धीरेंद्र कुमार
जब भी बच्चे और पर्सनल फाइनैंस की बात आती है तो दो बातें पैरंट्स को परेशान करती हैं। पहला तो यह कि बच्चे के भविष्य के लिए बचत कैसे की जाए। हालांकि कुछ साल पहले तक यह पैरेंट्स की चिंता में शामिल नहीं थी। इसकी बड़ी वजह यह थी कि पढ़ाई का खर्च इतना ज्यादा नहीं था। अब पैरंट्स बच्चों की पढ़ाई पर आनेवाले खर्च को लेकर चिंता करते हैं। इतना ही नहीं वे उसकी फंडिंग की व्यवस्था करने के लिए बचत भी करते हैं। दूसरी बात इससे भी महत्वपूर्ण है जिसकी चर्चा आगे की जाएगी।
प्रॉडक्ट बेचने के लिए भ्रामक दावा
हालांकि, बच्चे के भविष्य के लिए बचत करने में सबसे बड़ी समस्या इसके लिए बाजार में मौजूद प्रॉडक्ट्स हैं। यह सिर्फ पर्सनल फाइनैंस से जुड़ी चीज नहीं है। यह सामान्य बात है जहां हर तरह के प्रॉडक्ट्स और सेवा से जुड़े मसले हैं। कहा जाता है- अगर आप अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो हमारा प्रॉडक्ट खरीदें। यह बहुत स्पष्ट, साधारण और भ्रामक ट्रिक है। किसी हेल्थ ड्रिंक्स, एयरलाइन्स, कार आदि के बारे में ये दावे कितने सच हैं, मैं नहीं जानता, लेकिन फाइनैंशल प्रॉडक्ट के मामले में बात अलग है।
पढ़ें: बच्चों को सिखाएं मनी का दो दूनी चार
इंश्योरेंस या म्यूचुअल फंड में बच्चों से जुड़े प्लान/प्रॉडक्ट सालों से मौजूद हैं, जिन्हें देखकर लोगों को लगता है कि शायद यह कोई विशेष प्रॉडक्ट है, जिसमें कुछ खास लाभ होंगे। इस वजह से उन्हें लगता है कि बच्चे के भविष्य को देखते हुए यह प्रोडक्ट जरूर ले लेना चाहिए। हमारे पास बहुत सी ईमेल आती हैं, जिनमें पैरेंट्स अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छे प्लान पूछते हैं। कई सालों के अनुभव से मैं यह कह सकता हूं कि वे इसे टैक्स प्लान या पेंशन प्रॉडक्ट की तरह लेते हैं। चाइल्ड प्लान वास्तव में पर्सनल फाइनैंस का अंदरूनी हिस्सा है। दुर्भाग्य से चाइल्ड प्लान मार्केटिंग टर्म बन गया है ना कि कोई फाईनैंशल टर्म।
इस तरह का अलग से कोई प्रॉडक्ट नहीं है। मसलन अगर आप सबसे बड़े चाइल्ड म्यूचुअल फंड की बात करें तो वह सिर्फ एक बैलेंस्ड फंड है। इसे बेचने के लिए यह कहा जाता है कि आपको इसमें निवेश करना चाहिए। इससे आप बच्चे के कॉलेज का खर्च निकाल पाएंगे।
निवेश से संबंधित टिप्स और जानकारियां
हालांकि इस तरह के फंड की बनावट ऐसी नहीं होती कि आप कॉलेज की फीस चुका सकें। यह आम फंड की तरह होता है, जहां से आप पैसे निकाल कर कॉलेज में जमा कराएंगे। पैरंट्स इसकी जगह किसी और बैलेंस्ड फंड में निवेश कर ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं। नियम-कानूनों के हिसाब से बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के नाम पर बिकनेवाले फंड टैक्स में आपको कोई लाभ नहीं पहुंचा सकते। हममें से कई लोगों को लगता है कि शायद ऐसा होगा, पर यह सही नहीं है।
आपको यह अनुमान लगाना होगा कि आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के वक्त आपको तकरीबन कितने रकम की जरूरत होगी। उस हिसाब से आप सबसे बेहतर रिटर्न वाले फंड में निवेश करें। इस लिहाज से चाइल्ड प्लान अप्रासंगिक है।
बच्चों को कमाई, बचत, निवेश के बारे में बताएं
अब बच्चे और पैसे से जुड़ी दूसरी समस्या के बारे में बात करते हैं। यह वैसे तो कम जरूरी लगता है, लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से ज्यादा जरूरी है। हम बच्चे को पैसे के बारे में कुछ नहीं पढ़ाते। मैं बढ़ते हुए बच्चों, टीनएजर से भी मिलता हूं, जिन्हें पैसे के बारे में कुछ नहीं पता होता। वे कमाई, बचत, निवेश, रिटर्न, रिस्क आदि के बारे में कुछ नहीं जानते।
क्या होगा जब वे कुछ खरीदेंगे? बैंक आपके पैसे से क्या करते हैं? टैक्स कैसे लागू होता है? निवेश क्या है? निवेश कैसे बढ़ता है? पैसा कैसे बनाया जाता है? निवेश की वैल्यू समय के साथ क्यों बढ़ती है जबकि कार या मोबाइल की वैल्यू गिरती जाती है।
खर्च करें मगर सोच-समझकर, उपयोगी टिप्स
पहले चीजें सस्ती क्यों थी? भविष्य में किसी चीज की कीमत क्यों बढ़ेंगी? इस तरह के बहुत से सवाल हैं जो बच्चों को पूछना चाहिए और हमें उसका जवाब देना आना चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं कि बच्चे औपचारिक शिक्षा से ही इन सवालों के बारे में जान जाएंगे। ऐसा नहीं हो रहा है। अगर ऐसा हुआ तो भी यह दूसरे विषयों की तरह हो जाएगा जहां बच्चे रट्टा मार लेंगे और सब कुछ जान जाएंगे, भले ही वे उस पर अमल ना कर पाएं। वे उसे वास्तविक जीवन में नहीं उतार पाएंगे।
आप बच्चों का वित्तीय भविष्य सुधारने के लिए जो सबसे अच्छी चीज कर सकते हैं, वह यह है कि आप उन्हें यह समझाएं कि पैसा कैसे काम करता है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं। यहां व्यक्त विचार निजी हैं।)
जब भी बच्चे और पर्सनल फाइनैंस की बात आती है तो दो बातें पैरंट्स को परेशान करती हैं। पहला तो यह कि बच्चे के भविष्य के लिए बचत कैसे की जाए। हालांकि कुछ साल पहले तक यह पैरेंट्स की चिंता में शामिल नहीं थी। इसकी बड़ी वजह यह थी कि पढ़ाई का खर्च इतना ज्यादा नहीं था। अब पैरंट्स बच्चों की पढ़ाई पर आनेवाले खर्च को लेकर चिंता करते हैं। इतना ही नहीं वे उसकी फंडिंग की व्यवस्था करने के लिए बचत भी करते हैं। दूसरी बात इससे भी महत्वपूर्ण है जिसकी चर्चा आगे की जाएगी।
प्रॉडक्ट बेचने के लिए भ्रामक दावा
हालांकि, बच्चे के भविष्य के लिए बचत करने में सबसे बड़ी समस्या इसके लिए बाजार में मौजूद प्रॉडक्ट्स हैं। यह सिर्फ पर्सनल फाइनैंस से जुड़ी चीज नहीं है। यह सामान्य बात है जहां हर तरह के प्रॉडक्ट्स और सेवा से जुड़े मसले हैं। कहा जाता है- अगर आप अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो हमारा प्रॉडक्ट खरीदें। यह बहुत स्पष्ट, साधारण और भ्रामक ट्रिक है। किसी हेल्थ ड्रिंक्स, एयरलाइन्स, कार आदि के बारे में ये दावे कितने सच हैं, मैं नहीं जानता, लेकिन फाइनैंशल प्रॉडक्ट के मामले में बात अलग है।
पढ़ें: बच्चों को सिखाएं मनी का दो दूनी चार
इंश्योरेंस या म्यूचुअल फंड में बच्चों से जुड़े प्लान/प्रॉडक्ट सालों से मौजूद हैं, जिन्हें देखकर लोगों को लगता है कि शायद यह कोई विशेष प्रॉडक्ट है, जिसमें कुछ खास लाभ होंगे। इस वजह से उन्हें लगता है कि बच्चे के भविष्य को देखते हुए यह प्रोडक्ट जरूर ले लेना चाहिए। हमारे पास बहुत सी ईमेल आती हैं, जिनमें पैरेंट्स अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छे प्लान पूछते हैं। कई सालों के अनुभव से मैं यह कह सकता हूं कि वे इसे टैक्स प्लान या पेंशन प्रॉडक्ट की तरह लेते हैं। चाइल्ड प्लान वास्तव में पर्सनल फाइनैंस का अंदरूनी हिस्सा है। दुर्भाग्य से चाइल्ड प्लान मार्केटिंग टर्म बन गया है ना कि कोई फाईनैंशल टर्म।
इस तरह का अलग से कोई प्रॉडक्ट नहीं है। मसलन अगर आप सबसे बड़े चाइल्ड म्यूचुअल फंड की बात करें तो वह सिर्फ एक बैलेंस्ड फंड है। इसे बेचने के लिए यह कहा जाता है कि आपको इसमें निवेश करना चाहिए। इससे आप बच्चे के कॉलेज का खर्च निकाल पाएंगे।
निवेश से संबंधित टिप्स और जानकारियां
हालांकि इस तरह के फंड की बनावट ऐसी नहीं होती कि आप कॉलेज की फीस चुका सकें। यह आम फंड की तरह होता है, जहां से आप पैसे निकाल कर कॉलेज में जमा कराएंगे। पैरंट्स इसकी जगह किसी और बैलेंस्ड फंड में निवेश कर ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं। नियम-कानूनों के हिसाब से बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के नाम पर बिकनेवाले फंड टैक्स में आपको कोई लाभ नहीं पहुंचा सकते। हममें से कई लोगों को लगता है कि शायद ऐसा होगा, पर यह सही नहीं है।
आपको यह अनुमान लगाना होगा कि आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के वक्त आपको तकरीबन कितने रकम की जरूरत होगी। उस हिसाब से आप सबसे बेहतर रिटर्न वाले फंड में निवेश करें। इस लिहाज से चाइल्ड प्लान अप्रासंगिक है।
बच्चों को कमाई, बचत, निवेश के बारे में बताएं
अब बच्चे और पैसे से जुड़ी दूसरी समस्या के बारे में बात करते हैं। यह वैसे तो कम जरूरी लगता है, लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से ज्यादा जरूरी है। हम बच्चे को पैसे के बारे में कुछ नहीं पढ़ाते। मैं बढ़ते हुए बच्चों, टीनएजर से भी मिलता हूं, जिन्हें पैसे के बारे में कुछ नहीं पता होता। वे कमाई, बचत, निवेश, रिटर्न, रिस्क आदि के बारे में कुछ नहीं जानते।
क्या होगा जब वे कुछ खरीदेंगे? बैंक आपके पैसे से क्या करते हैं? टैक्स कैसे लागू होता है? निवेश क्या है? निवेश कैसे बढ़ता है? पैसा कैसे बनाया जाता है? निवेश की वैल्यू समय के साथ क्यों बढ़ती है जबकि कार या मोबाइल की वैल्यू गिरती जाती है।
खर्च करें मगर सोच-समझकर, उपयोगी टिप्स
पहले चीजें सस्ती क्यों थी? भविष्य में किसी चीज की कीमत क्यों बढ़ेंगी? इस तरह के बहुत से सवाल हैं जो बच्चों को पूछना चाहिए और हमें उसका जवाब देना आना चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं कि बच्चे औपचारिक शिक्षा से ही इन सवालों के बारे में जान जाएंगे। ऐसा नहीं हो रहा है। अगर ऐसा हुआ तो भी यह दूसरे विषयों की तरह हो जाएगा जहां बच्चे रट्टा मार लेंगे और सब कुछ जान जाएंगे, भले ही वे उस पर अमल ना कर पाएं। वे उसे वास्तविक जीवन में नहीं उतार पाएंगे।
आप बच्चों का वित्तीय भविष्य सुधारने के लिए जो सबसे अच्छी चीज कर सकते हैं, वह यह है कि आप उन्हें यह समझाएं कि पैसा कैसे काम करता है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं। यहां व्यक्त विचार निजी हैं।)
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