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Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
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वेल्थ मैनेजरों की सलाह, शॉर्ट टर्म फंड्स में बने रहें

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प्रशांत महेश, मुंबई
रिजर्व बैंक ने पिछले बुधवार को रिपो रेट में लगातार दूसरी बार 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसे देखते हुए फंड मैनेजर निवेशकों को अल्ट्रा शॉर्ट टर्म या शॉर्ट टर्म फंड्स में बने रहने की सलाह दे रहे हैं। कच्चे तेल के दाम में तेजी के चलते महंगाई बढ़ने का जोखिम पैदा हुआ है। इसलिए फंड मैनेजर अगले एक साल में ब्याज दरों में 0.25-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी से इनकार नहीं कर रहे।

एसबीआई म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर नवनीत मुनोट ने कहा, 'हमें लगता है कि अगली दो मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रिजर्व बैंक दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा। अब वह अगले साल ही पॉलिसी रेट में इजाफा करेगा। रिजर्व बैंक ग्लोबल कमोडिटी प्राइसेज, एमएसपी में बढ़ोतरी के खाने के सामान के दाम पर असर को देखते हुए आने वाले वक्त में ब्याज दरों के बारे में कोई पहल करेगा।' वेल्थ मैनेजरों का कहना है कि महंगाई दर ऊंची बनी हुई है और वित्तीय घाटे में बढ़ोतरी का भी रिस्क है। इसलिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

पीपीएफएएस के फंड मैनेजर राज मेहता ने कहा, 'ब्याज दरों की दिशा और ट्रेंड आने वाले वक्त में ऊपर की तरफ बना रहेगा, लेकिन बढ़ोतरी कितनी होगी और कब-कब की जाएगी, इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है।' ब्याज दरों में बढ़ोतरी लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स के निवेशकों के लिए बुरी खबर होती है। जब दरें बढ़ती हैं तो बॉन्ड के दाम कम होते हैं। इससे इन फंड्स में निवेशकों को मार्क टु मार्केट लॉस होता है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ निवेशक पिछले कुछ महीनों से गिल्ट फंड्स और इनकम फंड्स से पैसे निकाल रहे हैं।

एम्फी के डेटा के मुताबिक, निवेशकों ने इस वित्त वर्ष की शुरुआत से इनकम और गिल्ट फंड्स से 39,600 करोड़ रुपये निकाले हैं। लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स से रिटर्न इस बीच कमजोर रहा है। वैल्यू रिसर्च के डेटा के मुताबिक, लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स के निवेशकों को पिछले एक साल में सिर्फ 0.57 पर्सेंट का रिटर्न मिला है, जबकि लिक्विड फंड्स के निवेशकों ने इस बीच 6.84 पर्सेंट का रिटर्न कमाया है। वेल्थ मैनेजरों का मानना है कि निवेशकों को लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स से निकलकर शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में जाना चाहिए। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के चीफ फाइनैंशल प्लानर विशाल धवन ने कहा, 'आपको इनकम और गिल्ट फंड्स में निवेश घटाना चाहिए और शॉर्ट टर्म या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स में पैसे लगाने चाहिए।'

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