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Channel: Mutual Funds in Hindi - म्यूचुअल फंड्स निवेश, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट के तरीके, Personal Finance News in Hindi | Navbharat Times
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NPS के बारे में 5 जरूरी बातें

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न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में पैसा लगाने से पहले आपको इस स्कीम में मिलने वाले टैक्स फायदे और इनकम को लेकर टैक्स ट्रीटमेंट को जानना चाहिए। इस बारे में और जानकारी दे रहे हैं बाबर जैदी -

1 टैक्स बेनेफिट्स

एनपीएस में इनवेस्टमेंट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के तीन तरीके हैं। पहला, सालाना 1.5 लाख रुपये तक का योगदान टैक्स डिडक्शन के योग्य है। अगर आपके एंप्लॉयर ने एनपीएस पेश की है या आप खुद इसमें इनवेस्टमेंट कर रहे हैं तो आपके योगदान की रकम सेक्शन 80 सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन के योग्य होगी।

यह डिडक्शन सेक्शन 80 सीसीई के तहत अवलेबल पूरी डिडक्शन के तहत आती है। इसके अलावा सेक्शन 80 सीसीडी (1) के तहत और डिडक्शन उपलब्ध है। इसके तहत अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी का 10 पर्सेंट एनपीएस में डालता है, तो वह रकम टैक्स डिडक्शन के योग्य होगी।

अगर आपकी बेसिक सैलरी तीन लाख रुपये सालाना (25,000 रुपये प्रतिमाह) है, तो आप 30,000 रुपये (तीन लाख रुपये का 10 पर्सेंट) की अतिरिक्त डिडक्शन ले सकते हैं।

इस वर्ष से 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त डिडक्शन नए सेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत उपलब्ध कराई गई है। एनपीएस में 50,000 रुपये तक का इनवेस्टमेंट करने वाला कोई भी टैक्सपेयर यह डिडक्शन सेक्शन 80 सी के तहत उपलब्ध 1.5 लाख रुपये की डिडक्शन के अतिरिक्त ले सकता है।

2 मच्योरिटी पर पेंशन

एनपीएस इनवेस्टमेंट इनवेस्टर के 60 वर्ष का होने पर मैच्योर होती है। अगर कॉरपस दो लाख रुपये से कम का है तो पूरी रकम निकाली जा सकती है। अगर यह इससे अधिक है तो सब्सक्राइबर को इसका कम से कम 40 पर्सेंट मासिक पेंशन लेने के लिए एक एन्युइटी स्कीम में लगाना होता है। इनवेस्टर किसी भी एन्युइटी ऑप्शन और एन्युइटी प्रोवाइडर को चुन सकता है।

हाल तक एन्युइटी सब्सक्राइबर के 60 वर्ष का होने पर खरीदनी पड़ती थी, लेकिन नए रूल्स के तहत इनवेस्टर कॉरपस को निकालने के लिए तीन वर्ष तक का इंतजार कर सकता है।

3 फंड पर टैक्स

मच्योरिटी पर मिलने वाला फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर के सब्सक्राइबर्स को कुछ टैक्स देना होगा। अगर किसी व्यक्ति को ग्रैच्युटी नहीं मिली है तो वह कुल कॉरपस का 50 पर्सेंट टैक्स फ्री होगा।

हालांकि, अगर उसे ग्रैच्युटी मिली है तो केवल कॉरपस का 33 पर्सेंट ही टैक्स फ्री होगा। अगर आपका एनपीएस कॉरपस एक करोड़ रुपये का है तो इसका 40 पर्सेंट (40 लाख रुपये) एन्युइटी खरीदने में जाएगा। अगर आपको ग्रैच्युटी नहीं मिली है तो इस कॉरपस का 50 पर्सेंट (50 लाख रुपये) टैक्स फ्री होगा।

बाकी के 10 पर्सेंट पर आप पर लागू होने वाले इनकम टैक्स रेट के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा। इनवेस्टर्स चाहें तो विड्रॉल दो-तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से कर टैक्स को कम कर सकते हैं।

4 विड्रॉल रूल्स

एनपीएस एक पेंशन प्रॉडक्ट है और इस वजह से 60 वर्ष से पहले विड्रॉल की अनुमति नहीं है। नए रूल्स के तहत कम से कम 10 वर्ष तक योगदान देने वाले सब्सक्राइबर को विशेष कारणों के लिए योगदान का 25 पर्सेंट तक निकालने की अनुमति होगी। इनमें बच्चों की हायर एजुकेशन या शादी, पहले घर की खरीद या कंस्ट्रक्शन और अपने या परिवार के किसी सदस्य का मेडिकल ट्रीटमेंट शामिल हैं।

5 इनवेस्टमेंट रूल्स

पीपीएफ के विपरीत एनपीएस में इनवेस्टमेंट की कोई सीमा नहीं है। हालांकि, सब्सक्राइबर को एक वर्ष में कम से कम 6,000 रुपये का योगदान देना होता है। इसके अलावा इक्विटीज में एलोकेशन के लिए 50 पर्सेंट की लिमिट है। हाल ही में इस स्कीम के फंड मैनेजर्स के लिए इक्विटी में इनवेस्टमेंट का दायरा बढ़ाया गया है। इनवेस्टर्स सात पेंशन फंड मैनेजर्स में से किसी को भी चुन सकते हैं।

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