सैकत दास, मुंबई
मंथली इनकम प्लान ने पिछले तीन साल में 10.50-11.50 पर्सेंट रिटर्न दिया है। ये मुख्य तौर पर डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स होती हैं। महंगाई और शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव से निपटते हुए अगर अच्छी इनकम पानी हो तो ये प्लान आपके काम के हो सकते हैं।
जो निवेशक इन प्लान में तीन साल तक निवेश बनाए रखते हैं, उन्हें इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता है। इसका अर्थ यह है कि टैक्सेबल प्रॉफिट या इंटरेस्ट इनकम की गणना महंगाई में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए की जाएगी और इस तरह आपकी जेब से कम टैक्स निकलेगा।
पिछले तीन वर्षों में एसबीआई, फ्रैंकलिन इंडिया, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, रिलायंस जैसे म्यूचुअल फंड हाउसेज की मंथली इनकम प्लान स्कीम्स ने अपने प्रदर्शन से निवेशकों का ध्यान परंपरागत डेट स्कीम्स के विकल्प के रूप में अपनी ओर खींचा है।
फाइनैंशल अडवाइजरी फर्म लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर राघवेंद्र नाथ ने कहा, 'तीन साल की अवधि के लिए एमआईपी जोखिम से दूर रहते हुए फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न पाने का जरिया बन सकता है।' उन्होंने कहा, 'जिन निवेशकों को इक्विटी मार्केट्स में निवेश का अनुभव न हो और जो मार्केट में उतार-चढ़ाव से डरते हों, उनके लिए मंथली इनकम प्लान निवेश का बेहतरीन जरिया हैं।'
एमआईपी स्कीम के तहत फंड मैनेजर आमौर पर कॉरपस का 15-25 पर्सेंट हिस्सा इक्विटी मार्केट्स में निवेश करता है और बाकी रकम कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में लगाई जाती है।
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा, '15-20 पर्सेंट हिस्सा इक्विटी में जा रहा हो और बाकी रकम फिक्स्ड इनकम में लगाई जा रही हो तो मंथली इनकम प्लान महंगाई के असर को मात दे सकता है।' उन्होंने कहा, 'रेग्युलर इनकम चाहने वाले परंपरागत ढर्रे के निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिल सकता है।'
उदाहरण के लिए, वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन के डेटा के मुताबिक आईसीआईसीआई प्रूडेंशल एमआईपी स्कीम ने पिछले तीन वर्षों में 11.47 पर्सेंट की सालाना दर से रिटर्न दिया है। इसी तरह फ्रैंकलिन इंडिया मंथली इनकम प्लान ने इसी अवधि में 11.27 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। एसबीआई मैग्नम मंथली इनकम प्लान ने संभवत: सबसे ज्यादा 11.79 पर्सेंट रिटर्न जेनरेट किया है।
20-30 पर्सेंट के टैक्स ब्रेकेट में आने वाले निवेशकों के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट्स के साथ टैक्स चुकाने के बाद इंटरेस्ट इनकम ट्रेडिशनल फिक्स्ड डिपॉजिट्स के मुकाबले 200-300 बेसिस पॉइंट्स या इससे ज्यादा हो सकती है।
हालांकि एमआईपी स्कीम में ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि तेजी से विदड्रॉल होने पर आपकी इनवेस्टमेंट वैल्यू को झटका लग सकता है। अपनी पूंजी की वैल्यू बचाने के लिए आदर्श तरीका यह है कि निवेशकों को फंड से सिस्टेमैटिक विदड्रॉल प्लान या डिविडेंट के जरिए ही सारा रिटर्न लेने का तरीका नहीं पकड़ना चाहिए। ऐसे कदम से कलेक्टिव गेन कम हो सकता है क्योंकि इंडेक्सेशन के बाद आपके हाथ कम हुई वैल्यू पर आपको इंटरेस्ट इनकम मिलेगी।
मंथली इनकम प्लान ने पिछले तीन साल में 10.50-11.50 पर्सेंट रिटर्न दिया है। ये मुख्य तौर पर डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स होती हैं। महंगाई और शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव से निपटते हुए अगर अच्छी इनकम पानी हो तो ये प्लान आपके काम के हो सकते हैं।
जो निवेशक इन प्लान में तीन साल तक निवेश बनाए रखते हैं, उन्हें इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता है। इसका अर्थ यह है कि टैक्सेबल प्रॉफिट या इंटरेस्ट इनकम की गणना महंगाई में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए की जाएगी और इस तरह आपकी जेब से कम टैक्स निकलेगा।
पिछले तीन वर्षों में एसबीआई, फ्रैंकलिन इंडिया, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, रिलायंस जैसे म्यूचुअल फंड हाउसेज की मंथली इनकम प्लान स्कीम्स ने अपने प्रदर्शन से निवेशकों का ध्यान परंपरागत डेट स्कीम्स के विकल्प के रूप में अपनी ओर खींचा है।
फाइनैंशल अडवाइजरी फर्म लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर राघवेंद्र नाथ ने कहा, 'तीन साल की अवधि के लिए एमआईपी जोखिम से दूर रहते हुए फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न पाने का जरिया बन सकता है।' उन्होंने कहा, 'जिन निवेशकों को इक्विटी मार्केट्स में निवेश का अनुभव न हो और जो मार्केट में उतार-चढ़ाव से डरते हों, उनके लिए मंथली इनकम प्लान निवेश का बेहतरीन जरिया हैं।'
एमआईपी स्कीम के तहत फंड मैनेजर आमौर पर कॉरपस का 15-25 पर्सेंट हिस्सा इक्विटी मार्केट्स में निवेश करता है और बाकी रकम कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज में लगाई जाती है।
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा, '15-20 पर्सेंट हिस्सा इक्विटी में जा रहा हो और बाकी रकम फिक्स्ड इनकम में लगाई जा रही हो तो मंथली इनकम प्लान महंगाई के असर को मात दे सकता है।' उन्होंने कहा, 'रेग्युलर इनकम चाहने वाले परंपरागत ढर्रे के निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिल सकता है।'
उदाहरण के लिए, वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन के डेटा के मुताबिक आईसीआईसीआई प्रूडेंशल एमआईपी स्कीम ने पिछले तीन वर्षों में 11.47 पर्सेंट की सालाना दर से रिटर्न दिया है। इसी तरह फ्रैंकलिन इंडिया मंथली इनकम प्लान ने इसी अवधि में 11.27 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। एसबीआई मैग्नम मंथली इनकम प्लान ने संभवत: सबसे ज्यादा 11.79 पर्सेंट रिटर्न जेनरेट किया है।
20-30 पर्सेंट के टैक्स ब्रेकेट में आने वाले निवेशकों के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट्स के साथ टैक्स चुकाने के बाद इंटरेस्ट इनकम ट्रेडिशनल फिक्स्ड डिपॉजिट्स के मुकाबले 200-300 बेसिस पॉइंट्स या इससे ज्यादा हो सकती है।
हालांकि एमआईपी स्कीम में ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि तेजी से विदड्रॉल होने पर आपकी इनवेस्टमेंट वैल्यू को झटका लग सकता है। अपनी पूंजी की वैल्यू बचाने के लिए आदर्श तरीका यह है कि निवेशकों को फंड से सिस्टेमैटिक विदड्रॉल प्लान या डिविडेंट के जरिए ही सारा रिटर्न लेने का तरीका नहीं पकड़ना चाहिए। ऐसे कदम से कलेक्टिव गेन कम हो सकता है क्योंकि इंडेक्सेशन के बाद आपके हाथ कम हुई वैल्यू पर आपको इंटरेस्ट इनकम मिलेगी।
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