर मिल रहा है तो वह नहीं लेना है।

मिड कैप म स्मॉल कैप में देखें

मिड कैप में 12-15 पी/ई मल्टिपल और स्मॉल कैप में सिंगल डिजिट का पीई देखें। अगर कंपनी पर इंटरेस्ट का बर्डन नहीं है और वह पीबीटी से ज्यादा है, प्रमोटर की होल्डिंग ठीक-ठीक है तो उस पर नजर रखें। मिड व स्मॉल कैप खाने में आचार की तरह है, जिसके बिना खाने का मजा नहीं।

फ्रंट लाइन
पोर्टफोलियो में 50 पर्सेंट फ्रंट लाइन शेयरों का होना अच्छा है, फिर भले ही वो 25 से लेकर 50 के पी/ई मल्टिपल तक कुछ भी हो। उदारहण के लिए एचडीएफसी फैमिली के स्टॉक्स आप बैंक से लेकर इंश्योरेंस तक किसी पर भी दांव लगाते हैं तो वह अच्छा रिटर्न की उम्मीद देंगे। सेक्टर हमेशा बदलते रहें। सभी का टर्नअराउंड आता है।

इन चारों के दिन

स्टील इंडस्ट्री, सीमेंट,ऑटो ऐंसिलरी और केमिकल के अच्छे दिन आने वाले हैं। स्टील कंपनियों ने अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। 2 महीने में स्टील के स्टॉक्स 50-70 पर्सेंट भागे हैं। ऑटो ऐंसिलरी में क्रेडिट की डिमांड आ रही है। केमिकल में चीन की समस्या के अलावा मार्जिन एक्सपैंशन ज्यादा होने से काफी उम्मीद है। स्टील व सीमेंट में वॉल्यूम ग्रोथ बढ़ेगी। ऑपरेटिंग लिवरेज का फायदा मिलेगा।

रिफॉर्म ने किया कमाल
रेकलेस लेंडिंग पर लगाम लग गई है। आईबीसी कोड आने के बाद रिकवरी मुमकिन हुई है। विलफुल डिफॉल्टर घबरा गए हैं। क्रेडिट रिस्क कम हुई है। अब आपके पैसे डूबने का खतरा कम हो गया है।
- ऐसेट क्लास के रूप में इक्विटी लीड करेगा और वहां आपको पॉजिटिव रिटर्न मिलेगा
- 2020 में कन्जंप्शन बेस्ड स्टॉक्स भी अच्छे रहेंगे
- कोर सेक्टर की बात करें तो वहां भरपूर रिवाइवल है।
- एनबीएफसी में क्रेडिड उपलब्धता की समस्या नहीं, बल्कि क्रेडिट के योग्य होनी की समस्या ज्यादा है।

डेट मार्केट
-इंटरेस्ट रेट साइकिल बॉटम आउट हो गया है और एेसे में यहां बने रहा नुकसानदायक है
- ब्याज दरों में 25 बेसिस पाउंट से ज्यादा की अब गिरावट नहीं लगती। एेसे में आप रिटर्न की ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते

बुरे टाइम का भी अपना महत्व हैः कमलेश राव
फंडामेंटल्स और निफ्टी, दोनों एकदम अलग तस्वीर दिखा रहे हैं। अब इकनॉमिक ग्रोथ के तेज रफ्तार पकड़ने का वक्त आ गया है। ऐसा नहीं होने पर मार्केट को मुसीबतों को सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इमर्जिंग मार्केट्स में इनफ्लो खासतौर पर पिछले दो महीनों में बढ़ा है। हमें पूरा भरोसा है कि मार्च तक देश की जीडीपी ग्रोथ बढ़ने लगेगी। डायनामिक्स चेंज हुए हैं। सरकार का इरादा साफ है और वह सुधार लाना चाहती हैं। हां, यह चेंज थोड़ा स्लो होगा और बदलाव भी अचानक नहीं आएगा। क्योंकि जीएसटी का उम्मीद के मुताबिक सग्रंह नहीं हुआ है और आरबीआई की भी अब और बहुत ज्यादा रेट कट को लेकर संभावना कम ही लगती है। एेसे में चिंताएं हैं और असेट अलोकेशन सही होना बेहद जरूरी है। बाजार अभी महंगा लगता है लेकिन ध्यान दें तो आपके लिए कई नगीने सस्ते भी मिल जाएंगे।

-रिटेल निवेशको के लिए 5-6 साल के टाइम फ्रेम में SIP से बेहतर निवेश का कोई सही रूट नहीं है
- सारे हाई क्वॉलिटी स्टॅाक्स का प्राइस बैरियर नहीं है। मिड कैप स्टॉक्स में अवसर ज्यादा है
-2020 कोई क्रिकेट मैच की तरह नहीं है, आपका होराइजॉन 5-7 साल का कम से कम हो
- एक मार्केट पूरी तरह से रन होगा, ऐसा नहीं है। इसलिए जोखिम के अनुसार प्रॉडक्ट चूज करें
- अच्छे टाइम में हम रिटर्न ऑन प्रिंसिपल देखते हैं, जबकि बुरे में रिटर्न ऑफ प्रिंसिपल देखते हैं। इस नजरिए को सही करना होगा

यूलिप निवेशकों के लिए
-अगर आपके पास डेट एक्सपोजर ज्यादा है तो आप इक्विटी की तरफ स्विच कर सकते हैं।
- आप कितनी भी बार यह स्विच बिना किसी कॉस्ट के कर सकते हैं और यह टैक्स फ्री भी होता है
- अपने फंड के प्रदर्शन को टाइम दें और डेट पेपर्स का इशू से भी यूलिप निवेशकों को आंच नहीं आई है क्योंकि यहां फंड मैनेजर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं। उन पर ज्यादा दबाव नहीं होता।
- यूलिप में पहले चार्जेज ज्यादा थे, लेकिन अब 5-6 साल में इसकी कॉस्ट म्यूचुअल फंड के बराबर आ जाती है।
- रिटर्न टैक्स फ्री तो है ही, साथ ही 80 सी का फायदा मिलता है। इसके अलावा 10 गुना लाइफ प्रोटेक्शन भी मिलता है।

इस डिकेड का मेगा ट्रेंड कन्जंप्शन होगाः कार्तिक झवेरी

हमारे देश में बदलाव इतना तेजी गति से हो रहा है कि किसी एक चीज को कमाऊ आइडिया बताया नहीं जा सकता। जो आप 30 साल से कर रहे हैं, वह आज बेकार हो सकता है। ऑप्शन इतने ज्यादा हैं कि आप किसी एक चीज पर ही बने रहें, यह जरूरी नहीं। हां, जिस तरह की हमारी डेमोग्राफी है, उसमें कन्जंप्शन (खपत) सबसे बड़ा ट्रेंड होगा। अभी हमारी आबादी का मुख्य हिस्सा 30 से 35 साल के लोग हैं और उनके कमाने के मुख्य साल और खर्च करने का समय यह आने वाला दशक होगा। एेसे में ऑटो इंडस्ट्री, ऑटो एंसिलरी से लेकर, रिटेल लोन, कन्जंप्शन स्टॉक्स, मैन्यूफैक्चरिंग, बैंकिग जैसे सेक्टर बहुत ग्रो करेंगे।

-यह ट्रांजिशन का दौर है और एेसे में जो इसे पहले पकड़ेगा, वह सफल होगा
- देश की जीडीपी ग्रोथ बढ़ने लगेगी और 5 साल में 5 ट्रिलियन इकॉनमी का टारगेट अचीव होना मुश्किल नहीं
- हर 5 साल में इकॉनमी बॉटम आउट होती है और वापस इकॉनमी में ग्रीन शूट्स दिटने लगे हैं। दिसंबर में ऑटो सेल अच्छी रही और फसल भी अच्छी रही है। बीएस-6 के ट्रांसर्फोमेशन की चलते पेंट-अप डिमांड हमें आने वाले समय में दिखेगी।

इंटरनैशनल फंड भी दमदार
- 40-50 पर्सेंट लार्ज कैप में और 20-30 पर्सेंट मिड कैप में
-सेक्टर फंड भी देख सकते हैं।
- बैंकिंग, एफएमसीजी और एमएनसी फंड अच्छे हैं।
- इंटरनैशनल फंड ने पिछले साल 40 पर्सेंट तक रिटर्न दिया है। ये अब भी अच्छे लग रहे हैं।

गोल्ड व रियल इस्टेट
जब युद्ध का माहौल लगता है, या कोई चिंता का माहौल बनता है तो गोल्ड की कीमतें बढ़ने लगती हैं। लेकिन गोल्ड में तेजी का कोई गणित नहीं है। गोल्ड की डिमांड व सप्लाई का पता है। एेसे में 5-10 पर्सेंट पैसा गोल्ड में रखें। रियल इस्टेट में लालच ज्यादा है। डिमांड कम व सप्लाई ज्यादा होने से रिटर्न नहीं मिल रहा और इसमें रिराइवल में कुछ समय लगेगा। अभी तो 5 पर्सेंट भी नहीं मिलेगा। हां, खुद के इस्तेमाल के लिए घर लेना है तो आप ले सकते हैं।

सबसे पहले प्रोटेक्शन
अपने व आश्रितों के लिए टर्म इंश्योरेंस व हेल्थ इंश्योरेंस सबसे पहले लें। इसके बाद निवेश का सोचें। निवेश हमेशा ऑब्जेक्टिव बेस्ड होना चाहिए। टैक्स बचाने के लिए यूलिप व ईएलएसएस, ट्रेडिशनल प्रोडक्ट अच्छे आकर्षक विकल्प है। हां, अभी इनमें इक्विटी ज्यादा प्रभावी है। कुछ पॉिलसी जोरो कॉस्ट पर मिलती है, उन पर ध्यान दें।

मंत्र रखें ध्यान
एस.पी. तुलस्यान: अपने प्रिंसिपल को कभी डूबने मत दें।
कार्तिक झवेरी: डायरेक्ट इक्विटी निवेश से घबराने की जरूरत नहीं। सही रिसर्च कर सकते हैं तो ब्लूचिप स्टॉक्स विरासत की तरह है।
कमलेश राव: निवेश में अपना टाइम लगाइए। एक्सपर्ट की सलाह लें। जो समझ नहीं आए, उसे छोड़ दें।

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