जोसफ बर्नाड, नई दिल्ली
नए साल यानी जनवरी में सरकारी बैंक, ब्याज दरों में फिर कमी का तोहफा कस्टमर्स को दे सकते हैं। सरकार और रिजर्व बैंक चाहते हैं कि नए साल में बैंक लोन सस्ता करें। इसके लिए बैंकों के साथ बातचीत की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने के साथ मार्केट में मनी फ्लो बढ़ाने के लिए बैंकों से कहा जा रहा है कि वे अपनी बैलेंसशीट को देखते हुए लोन को सस्ता करें। दिसंबर में आरबीआई ने रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई रीपो रेट में 1.35 पर्सेंट की कटौती कर चुका है, जबकि इसके मुकाबले बैंकों ने नए लोन पर ब्याज दरों में मात्र 0.44 पर्सेंट की ही कटौती की है।
इसका मतलब है कि जितना रीपो रेट कम हुआ, उस अनुपात में लोन सस्ते नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, कुछ ज्यादा नहीं तो लोन को 0.10 से 0.15 पर्सेंट तक सस्ता कर सकते हैं। एक सीनियर अफसर के अनुसार, दिसंबर की मॉनिटरी पॉलिसी के बाद कुछ बैंकों ने लोन पर ब्याज दर कम की, लेकिन वह नाकाफी है। ऐसे में बैंकों से कहा जा रहा है कि वे लोन को और सस्ता करने पर विचार करें। नए साल में लोन को सस्ता करें।
स्मॉल सेविंग और डिपॉजिट रेट भी कम हो चुके हैं। ऐसे में बैंकों के लिए कर्ज को सस्ता करने का रास्ता निकल सकता है। सूत्रों के अनुसार, कई बड़े सरकारी बैंकों ने आरबीआई से कहा है कि वे अपनी बैलेंसशीट को देखते हुए नए साल में होम लोन समेत अन्य लोन को सस्ता करने की कोशिश करेंगे।
नए साल यानी जनवरी में सरकारी बैंक, ब्याज दरों में फिर कमी का तोहफा कस्टमर्स को दे सकते हैं। सरकार और रिजर्व बैंक चाहते हैं कि नए साल में बैंक लोन सस्ता करें। इसके लिए बैंकों के साथ बातचीत की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने के साथ मार्केट में मनी फ्लो बढ़ाने के लिए बैंकों से कहा जा रहा है कि वे अपनी बैलेंसशीट को देखते हुए लोन को सस्ता करें। दिसंबर में आरबीआई ने रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई रीपो रेट में 1.35 पर्सेंट की कटौती कर चुका है, जबकि इसके मुकाबले बैंकों ने नए लोन पर ब्याज दरों में मात्र 0.44 पर्सेंट की ही कटौती की है।
इसका मतलब है कि जितना रीपो रेट कम हुआ, उस अनुपात में लोन सस्ते नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, कुछ ज्यादा नहीं तो लोन को 0.10 से 0.15 पर्सेंट तक सस्ता कर सकते हैं। एक सीनियर अफसर के अनुसार, दिसंबर की मॉनिटरी पॉलिसी के बाद कुछ बैंकों ने लोन पर ब्याज दर कम की, लेकिन वह नाकाफी है। ऐसे में बैंकों से कहा जा रहा है कि वे लोन को और सस्ता करने पर विचार करें। नए साल में लोन को सस्ता करें।
स्मॉल सेविंग और डिपॉजिट रेट भी कम हो चुके हैं। ऐसे में बैंकों के लिए कर्ज को सस्ता करने का रास्ता निकल सकता है। सूत्रों के अनुसार, कई बड़े सरकारी बैंकों ने आरबीआई से कहा है कि वे अपनी बैलेंसशीट को देखते हुए नए साल में होम लोन समेत अन्य लोन को सस्ता करने की कोशिश करेंगे।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।