Quantcast
Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

पैसे का मामला दुरुस्त हो तो मिलती है सच्ची आजादी

$
0
0

उमा शशिकांत
मेरी 32 साल की भांजी चाहती है कि उस पर विवाह करने का दबाव न डाला जाए। उसके माता-पिता को यह बात पसंद नहीं है। मेरी भांजी एक अच्छे परिवार की सुंदर और अच्छी कमाई करने वाली युवती है। उसकी मां पिछले 10 वर्षों से उसकी शादी कराने के पीछे पड़ी हुई हैं। हालांकि मेरी भांजी का कहना है कि पहले के दिनों में महिला को कई वजहों से पुरुष की जरूरत होती थी। कुछ के लिए यह स्टेटस का मामला था। उसकी मां ही एक जानेमाने डॉक्टर की पत्नी होने का गर्व महसूस करती हैं। कुछ के लिए मसला वित्तीय सुरक्षा या असामाजिक तत्वों से सुरक्षा या एक घर से जुड़ने की चाहत का था।

मेरी भांजी का कहना है कि इसमें से कोई भी कारण अब दमदार नहीं रहा। वह सवाल करती है कि एक मर्द, बच्चे और परिवार की जिम्मेदारी उठाने और रोज-रोज का तनाव झेलने का क्या मतलब है? कुछ साल तक के वैध सेक्स के लिए यह बहुत ऊंची कीमत है। दुनिया में पहले ही तमाम बच्चे हैं, कुछ और क्यों लाएं?

हालांकि पिता उसे पूछते हैं कि वह व्यवस्थित जीवन कैसे जीएगी? उसका जवाब होता है कि पहले रुपये-पैसे का मामला व्यवस्थित कर लें।

दरअसल, मेरी भांजी को अपने पैरंट्स के घर के आसपास नए घर में शिफ्ट हो जाना चाहिए। हालांकि माता-पिता के साथ रहने से मिलने वाली सुविधाएं लेना भी उसे बंद कर देना चाहिए। उसे यह अनुभव लेना ही चाहिए कि आत्मनिर्भरता के साथ जीना क्या होता है।

उसे अपना पैसा जरूरी खर्च, शौकिया खर्च और बचत में बांटना चाहिए। रेंट, ट्रांसपोर्ट और यूटिलिटीज का खर्च उठाने लायक वह कमाई कर ही लेती है। बजटिंग से उसे पता चलेगा कि उसे कार की जरूरत है या नहीं, कितना रेंट देना ठीक है? आदर्श स्थिति तो यही है कि अपनी आधी से भी कम आमदनी में उसे जरूरी खर्च समेट देना चाहिए।

फिर यह देखना होगा कि क्या वह अपनी इनकम का कम-से-कम 20 प्रतिशत बचा रही है? 32 साल की उम्र हो गई है तो उसे मिडल मैनेजमेंट जॉब में होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो जॉब चेंज, कोई नई राह पकड़ने जैसी स्थिति बन सकती है। इन सभी निर्णयों को इन्वेस्टमेंट ऐसेट्स का सपॉर्ट चाहिए। बचत की आदत और फाइनैंशल ऐसेट्स की सिक्यॉरिटी के बिना वह नुकसान में रहेगी।

यह भी देखना होगा कि पैसे को लेकर उसकी सोच क्या है। इन्हीं मूल्यों से तय होगा कि वह कैसे कमाई करेगी, कैसे खर्च करेगी और कैसे बचत करेगी। अगर वह अच्छी कमाई से खुश है तो यह देखना होगा कि जॉब में बेहतर प्रदर्शन के लिए वह क्या कर रही है? अगर वह संयमी है तो खर्च की आदतों में यह बात झलकती है? अगर वह समाज पर अपनी छाप छोड़ना चाहती है तो क्या वह इसके लिए पर्याप्त समय और पैसा दे रही है?

फिर यह सोचना होगा कि आपात स्थिति के लिए उसकी तैयारी कैसी है? क्या उसके पास पर्याप्त मेडिकल कवर है? उसके पैरंट्स बीमार हो जाएं तो क्या होगा? क्या जॉब बदलने या जॉब छूट जाने जैसी स्थिति से निपटने के लिए उसके पास पैसा है?

इसके साथ यह भी देखना होगा कि रुपये-पैसे से जुड़े फैसलों में वह कितनी स्वतंत्र है? क्या उसे पता है कि निवेश किस तरह किया जाना चाहिए?

मेरी भांजी को भरोसा है कि उसकी जॉब चलती रहेगी या जरूरत पड़ी तो वह दूसरी ढूंढ लेगी। उसे एक मकान या कार खरीदने की जरूरत भी महसूस नहीं होती। वह बजट बनाना, अपने खर्च पर नजर रखना और बचत करना चाहती है। यह काम वह करती भी रही है।

हालांकि फाइनैंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया उसके लिए नई है क्योंकि उसके लिए यह काम उसके पिता करते आए हैं। उसे लगता है कि थोड़ी कोशिश से वह इसे भी कर ले जाएगी। उसका कहना है कि दोस्तों से बातचीत और ऑनलाइन तरीके से वह सीख लेगी।

उसके पिता की दलील है कि उसके जीवन में एक ऐसा पुरुष होना चाहिए, जो उसकी जरूरतें समझे। वह उनसे कहती है कि ऐसा पुरुष पाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा, लेकिन वह कोई चांस नहीं लेना चाहती। उसकी मां कहती हैं कि उम्र बढ़ने पर क्या होगा? 40 साल के बाद अगर अकेलापन महसूस होने लगे तो? मेरी भांजी का कहना है कि दोस्त तो होंगे ही। हम इस नतीजे पर पहुंच चुके हैं कि उसे नसीहत देने से कोई फायदा नहीं है। उसका कहना है कि वह अपने फाइनैंस को अच्छी तरह संभाल लेगी और इस बड़ी और खूबसूरत दुनिया में आराम से जी लेगी।

लेखिका सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन ऐंड लर्निंग की (CIEL) चेयरपर्सन हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>