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MF इन्वेस्टमेंट में कम लागत नहीं, अच्छे रिटर्न पर दांव लगाएं

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संकेत धनोरकर
म्यूचुअल फंड के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी की तरफ से रिवाइज्ड कॉस्ट स्लैब 1 अप्रैल से लागू हो गई हैं। इससे बड़े ऐसेट बेस वाले कई इक्विटी फंड्स के एक्सपेंस रेशियो में खासी कमी आई है। अब यह देखने वाली बात है कि कॉस्ट कम होने से इन्वेस्टर्स को कितना फायदा होगा। मार्केट रेग्युलेटर ने पिछले साल म्यूचुअल फंड्स के लिए रिवाइज्ड कॉस्ट स्लैब्स और रेट्स का प्रस्ताव दिया था। रिवाइज्ड सिस्टम में बड़े फंड्स को कॉस्ट में बड़े पैमाने पर कटौती करनी पड़ी है। ऐसेट बेस के हिसाब से देश की टॉप 25 इक्विटी स्कीमों के टोटल एक्सपेंस रेशियो में पिछले महीने के मुकाबले औसतन 20 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है। ज्यादातर स्कीमों की कॉस्ट में 30 बेसिस पॉइंट्स से ज्यादा कमी आई है। मिसाल के लिए ICICI प्रूडेंशियल ब्लूचिप के टोटल एक्सपेंस रेशियो में 43 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है। यह मार्च 2019 के अंत के 2.28% से घटकर 12 अप्रैल को 1.85% रह गया। सबसे बड़ी इक्विटी स्कीम कोटक स्टैंडर्ड मल्टी-कैप का टोटल एक्सपेंस रेशियो इस दौरान 2.12% से घटकर 1.77% रह गया है।

स्कीमों का टोटल एक्सपेंस रेशियो डेली कैलकुलेट किया जाता है और इसे डेली नेट ऐसेट वैल्यू (NAV) के हिसाब से अजस्ट किया जाता है। स्कीम का ज्यादा टोटल एक्सपेंस रेशियो उसके रिटर्न में सेंध लगाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बड़े फंड्स की कॉस्ट में कमी आने से इन्वेस्टर्स को लॉन्ग टर्म में फायदा होता है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट अडवाइजर इंडिया के डायरेक्टर- फंड रिसर्च कौस्तुभ बेलापुरकर कहते हैं, 'कॉस्ट में कमी उम्मीदों के मुताबिक रही है और इससे लॉन्ग टर्म में फंड्स के नेट रिटर्न में बढ़ोतरी होगी।'

दो लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट पर 30 बेसिस पॉइंट्स कम कॉस्ट होने से इन्वेस्टर्स को सालाना 600 रुपये की बचत होगी जो उसके लॉन्ग टर्म रिटर्न में ऐड होगा। दो लाख रुपये की यह रकम 10 साल में 14% के ऐनुअलाइज्ड रिटर्न के साथ ₹7.41 लाख रुपये हो जाएगी। बड़े इन्वेस्टमेंट में रिटर्न पर कम कॉस्ट का ज्यादा असर नजर आएगा। एक्सपेंस रेशियो कम होने से स्कीम के बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर और हेल्दी रिटर्न देने की संभावना बढ़ेगी। जिन फंड्स को पहले टोटल रिटर्न इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न देने में मुश्किल हो रही थी, उन्हें आसानी होगी। खासतौर पर लार्ज कैप फंड्स को फायदा होगा। हालांकि छोटे फंड्स की कॉस्ट में खास कमी नहीं आई है। असल में कई छोटी स्कीमों की कॉस्ट रिवाइज्ड स्ट्रक्चर में बढ़ी है। क्या इसका यह मतलब निकाला जाए कि इन्वेस्टर्स को कम कॉस्ट का फायदा उठाने के लिए अपने फंड पोर्टफोलियो में अजस्टमेंट करना चाहिए?

वेल्थ मैनेजरों के मुताबिक इन्वेस्टर्स को सिर्फ कम कॉस्ट के चलते ही किसी फंड में खरीदारी के बारे में नहीं सोचने लगना चाहिए। टोटल एक्सपेंस रेशियो तो फंड के चुनाव के कई मानकों में एक है। कम कॉस्ट वाले फंड ने दूसरों को आउटरफॉर्म किया हो, इस बात के पक्के सबूत नहीं मिले हैं। इस बात के भी प्रमाण नहीं मिले हैं कि बड़े ऐसेट बेस वाली स्कीमों का परफॉर्मेंस छोटे फंड्स से कमजोर होता है। ज्यादातर बड़े फंड्स का साइज बरसों के आउटपरफॉर्मेंस से ही बड़ा हुआ है। हालांकि हाल के वर्षों में कुछ बड़े फंड्स के रिटर्न प्रोफाइल में कमजोरी देखी गई है। रिटर्न प्रोफाइल में आ रही कमजोरी को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ कम कॉस्ट देखकर बड़े फंड्स में इन्वेस्टमेंट करना महंगा पड़ सकता है। फंड्सइंडिया की म्यूचुअल फंड रिसर्च हेड विद्या बाला बताती हैं कि ज्यादातर स्कीमों की कॉस्ट में मामूली कमी आई है। विद्या कहती हैं, 'इक्विटी फंड्स इन्वेस्टर्स को कॉस्ट में 20-25 बेसिस पॉइंट्स की कमी का बड़ा फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि इससे डेट फंड्स के रिटर्न में बड़ा फर्क नजर आ सकता है।'

हाल के वर्षों में कई छोटे फंड का ट्रैक रिकॉर्ड स्ट्रॉन्ग रहा है। उनमें से बहुत से फंड मिड कैप, वैल्यू या फोकस्ड कैटेगरी के हैं, जिनका ऐसेट बेस ज्यादा बड़ा नहीं है। मिसाल के लिए कई इक्विटी मिड कैप फंड्स का रिटर्न प्रोफाइल हेल्दी तो है लेकिन उनका एक्सपेंस रेशियो भी ज्यादा है। मिसाल के लिए हाई रिस्क प्रोफाइल वाले इन्वेस्टर्स को मिलने वाले ज्यादा रिटर्न से ऊंचे एक्सपेंस रेशियो की भरपाई हो जाती है, लेकिन सिर्फ ऊंची कॉस्ट के चलते इन्हें नजरअंदाज करने पर खासा ऊंचा रिटर्न कमाने का मौका हाथ से निकल सकता है। सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के हेड प्रॉडक्ट्स ऐंड सॉल्यूशंस प्रतीक पंत के मुताबिक इक्विटी फंड्स में लार्ज कैप फंड्स की कॉस्ट आमतौर पर कम ही होती है। अब तो ये अल्ट्रा लो कॉस्ट ईटीएफ और इंडेक्स फंड की गिनती में आ जाएंगे। लार्ज कैप फंड्स को अल्फा (औसत से ज्यादा रिटर्न) मुहैया कराने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में उनके सामने कॉस्ट घटाने के सिवा कोई चारा नहीं था।'

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