नई दिल्ली
जाने-माने निवेशक विजय केडिया ने ETMarkets.com के राहुल ओबेरॉय को दिए इंटरव्यू में बताया कि शेयर बाजार से वह क्या उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि वह किन सेक्टर्स पर बुलिश हैं। हम यहां इंटरव्यू के खास अंश दे रहे हैं:
आपकी इनवेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी क्या है?
आप एक अच्छे और ईमानदार मैनेजमेंट की पहचान करिए और देखिए कि किस प्रॉडक्ट में वह ग्रोथ बढ़ाने में सफल रहेगा। यह भी देखना होता है कि क्या उसकी ग्रोथ उसी सेगमेंट की दूसरी कंपनियों से तेज रहेगी। ऐसी कंपनियों की पहचान करने के बाद आप उनमें अगले 10 से 15 साल के लिए निवेश करिए। ऐसा करने पर आप शायद ही कभी गलत साबित होंगे। यह फ़िलॉसफ़ी बहुत सिंपल है और कहते भी हैं कि इनवेस्टमेंट सिंपल चीज है, लेकिन आसान नहीं। उसकी वजह यह है कि इस सिंपल फ़िलॉसफ़ी पर अमल करना बहुत मुश्किल होता है।
आपकी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटिजी के साथ हमारे रीडर आपकी लाइफस्टाइल के बारे में भी जानना चाहते हैं। हमें पता है कि आपको गाना और योग करना पसंद है। आपके और शौक क्या हैं?
मेरी लाइफस्टाइल बहुत सिंपल है और इसके चार स्तंभ हैं। आप इसे 4 एम फ़िलॉसफ़ी भी कह सकते हैं। इसमें पहला एम, म्यूजिक के लिए है। मुझे म्यूजिक बहुत पसंद है। आप यह भी कह सकते हैं कि यह मेरे खून में है। दूसरा एम, मेडिटेशन के लिए है। यह योग का ही हिस्सा है और मुझे ध्यान लगाना पसंद है। तीसरा एम, मार्केट के लिए है। मैं मार्केट के बिना जी नहीं सकता। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं डेली या घंटे के हिसाब से ट्रेडिंग करता हूं, लेकिन मार्केट मेरी रग-रग में दौड़ता है। चौथा एम, मेरी वाइफ मंजू के लिए है।
आप किन स्टॉक्स और सेक्टर्स पर बुलिश (आशावान) हैं?
मैं तो कहूंगा कि मैं भारत पर बुलिश (आशावान) हूं। मैंने कई सेक्टरों में निवेश किया है, लेकिन मैं किसी थीम या सेक्टर के बारे में नहीं सोचता। मैं बॉटम अप अप्रोच का इस्तेमाल निवेश के लिए करता हूं। मैंने पहले से सुदर्शन केमिकल और वैभव ग्लोबल में निवेश किया हुआ है। मैंने कर्नाटक बैंक में भी निवेश किया था, लेकिन इसका एक हिस्सा मैंने बेच दिया है। हालांकि, अब मुझे लग रहा है कि कर्नाटक बैंक सस्ता हो गया है। ये मेरे पुराने इनवेस्टमेंट हैं और इन्हें रेकमंडेशन न माना जाए। मैं सिर्फ इतना बता रहा हूं कि मैंने कहां निवेश किया है।
मार्केट में हाल में करेक्शन हुआ है। अगले तीन से पांच साल में भारतीय शेयर बाजार को लेकर आपका क्या अनुमान है?
अगले तीन से पांच साल में मुझे भारतीय बाजार से बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद है। तीन, चार, पांच या 10 साल की बात छोड़ दीजिए, मैं अगले 20 साल के लिए भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश (आशावान) हूं। मैं जब तक जिंदा रहूंगा, मेरे पोर्टफ़ोलियो में शेयर रहेंगे। इसमें शामिल कंपनियां बदल सकती हैं, लेकिन मैं मार्केट में हमेशा बना रहूंगा। मैं 6 महीने से मार्केट में करेक्शन का इंतजार कर रहा था और अब यह करेक्शन हो रहा है। आपको क्वॉर्टरली रिजल्ट की फिक्र नहीं करनी चाहिए। हालिया करेक्शन मार्केट की सेहत के लिए अच्छा है। आपको बाजार में उतार-चढ़ाव की फिक्र छोड़कर इस मौके का इस्तेमाल निवेश करने के लिए करना चाहिए।
जाने-माने निवेशक विजय केडिया ने ETMarkets.com के राहुल ओबेरॉय को दिए इंटरव्यू में बताया कि शेयर बाजार से वह क्या उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि वह किन सेक्टर्स पर बुलिश हैं। हम यहां इंटरव्यू के खास अंश दे रहे हैं:
आपकी इनवेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी क्या है?
आप एक अच्छे और ईमानदार मैनेजमेंट की पहचान करिए और देखिए कि किस प्रॉडक्ट में वह ग्रोथ बढ़ाने में सफल रहेगा। यह भी देखना होता है कि क्या उसकी ग्रोथ उसी सेगमेंट की दूसरी कंपनियों से तेज रहेगी। ऐसी कंपनियों की पहचान करने के बाद आप उनमें अगले 10 से 15 साल के लिए निवेश करिए। ऐसा करने पर आप शायद ही कभी गलत साबित होंगे। यह फ़िलॉसफ़ी बहुत सिंपल है और कहते भी हैं कि इनवेस्टमेंट सिंपल चीज है, लेकिन आसान नहीं। उसकी वजह यह है कि इस सिंपल फ़िलॉसफ़ी पर अमल करना बहुत मुश्किल होता है।
आपकी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटिजी के साथ हमारे रीडर आपकी लाइफस्टाइल के बारे में भी जानना चाहते हैं। हमें पता है कि आपको गाना और योग करना पसंद है। आपके और शौक क्या हैं?
मेरी लाइफस्टाइल बहुत सिंपल है और इसके चार स्तंभ हैं। आप इसे 4 एम फ़िलॉसफ़ी भी कह सकते हैं। इसमें पहला एम, म्यूजिक के लिए है। मुझे म्यूजिक बहुत पसंद है। आप यह भी कह सकते हैं कि यह मेरे खून में है। दूसरा एम, मेडिटेशन के लिए है। यह योग का ही हिस्सा है और मुझे ध्यान लगाना पसंद है। तीसरा एम, मार्केट के लिए है। मैं मार्केट के बिना जी नहीं सकता। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं डेली या घंटे के हिसाब से ट्रेडिंग करता हूं, लेकिन मार्केट मेरी रग-रग में दौड़ता है। चौथा एम, मेरी वाइफ मंजू के लिए है।
आप किन स्टॉक्स और सेक्टर्स पर बुलिश (आशावान) हैं?
मैं तो कहूंगा कि मैं भारत पर बुलिश (आशावान) हूं। मैंने कई सेक्टरों में निवेश किया है, लेकिन मैं किसी थीम या सेक्टर के बारे में नहीं सोचता। मैं बॉटम अप अप्रोच का इस्तेमाल निवेश के लिए करता हूं। मैंने पहले से सुदर्शन केमिकल और वैभव ग्लोबल में निवेश किया हुआ है। मैंने कर्नाटक बैंक में भी निवेश किया था, लेकिन इसका एक हिस्सा मैंने बेच दिया है। हालांकि, अब मुझे लग रहा है कि कर्नाटक बैंक सस्ता हो गया है। ये मेरे पुराने इनवेस्टमेंट हैं और इन्हें रेकमंडेशन न माना जाए। मैं सिर्फ इतना बता रहा हूं कि मैंने कहां निवेश किया है।
मार्केट में हाल में करेक्शन हुआ है। अगले तीन से पांच साल में भारतीय शेयर बाजार को लेकर आपका क्या अनुमान है?
अगले तीन से पांच साल में मुझे भारतीय बाजार से बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद है। तीन, चार, पांच या 10 साल की बात छोड़ दीजिए, मैं अगले 20 साल के लिए भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश (आशावान) हूं। मैं जब तक जिंदा रहूंगा, मेरे पोर्टफ़ोलियो में शेयर रहेंगे। इसमें शामिल कंपनियां बदल सकती हैं, लेकिन मैं मार्केट में हमेशा बना रहूंगा। मैं 6 महीने से मार्केट में करेक्शन का इंतजार कर रहा था और अब यह करेक्शन हो रहा है। आपको क्वॉर्टरली रिजल्ट की फिक्र नहीं करनी चाहिए। हालिया करेक्शन मार्केट की सेहत के लिए अच्छा है। आपको बाजार में उतार-चढ़ाव की फिक्र छोड़कर इस मौके का इस्तेमाल निवेश करने के लिए करना चाहिए।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।