नई दिल्ली
वित्त वर्ष 2017-18 और आकलन वर्ष 2018-19 में टैक्स छूट पाने के लिए निवेश करने का आखिरी मौका 31 मार्च तक ही है। ऐसे में जिन्होंने अब तक उचित या पर्याप्त निवेश नहीं किया है, उनके पास महज तीन दिन ही बचे हैं। एक मुश्किल यह है कि इस दौरान बैंक सिर्फ एक दिन शनिवार को ही खुलेंगे। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट करने में भी जल्दबाजी दिखानी होगी जबकि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) में इन्वेस्टमेंट का मौका हाथ से जा चुका है।
दरअसल, इस वित्तीय वर्ष में टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स में बुधवार दोपहर बाद 3 बजे तक ही ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट किया जा सकता था क्योंकि 3 बजे के बाद ऑनलाइन किया गया निवेश, यूनिट्स के नेट ऐसेट वैल्यू (एनएवी) में 2 अप्रैल को स्टॉक मार्केट खुलने के बाद ही शामिल किया जा सकता है। ऐसे में इसे आनेवाले वित्त वर्ष 2018-19 में किया गया निवेश माना जाएगा। बहरहाल, उन विकल्पों पर विचार करते हैं जिसमें जल्दबाजी में निवेश का मौका मिल सकता है...
नए वित्त वर्ष से पहले क्या करें, क्या होंगे बदलाव
पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट
पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट करना टैक्स बचाने का सबसे आसान तरीका है। अगर आपने बैंक से केवाईसी करवा रखी है तो आप नेट बैंकिंग से फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि बैंक रिकॉर्ड में आपका पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) अपडेटेड हो।
पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ)
इतने कम वक्त में PPF अकाउंट खोला जा सकता है। बैंक में जाने से अच्छा है कि इंटरनेट बैंकिंग की मदद ली जाए। भरे फॉर्म का प्रिंट आउट लेकर ब्रांच में जमा करवा दें। इससे काम जल्दी हो जाएगा। अगर पहले से पीपीएफ खाता खुला है तो जिस सेविंग अकाउंट से वह जुड़ा है, वहां से भी फंड ट्रांसफर किया जा सकता है।
होम लोन
अगर लोन लेकर घर खरीदा है तो उसकी किस्त का प्री-पेमेंट कर सकते हैं। इससे सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलेगी। इतना ही नहीं प्री-पेमेंट से ब्याज भी कम किया जा सकता है। जितनी ज्यादा रकम का पूर्व भुगतान किया जाएगा उतना ज्यादा पैसा बचाया जा सकता है। यह काम भी ऑनलाइन जल्दी किया जा सकता है। इतना ही नहीं, आप होम लोन पर भरे जा रहे ब्याज की रकम पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 24(b) में 2 लाख रुपये सालना तक के इंट्रेस्ट पेमेंट पर टैक्स छूट पाने का प्रावधान है। अगर आपने पहली बार घर खरीदा है तो आप सेक्शन 80EE के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की टैक्स छूट के दावेदार हैं।
पास आई डेडलाइन, यूं टैक्स फाइल करें ऑनलाइन
इंश्योरेंस
आखिरी वक्त में ऑनलाइन टर्म प्लान या यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स (यूलिप्स) में निवेश का विकल्प तो है, लेकिन संभव है कि यह काम नहीं आए। डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से आप ऑनलाइन पेमेंट कर देंगे, लेकिन पॉलिसी अलॉट होने से पहले आपके मेडिकल टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है। अगर मेडिकल रिपोर्ट पॉलिसी पैरामीटर पर खरी नहीं उतरी तो आपकी पॉलिसी डिक्लाइन हो सकती है या ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ सकता है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आपने 31 मार्च तक ऑनलाइन पेमेंट कर दिया और पॉलिसी 31 मार्च के बाद इशू हुई तो भी आपको टैक्स छूट का लाभ मिल जाएगा, लेकिन जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के बाद पॉलिसी इशू नहीं हुई तो टैक्स छूट नहीं पा सकेंगे क्योंकि तब किया गया पेमेंट ही लौट जाएगा।
यूनिट लिंकड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
यूलिप एक तरह का बीमा है, जो रिस्क कवर के साथ-साथ निवेश करने का विकल्प भी देता है। इसमें स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। अगर आप ऑनलाइन निवेश करेंगे तो किसी तरह का कमिशन नहीं देना होगा। नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया जा सकता है। साथ ही किसी-किसी पॉलिसी में आधार कार्ड की जरूरत भी पड़ सकती है।
अटल पेंशन योजना
अगर आपकी उम्र 18 से 40 वर्ष की है तो आप अटल पेंशन योजना में निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेश के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं। खास बात यह है कि APY में निवेश पर इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसमें सेक्शन 80C के 1.50 लाख रुपये के अतिरिक्त सालाना 50,000 रुपये के टैक्स डिडक्शन का फायदा मिल जाता है। यहां क्लिक कर जानें APY के ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन के टिप्स...
इन खर्चों पर बचा सकते हैं टैक्स
अगर आपने बच्चों की फी भरे हैं, लाइफ इंश्योरेंस या टर्म प्लान का प्रीमियम भरा है, मकान का किराया दिया है तो आप इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। याद रहे कि सेक्शन 80C में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। यानी, आपने 80C के तहत विभिन्न मदों में खर्च या निवेश किया है तो आप अपने टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये तक घटा सकते हैं। जो रकम बचेगी, उसी पर आपको टैक्स देना होगा।
ध्यान रहे
निवेश के ये विकल्प ऐसे हैं जिनमें चेक इशू किए बिना ही ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट किए जा सकते हैं। लेकिन, ऐसा करते वक्त यह ध्यान में जरूर रखें कि निवेश आपकी फाइनैंशल प्लानिंग के मुताबिक हो, न कि सिर्फ टैक्स बचाने के लिए आखिरी वक्त में कहीं पैसे डाल दिए जाएं।
वित्त वर्ष 2017-18 और आकलन वर्ष 2018-19 में टैक्स छूट पाने के लिए निवेश करने का आखिरी मौका 31 मार्च तक ही है। ऐसे में जिन्होंने अब तक उचित या पर्याप्त निवेश नहीं किया है, उनके पास महज तीन दिन ही बचे हैं। एक मुश्किल यह है कि इस दौरान बैंक सिर्फ एक दिन शनिवार को ही खुलेंगे। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट करने में भी जल्दबाजी दिखानी होगी जबकि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) में इन्वेस्टमेंट का मौका हाथ से जा चुका है।
दरअसल, इस वित्तीय वर्ष में टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स में बुधवार दोपहर बाद 3 बजे तक ही ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट किया जा सकता था क्योंकि 3 बजे के बाद ऑनलाइन किया गया निवेश, यूनिट्स के नेट ऐसेट वैल्यू (एनएवी) में 2 अप्रैल को स्टॉक मार्केट खुलने के बाद ही शामिल किया जा सकता है। ऐसे में इसे आनेवाले वित्त वर्ष 2018-19 में किया गया निवेश माना जाएगा। बहरहाल, उन विकल्पों पर विचार करते हैं जिसमें जल्दबाजी में निवेश का मौका मिल सकता है...
नए वित्त वर्ष से पहले क्या करें, क्या होंगे बदलाव
पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट
पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट करना टैक्स बचाने का सबसे आसान तरीका है। अगर आपने बैंक से केवाईसी करवा रखी है तो आप नेट बैंकिंग से फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि बैंक रिकॉर्ड में आपका पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) अपडेटेड हो।
पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ)
इतने कम वक्त में PPF अकाउंट खोला जा सकता है। बैंक में जाने से अच्छा है कि इंटरनेट बैंकिंग की मदद ली जाए। भरे फॉर्म का प्रिंट आउट लेकर ब्रांच में जमा करवा दें। इससे काम जल्दी हो जाएगा। अगर पहले से पीपीएफ खाता खुला है तो जिस सेविंग अकाउंट से वह जुड़ा है, वहां से भी फंड ट्रांसफर किया जा सकता है।
होम लोन
अगर लोन लेकर घर खरीदा है तो उसकी किस्त का प्री-पेमेंट कर सकते हैं। इससे सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलेगी। इतना ही नहीं प्री-पेमेंट से ब्याज भी कम किया जा सकता है। जितनी ज्यादा रकम का पूर्व भुगतान किया जाएगा उतना ज्यादा पैसा बचाया जा सकता है। यह काम भी ऑनलाइन जल्दी किया जा सकता है। इतना ही नहीं, आप होम लोन पर भरे जा रहे ब्याज की रकम पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 24(b) में 2 लाख रुपये सालना तक के इंट्रेस्ट पेमेंट पर टैक्स छूट पाने का प्रावधान है। अगर आपने पहली बार घर खरीदा है तो आप सेक्शन 80EE के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की टैक्स छूट के दावेदार हैं।
पास आई डेडलाइन, यूं टैक्स फाइल करें ऑनलाइन
इंश्योरेंस
आखिरी वक्त में ऑनलाइन टर्म प्लान या यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स (यूलिप्स) में निवेश का विकल्प तो है, लेकिन संभव है कि यह काम नहीं आए। डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से आप ऑनलाइन पेमेंट कर देंगे, लेकिन पॉलिसी अलॉट होने से पहले आपके मेडिकल टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है। अगर मेडिकल रिपोर्ट पॉलिसी पैरामीटर पर खरी नहीं उतरी तो आपकी पॉलिसी डिक्लाइन हो सकती है या ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ सकता है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आपने 31 मार्च तक ऑनलाइन पेमेंट कर दिया और पॉलिसी 31 मार्च के बाद इशू हुई तो भी आपको टैक्स छूट का लाभ मिल जाएगा, लेकिन जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के बाद पॉलिसी इशू नहीं हुई तो टैक्स छूट नहीं पा सकेंगे क्योंकि तब किया गया पेमेंट ही लौट जाएगा।
यूनिट लिंकड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
यूलिप एक तरह का बीमा है, जो रिस्क कवर के साथ-साथ निवेश करने का विकल्प भी देता है। इसमें स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। अगर आप ऑनलाइन निवेश करेंगे तो किसी तरह का कमिशन नहीं देना होगा। नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया जा सकता है। साथ ही किसी-किसी पॉलिसी में आधार कार्ड की जरूरत भी पड़ सकती है।
अटल पेंशन योजना
अगर आपकी उम्र 18 से 40 वर्ष की है तो आप अटल पेंशन योजना में निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेश के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं। खास बात यह है कि APY में निवेश पर इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसमें सेक्शन 80C के 1.50 लाख रुपये के अतिरिक्त सालाना 50,000 रुपये के टैक्स डिडक्शन का फायदा मिल जाता है। यहां क्लिक कर जानें APY के ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन के टिप्स...
इन खर्चों पर बचा सकते हैं टैक्स
अगर आपने बच्चों की फी भरे हैं, लाइफ इंश्योरेंस या टर्म प्लान का प्रीमियम भरा है, मकान का किराया दिया है तो आप इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। याद रहे कि सेक्शन 80C में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। यानी, आपने 80C के तहत विभिन्न मदों में खर्च या निवेश किया है तो आप अपने टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये तक घटा सकते हैं। जो रकम बचेगी, उसी पर आपको टैक्स देना होगा।
ध्यान रहे
निवेश के ये विकल्प ऐसे हैं जिनमें चेक इशू किए बिना ही ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट किए जा सकते हैं। लेकिन, ऐसा करते वक्त यह ध्यान में जरूर रखें कि निवेश आपकी फाइनैंशल प्लानिंग के मुताबिक हो, न कि सिर्फ टैक्स बचाने के लिए आखिरी वक्त में कहीं पैसे डाल दिए जाएं।
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