[ नरेन्द्र नाथन | मुंबई ] गोल्ड के प्राइसेज में पिछले दो सप्ताह में भारी गिरावट आने के बाद क्या आप इसे खरीदने की योजना बना रहे हैं? एनालिस्टों का मानना है कि अभी गोल्ड खरीदने का सही समय नहीं है। ग्लोबल गोल्ड प्राइसेज 22 जुलाई को 1,090 डॉलर प्रति औंस के साथ पांच वर्ष के लो लेवल पर चले गए थे। यह लेवल सितंबर 2011 में 1,900 डॉलर के अभी तक के उच्चतम स्तर से 42 पर्सेंट से ज्यादा कम है। हालांकि, गुरुवार को गोल्ड की कीमतों में कुछ तेजी आई, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए अभी मुश्किल दौर समाप्त नहीं हुआ है। यह 1,080 डॉलर के सपोर्ट लेवल से काफी नजदीक ट्रेड कर रहा है। अगर यह 1,080 डॉलर से नीचे जाता है तो इंटरनेशनल मार्केट में प्राइसेज 4-8 पर्सेंट और गिर सकते हैं। जियोजीत कॉमट्रेड के डायरेक्टर सी पी कृष्णन ने कहा, 'अगर 1,080 डॉलर का सपोर्ट टूटता है तो अगला बड़ा सपोर्ट 1,040 डॉलर और 990 डॉलर पर होगा।' हालांकि, कीमत में बहुत अधिक गिरावट आने की आशंका नहीं है क्योंकि 1,000 डॉलर प्रति औंस लॉन्ग-टर्म सपोर्ट के तौर पर काम करता है। कृष्णन ने बताया, 'यह गोल्ड की माइनिंग कॉस्ट है।' हालांकि, इसमें तेजी आने के लिए भी ज्यादा कारण नहीं हैं। इंडिपेंडेंट कमोडिटीज एनालिस्ट राम पित्रे के मुताबिक, '1,130 डॉलर और 1,230 डॉलर के बीच गोल्ड में भारी लॉन्ग पोजीशन बनी हैं। ये सभी बुल ऑपरेटर्स अब नुकसान में हैं। ये गोल्ड प्राइसेज के 1,130-1,140 पर पहुंचने के साथ ही अपनी रकम निकालने की कोशिश करेंगे। यह रेंज अब बड़ी रेजिस्टेंस होगी।' गोल्ड के दाम नीचे आने के साथ ही सिल्वर में गिरावट भी बढ़ गई है। सिल्वर अप्रैल 2011 में 48.6 डॉलर प्रति औंस के अपने अभी तक के पीक लेवल से 70 पर्सेंट नीचे आ चुकी है। सिल्वर को इंडस्ट्रियल डिमांड घटने से भी बड़ा नुकसान हुआ है। चीन में स्लोडाउन के चलते इसकी कीमत गिरकर 14.71 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है। सिल्वर की माइनिंग कॉस्ट लगभग 10 डॉलर की होती है। गोल्ड के दाम में गिरावट आने का बड़ा कारण हाल की घटनाएं हैं, जिनसे जोखिम कम हुआ है। ग्रीस में संकट का फिलहाल हल निकल गया है और ईरान ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील साइन कर ली है। मेटल के सबसे बड़े कंज्यूमर चीन में भारी सेलिंग हो रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की आशंका को देखते हुए डॉलर में मजबूती आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में अभी तेजी आने के कोई कारण नहीं हैं। कृष्णन ने कहा, ' गोल्ड अभी सबसे कम पसंद की जाने वाली एसेट क्लास है।' दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की कुल गोल्ड होल्डिंग 2012 में 1,291 टन से 47 पर्सेट गिरकर अभी 690 टन पर है।
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