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US में मंदी का खतरा बढ़ा, गोल्ड में करें निवेश

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प्रशांत महेश, मुंबई
अमेरिका में साल 2007 के बाद पहली बार यील्ड कर्व नीचे की ओर मुड़ गया है, जिसे देखते हुए इन्वेस्टर्स गोल्ड में निवेश बढ़ा सकते हैं। यील्ड कर्व में बदलाव को मंदी का संकेत माना जा रहा है और अनिश्चितता के समय गोल्ड निवेश का सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। मोतीलाल ओसवाल के असोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटीज) किशोर नार्ने ने कहा, 'यह एक व्यापक आर्थिक सुस्ती है। साथ ही यील्ड कर्व भी अब नीचे की ओर मुड़ गया है। ऐसे में यह गोल्ड खरीदने के लिए सही संकेत है।

महंगा होगा सोना

नार्ने को अगले एक साल में गोल्ड की घरेलू कीमतों के 38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐनालिस्टों का कहना है कि 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड के रेट के तीन महीने के रेट से भी कम होने से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा बढ़ गया है और इस लिहाज से गोल्ड ज्यादा आकर्षक बन गया है।

अमेरिका में आर्थिक मंदी का डर
नार्ने ने कहा कि पिछले तीन हफ्ते से गोल्ड की कीमतें चढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि डॉलर कमजोर हो रहा है और ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितता के अलावा ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती के डर के कारण इन्वेस्टमेंट डिमांड बढ़ रही है। पिछले हफ्ते के अमेरिकी डेटा के मुताबिक, वहां मार्च में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि अप्रत्याशित रूप से सुस्त रही है और पूरे यूरोजोन में बिजनस उम्मीद से कम रहा है। यह ग्लोबल ग्रोथ के लिए बढ़ती चिंता की ओर इशारा करता है।

वेल्थ मैनेजर्स की सलाह
पिछले पांच सालों में गोल्ड से रिटर्न कम मिलने और इक्विटी मार्केट्स से ज्यादा रिटर्न को देखते हुए कई निवेशकों ने गोल्ड से किनारा किया है। गोल्ड पर पिछले पांच सालों में रिटर्न लगभग फ्लैट या थोड़ा ज्यादा रहा है। वहीं एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स ने इस दौरान 11.37 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। वेल्थ मैनेजर्स का मानना है कि इन्वेस्टर्स को अपने पोर्टफोलियो का 5 से 10 पर्सेंट हिस्सा गोल्ड में निवेश करना चाहिए।

गोल्ड ETF और सॉवरन गोल्ड बॉन्ड
प्लान अहेड वेल्थ अडवाइजर्स के फाउंडर विशाल धवन ने बताया, 'अमेरिका ने ब्याज दरों को यथावत बनाए रखने का फैसला किया है, जिसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी पड़ रही है। ऐसे समय में गोल्ड को पोर्टफोलियो में शामिल करना जरूरी हो जाता है।' उन्होंने ज्यादा रिस्क नहीं लेने वाले इन्वेस्टर्स को कम-से-कम अगले तीन महीनों के लिए अपने पोर्टफोलियो का 10 पर्सेंट हिस्सा गोल्ड में निवेश करने की सलाह दी है। गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ या सरकार की ओर से जारी सॉवरन गोल्ड बॉन्ड बेहतर विकल्प हैं।

ETF से बढ़िया सॉवरन बॉन्ड

सॉवरन गोल्ड बॉन्ड ईटीएफ से बेहतर माने जाते हैं क्योंकि बॉन्ड पर 2.5 प्रतिशत का ब्याज भी मिलता है। गोल्ड ईटीएफ से जो रिटर्न मिलता है, उसमें से एक्सपेंस रेशियो काट लिया जाता है। सॉवरन गोल्ड बॉन्ड की मियाद आठ साल की होती है, इसमें पांच साल का लॉक-इन होता है। हालांकि इनकी खरीद-फरोख्त स्टॉक एक्सचेंज पर हो सकती है। इनकी लिक्विडिटी कम होती है, लिहाजा इनमें से कुछ डिस्काउंट पर अवेलेबल हो सकते हैं।

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