Quantcast
Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

इकॉनमी से बेहतर रफ्तार, इन शेयरों पर लगाएं दांव

$
0
0

समीर भारद्वाज
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबी अवधि में किसी देश की जीडीपी और वहां के शेयर बाजार के बीच एक समानुपाती संबंध होता है। लिहाजा जीडीपी के सब-सेगमेंट्स की एनालिसिस से कई सेक्टरों के दमदार शेयरों की तस्वीर सामने आ सकती है।

हमने उन शेयरों की शिनाख्त करने की कोशिश की है, जिन्होंने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान जीडीपी और नेट नैशनल इनकम (NNI) ग्रोथ से बेहतर प्रदर्शन किया है। NNI दरअसल जीडीपी और उस इनकम का योग है, जो विदेश में हासिल होती है। इसमें फिक्स्ड कैपिटल या डेप्रीसिएशन को शामिल नहीं किया जाता है। हमने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली 875 कंपनियों का विश्लेषण किया। साल 2013-14 से पांच वर्षों के लिए उनके ऑपरेटिंग प्रॉफिट (अदर इनकम सहित) और अजस्टेड ईपीएस ग्रोथ की गणना की गई। जिन कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट और अजस्टेड ईपीएस ग्रोथ का आंकड़ा इन सभी पांच वर्षों में जीडीपी और NNI ग्रोथ रेट्स से ज्यादा था, उन्हें अलग किया गया। चूंकि आमदनी और इसी वजह से प्रॉफिट की गणना करते वक्त समय के साथ कीमतों में बढ़ोतरी का ध्यान रखा जाता है, लिहाजा हमने जीडीपी और NNI की गणना करेंट प्राइसेज पर की और इंफ्लेशन से अजस्ट नहीं किया।

इस फिल्टर से छनकर केवल 18 कंपनियां सामने आईं। इनमें से जिन 14 कंपनियों के पांच साल के आंकड़े उपलब्ध थे, उन्होंने 12 दिसंबर 2013 से 12 दिसंबर 2018 के बीच 839 प्रतिशत का ऐवरेज पॉइंट टु पॉइंट रिटर्न दिया। इसी अवधि में बीएसई 500 इंडेक्स ने 7 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इन 14 कंपनियों ने इस इंडेक्स को करीब 10 गुने से आउटपरफॉर्म किया। हमने यही गणना पिछले तीन और दो साल की अवधियों के लिए भी की और इसका नतीजा भी इसी तरह का रहा यानी पिछले तीन साल में 74 कंपनियों ने 140 प्रतिशत का पॉइंट टु पॉइंट ऐवरेज रिटर्न दिया, वहीं बीएसई 500 ने 41 प्रतिशत रिटर्न जेनरेट किया। वही पिछले दो वर्षों में 166 कंपनियों ने 82.4 प्रतिशत का प्वाइंट टु प्वाइंट ऐवरेज रिटर्न दिया जबकि इसी अवधि में बीएसई 500 ने 29 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

आइए पांच साल की अवधि पर अध्ययन में शामिल उन पांच कंपनियों पर एक नजर डालते हैं, जिन्हें खरीदने की सलाह कई एनालिस्ट्स ने दी है और ब्लूमबर्ग के अनुसार जिनके शेयर प्राइस अगले एक साल में काफी चढ़ने का दमखम दिख रहा है।

मोल्ड-टेक पैकेजिंग
पैकेजिंग कंपनी मोल्ड-टेक ल्यूब्स, पेंट्स, फूड और दूसरे उत्पादों के लिए कंटेनर बनाती है। एसएमसी सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि कंपनी का फूड और एफएमसीजी सेगमेंट इसका वॉल्यूम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा, वहीं संयुक्त अरब अमीरात में इसके प्लांट की कैपिसिटी में बदलाव से कंपनी की एसेट्स का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।

नैटको फार्मा
रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर फोकस करने वाली दवा कंपनी नैटको फिनिश्ड डोज फॉर्म्यूलेशंस और एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट्स डिवेलप करती है, उनकी मैन्युफैक्चरिंग करती है और उन्हें बेचती है। आनंद राठी इस कंपनी पर बुलिश है। उसका मानना है कि इस कंपनी की प्रॉडक्ट पाइपलाइन दमदार है, इसका फोकस अमेरिका में कॉम्प्लेक्स फाइलिंग्स पर बना हुआ है और यह विशेष उत्पादों से जुड़े अवसरों पर ध्यान लगाए हुए है। ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि हर साल 8-10 प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने के इस कंपनी के टारगेट को देखते हुए अगले तीन सालों में इसकी आमदनी में 16 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट दिखेगी।

टाटा एलेक्सी
यह कंपनी ब्रॉडकास्ट, कम्युनिकेशंस और ऑटोमोटिव इंडस्ट्रीज में प्रॉडक्ट इंजीनियरिंग और सॉल्यूशंस के लिए डिजाइन और टेक्नोलॉजी सर्विसेज मुहैया कराती है। कार्वी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कई बातें दिख रही हैं, जो इस कंपनी की ग्रोथबढ़ाएंगी। कार्वी के मुताबिक, सेफ्टी और रेगुलेटरी नॉर्म्स पर फोकस बढ़ रहा है, कंटेंट और डिलीवरी मैकेनिज्म से जुड़ी चॉइस का दायरा काफी बढ़ रहा है। ऐसा टीवी, मोबाइल और ओवर द टॉप सर्विसेज जैसे डिलीवरी और कंजम्प्शन के कई विकल्पों के कारण हो रहा है।

इंडसइंड बैंक
यह प्राइवेट सेक्टर का न्यू जेनरेशन बैंक है। इंडसइंड बैंक कमर्शियल, ट्रांजैक्शनल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग प्रॉडक्ट्स और सेवाएं देता है। एंबिट कैपिटल का मानना है कि आईएलएंडएफएस को दिए गए कर्ज से जुड़े खतरे का असर पहले ही इसके शेयर प्राइस में शामिल हो चुका है और दूसरी एसेट्स की क्रेडिट क्वॉलिटी पर शक करने की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। इसके अलावा बेहतर ऑपरेटिंग ट्रेंड्स से सेफ्टी मिलती दहख रही है क्योंकि क्रेडिट में ग्रोथ बहाल होने से प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। ब्रोकरेज का अनुमान है कि इस बैंक की लोन बुक अगले तीन सालों में 26 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ेगी और इस दौरान नेट इंटरेस्ट मार्जिन भी दमदार रहेगा।

एचडीएफसी बैंक
प्राइवेट सेक्टर के जानेमाने बैंक एचडीएपसी के प्रमुख कारोबारी इलाकों में होलसेल बैंकिंग, ट्रेजरी और रिटेल बैंकिंग शामिल हैं। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बैंक की प्रॉफिट ग्रोथ को लोन में 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी और ऊंचे मार्जिन से सहारा मिलेगा। इस बैंक में फंडिंग कॉस्ट ग्रोथ पर काबू पाने की क्षमता है जिससे ब्याज दर बढ़ने पर इसका मार्जिन बेहतर होगा। इसके अलावा नॉन-बैंक फाइनेंस कंपनियों के सामने उभरे लिक्विडिटी क्राइसिस से भी कम लागत वाली फंडिंग के मामले में एचडीएफसी को आगे बढ़ने में मदद मिलनी चाहिए।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1906

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>