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5 पॉइंट में समझें पीपीएफ के नियमों में हुआ बदलाव

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नई दिल्ली
पब्लिक प्रविडेंट फंड (PPF) के खाताधारकों को फायदे और सहूलियत देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल में इसके नए नियमों को अधिसूचित किया है। पीपीएफ निवेश का एक बेहद लोकप्रिय साधन है, जो बेहतर रिटर्न की गारंटी देता है। पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने की अवधि 15 साल की होती है और सरकार हर तिमाही इसपर मिलने वाले ब्याज दर में बदलाव करती रहती है। मौजूदा तिमाही के लिए पीपीएफ पर सालाना 7.9% की ब्याज दर मिल रही है। पीपीएफ के नए नियमों को हम 5 पॉइंट में समझने जा रहे हैं।

साल में कितनी भी बार कर सकते हैं डिपॉजिट
पीपीएफ में डिपॉजिट के नए नियमों के मुताबिक, खाताधारक एक वित्त वर्ष में 50 रुपये के गुणक में चाहे कितनी भी बार रकम जमा कर सकता है, हालांकि कुल मिलाकर यह 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे पहले खाताधारक एक वित्त वर्ष में केवल 12 डिपॉजिट ही कर सकता था।

पढ़ें : PPF के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब कुर्क नहीं हो सकती जमा रकम

प्री मैच्योर खाता बंद करने के लिए एक और शर्त
खाता खोलने के 5 साल बाद किसी खास परिस्थितियों में ही सरकार खाते को बंद करने की अनुमति देती है। इन परिस्थितयों में पहला खाताधारक, उसके जीवनसाथी या डिपेंडेंट चिल्ड्रन या पैरंट को हुई किसी जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए खाते को प्री-मैच्योर बंद करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, अगर खाताधारक या उसके डिपेंडेंट चिल्ड्रन हायर स्टडी करना चाहते हैं तो इसके लिए भी खाते को मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है। हालांकि, दोनों ही परिस्थितयों में खाताधारक को दावे के समर्थन में उचित दस्तावेज प्रस्तुत करना होता है।

खाते को मैच्योर होने से पहले बंद करने के लिए सरकार ने उपरोक्त दोनों परिस्थितियों के अलावा एक और कंडीशन जोड़ा है। अगर खाताधारक का किसी दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण कर रहा है तो उस स्थिति में भी खाते को मैच्योर होने से पहले बंद किया जा सकता है।

पढ़ें : मैच्योर होने वाला है PPF अकाउंट? इन 5 बातों का रखें ध्यान

पीपीएफ लोन पर ब्याज दर 1% घटी
पीपीएफ खाताधारक खाते पर लोन भी ले सकता है। नए नियमों के तहत, लोन की रकम पर लगने वाली ब्याज दर अब उसे खाते पर मिलने वाली ब्याज दर से 1% अधिक होगी, जबकि पहले यह 2% थी। अगर खाताधारक की मौत हो जाती है तो लोन पर लगने वाले ब्याज का भुगतान उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को करना होगा।

25 हजार से ज्यादा के चेक होंगे जमा
इसके अलावा, डाक विभाग ने पीपीएफ अकाउंट में अब किसी भी नॉन-होम पोस्ट ऑफिस ब्रांच के जरिये कितनी भी रकम के पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक (POSB) अकाउंट चेक जमा करने की अनुमति दे दी है। पहले इसकी सीमा 25 हजार रुपये तक की ही थी। यही नियम पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खातों के लिए लागू किया गया है।

POSB चेक होंगे स्वीकार
सीबीएस पोस्ट ऑफिस से जारी सभी पीओएसबी चेक अगर सीबीएस पोस्ट ऑफिस में आते हैं तो उन चेकों के साथ बराबर का ट्रीटमेंट होना चाहिए। उन्हें क्लीयरिंग के लिए नहीं भेजा जाना चाहिए। 25,000 रुपये से ज्यादा के पीओएसबी चेक को कैश निकासी के लिए स्वीकार नहीं करना है। पीओएसबी चेक को पीओएसबी/आरडी/पीपीएफ/एसएसए में क्रेडिट के लिए किसी भी डाकघर में स्वीकार किया जा सकता है।

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