नई दिल्ली
लोन लेने के बाद आपको उसकी ईएमआई चुकानी पड़ती है, जो मूलतः प्रिंसिपल पेमेंट तथा मंथली इंट्रेस्ट का कुल योग होता है। लोगों की सैलरी का अधिकतर हिस्सा ट्रैवल पर होने वाले खर्च, किराया और लोन की ईएमआई में चला जाता है, ऐसे में उनके पास कुछ और चीजों के लिए पैसे ही नहीं बचते हैं। ऐसे में एक नए तरह का लोन जिसे 'ईएमआई-फ्री लोन' कहते हैं, उससे आपको बड़ी राहत मिल सकती है।
ईएमआई-फ्री लोन में हर महीने प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। इसमें प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान आप अपने पास पैसों की उपलब्धता पर हर तीन महीने पर, हर छह महीने पर या एकमुश्त कर सकते हैं। यह लोन लेने के लिए आपकी मासिक सैलरी न्यूनतम 30 हजार रुपये होनी चाहिए और आप लिमिटेड या प्राइवटेड लिमिटेड या सरकारी कंपनी में काम करते हों।
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ईएमआई-फ्री लोन के फायदे
1. कर्जधारक को हर महीने केवल इंट्रेस्ट अमाउंट और हर छह महीने पर प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करना होता है। अगर कर्जधारक हर महीने केवल इंट्रेस्ट का भुगतान करता है तो पर्सनल लोन की तुलना में उसके पॉकेट पर कम बोझ पड़ता है।
2. छह महीने तक लोन डिस्बर्समेंट के बाद कर्जधारक के पास लोन क्लोज करने का विकल्प मिलता है। लोन के छह महीने पूरे होने के बाद उसे समयावधि के पूर्व बंद करने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है।
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3. यह लोन 24 घंटे के भीतर मिल जाता है। पूरी प्रक्रिया पेपरलेस और ऑटोमेटेड है, जिसमें कोई हिडेन चार्जेज या प्री पेमेंट चार्जेज नहीं है।
4. इस तरह के लोन कुछ निजी कंपनियां देती हैं, जहां कर्जधारक को प्रिंसिपल अमाउंट को बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिलता है।
किसी तरह का लोन लेते समय हालांकि उसके नियम तथा शर्तों से पूरी तरह अवगत हो लें।
लोन लेने के बाद आपको उसकी ईएमआई चुकानी पड़ती है, जो मूलतः प्रिंसिपल पेमेंट तथा मंथली इंट्रेस्ट का कुल योग होता है। लोगों की सैलरी का अधिकतर हिस्सा ट्रैवल पर होने वाले खर्च, किराया और लोन की ईएमआई में चला जाता है, ऐसे में उनके पास कुछ और चीजों के लिए पैसे ही नहीं बचते हैं। ऐसे में एक नए तरह का लोन जिसे 'ईएमआई-फ्री लोन' कहते हैं, उससे आपको बड़ी राहत मिल सकती है।
ईएमआई-फ्री लोन में हर महीने प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। इसमें प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान आप अपने पास पैसों की उपलब्धता पर हर तीन महीने पर, हर छह महीने पर या एकमुश्त कर सकते हैं। यह लोन लेने के लिए आपकी मासिक सैलरी न्यूनतम 30 हजार रुपये होनी चाहिए और आप लिमिटेड या प्राइवटेड लिमिटेड या सरकारी कंपनी में काम करते हों।
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ईएमआई-फ्री लोन के फायदे
1. कर्जधारक को हर महीने केवल इंट्रेस्ट अमाउंट और हर छह महीने पर प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करना होता है। अगर कर्जधारक हर महीने केवल इंट्रेस्ट का भुगतान करता है तो पर्सनल लोन की तुलना में उसके पॉकेट पर कम बोझ पड़ता है।
2. छह महीने तक लोन डिस्बर्समेंट के बाद कर्जधारक के पास लोन क्लोज करने का विकल्प मिलता है। लोन के छह महीने पूरे होने के बाद उसे समयावधि के पूर्व बंद करने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है।
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3. यह लोन 24 घंटे के भीतर मिल जाता है। पूरी प्रक्रिया पेपरलेस और ऑटोमेटेड है, जिसमें कोई हिडेन चार्जेज या प्री पेमेंट चार्जेज नहीं है।
4. इस तरह के लोन कुछ निजी कंपनियां देती हैं, जहां कर्जधारक को प्रिंसिपल अमाउंट को बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिलता है।
किसी तरह का लोन लेते समय हालांकि उसके नियम तथा शर्तों से पूरी तरह अवगत हो लें।
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