नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के लोगों, खासकर गरीब कामगारों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का लाभ उठाने वाले ग्राहकों की संख्या 53 लाख हो गई है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी समाजिक सुरक्षा योजना को लागू करने में 230 से अधिक बैंक तथा भारतीय डाक विभाग शामिल हैं, जिनका उद्देश्य ग्राहकों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने को लेकर उत्साहित करना और सक्षम बनाना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'बैंकों की शाखाओं तथा कोर बैंकिंग सॉल्यूशंज से सक्षम भारतीय डाक विभाग के कार्यालय के अलावा कुछ बैंक ग्राहकों को अपनी सेवाएं इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से मुहैया करा रहे हैं।' एपीवाई योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) योगदान पद्धति का ही अनुसरण करती है। साल 2016-17 के दौरान एपीवाई ने 13.91 फीसदी का रिटर्न कमाया।
एपीवाई के ग्राहकों को सशक्त करने के उद्देश्य से नई प्रणालियां लाई गई हैं, जिसमें ग्राहक ईपीआरएएन (स्थानीय सेवानिवृत्ति खाता संख्या) कार्ड तथा लेनदेन को देख सकते हैं और उसका प्रिंट ले सकते हैं। इसके अलावा ग्राहक अपना पीआरएएन देकर npslite-nsdl.com/CRAlite/grievanceSub.do पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
वर्तमान में इसके 62 फीसदी पुरुष तथा लगभग 38 फीसदी महिला ग्राहक हैं। अधिकांश ग्राहकों ने मासिक योगदान करने का विकल्प चुना है। लगभग 97.5 फीसदी मासिक, 0.8 फीसदी तिमाही तथा 1.7 फीसदी छमाही तौर पर योगदान कर रहे हैं। बयान के मुताबिक, 'अधिकांश ग्राहकों ने मासिक 1,000 रुपये पेंशन का विकल्प चुना है। वर्तमान में 51.5 फीसदी ग्राहकों ने मासिक 1,000 रुपये पेंशन, जबकि 34.5 फीसदी ग्राहकों ने 5,000 रुपये मासिक पेंशन का विकल्प चुना है।'
अटल पेंशन योजना एक जून, 2015 से शुरू हुई थी और यह 18-40 साल आयु वर्ग के भारत के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। योजना के तहत ग्राहकों को पेंशन के रूप में न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक मिलेगा, जो उनके योगदान पर निर्भर करता है। पेंशन 60 वर्ष की आयु से मिलना शुरू होगा। ग्राहक के निधन पर पेंशन की उतनी ही राशि उनके जीवनसाथी को मिलेगी। ग्राहक तथा उसके जीवनसाथी दोनों का निधन हो जाने पर कुल जमा पेंशन राशि नॉमिनी को मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के लोगों, खासकर गरीब कामगारों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का लाभ उठाने वाले ग्राहकों की संख्या 53 लाख हो गई है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी समाजिक सुरक्षा योजना को लागू करने में 230 से अधिक बैंक तथा भारतीय डाक विभाग शामिल हैं, जिनका उद्देश्य ग्राहकों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने को लेकर उत्साहित करना और सक्षम बनाना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'बैंकों की शाखाओं तथा कोर बैंकिंग सॉल्यूशंज से सक्षम भारतीय डाक विभाग के कार्यालय के अलावा कुछ बैंक ग्राहकों को अपनी सेवाएं इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से मुहैया करा रहे हैं।' एपीवाई योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) योगदान पद्धति का ही अनुसरण करती है। साल 2016-17 के दौरान एपीवाई ने 13.91 फीसदी का रिटर्न कमाया।
एपीवाई के ग्राहकों को सशक्त करने के उद्देश्य से नई प्रणालियां लाई गई हैं, जिसमें ग्राहक ईपीआरएएन (स्थानीय सेवानिवृत्ति खाता संख्या) कार्ड तथा लेनदेन को देख सकते हैं और उसका प्रिंट ले सकते हैं। इसके अलावा ग्राहक अपना पीआरएएन देकर npslite-nsdl.com/CRAlite/grievanceSub.do पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
वर्तमान में इसके 62 फीसदी पुरुष तथा लगभग 38 फीसदी महिला ग्राहक हैं। अधिकांश ग्राहकों ने मासिक योगदान करने का विकल्प चुना है। लगभग 97.5 फीसदी मासिक, 0.8 फीसदी तिमाही तथा 1.7 फीसदी छमाही तौर पर योगदान कर रहे हैं। बयान के मुताबिक, 'अधिकांश ग्राहकों ने मासिक 1,000 रुपये पेंशन का विकल्प चुना है। वर्तमान में 51.5 फीसदी ग्राहकों ने मासिक 1,000 रुपये पेंशन, जबकि 34.5 फीसदी ग्राहकों ने 5,000 रुपये मासिक पेंशन का विकल्प चुना है।'
अटल पेंशन योजना एक जून, 2015 से शुरू हुई थी और यह 18-40 साल आयु वर्ग के भारत के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। योजना के तहत ग्राहकों को पेंशन के रूप में न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक मिलेगा, जो उनके योगदान पर निर्भर करता है। पेंशन 60 वर्ष की आयु से मिलना शुरू होगा। ग्राहक के निधन पर पेंशन की उतनी ही राशि उनके जीवनसाथी को मिलेगी। ग्राहक तथा उसके जीवनसाथी दोनों का निधन हो जाने पर कुल जमा पेंशन राशि नॉमिनी को मिलेगी।
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