[ बाबर जैदी | नई दिल्ली ] अगर आपसे कोई पूछे कि एक शेयर आपके पोर्टफोलियो में कितना फर्क डाल सकता है? तो आपका जवाब होगा कुछ खास नहीं। लेकिन अगर इनवेस्टमेंट में अनुशासन बरता गया हो तो लॉन्ग टर्म में एक शेयर पोर्टफोलियो में बहुत बड़ी रकम ऐड कर सकता है। अगर आप जुलाई 2010 से हर महीने TCS का एक शेयर खरीद रहे हैं तो अब तक आपके पास कंपनी के 60 शेयर हो गए होते। औसतन 1642 रुपये के रेट से खरीदे गए इन शेयरों पर आपको अब तक 22.9 पर्सेंट रिटर्न मिल चुका होता। इनकी कीमत 1.49 लाख रुपये हो चुकी होती और इस पर अब तक 6,796 रुपये का डिविडेंड भी मिल चुका होता। अगर आपने इसके बजाय HDFC बैंक के शेयरों में पैसा लगाया होता तो आपका मंथली इनवेस्टमेंट 3,215 रुपये का होता। लेकिन रिटर्न भी उसके माफिक ही शानदार होता। अगर आपने हर महीने HDFC बैंक का एक शेयर खरीदा होता (जुलाई 2011 में स्प्लिट के बाद बढ़कर हर महीने 5 शेयर हो गया होता), तो अभी आपके पोर्टफोलियो में 3.27 लाख रुपये कीमत के 300 शेयर हो गए होते। इसमें 5,748 रुपये के डिविडेंड को ऐड करने पर रिटर्न 25.6 पर्सेंट हो जाता। इन शेयरों का परफॉर्मेंस आपको एक्साइट कर रहा होगा? लेकिन इसमें एक पेच है। अगर इन ब्लूचिप शेयरों में एवरेज मंथली इनवेस्टमेंट सेक्टर फंड्स में लगाए होते तो रिटर्न और भी ज्यादा होता। अगर आपने जुलाई 2010 में ICICI प्रू टेक्नोलॉजी फंड में 1,643 रुपये की SIP सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान शुरू किया होता तो आपका इनवेस्टमेंट अभी 1.7 लाख रुपये का होता। लेकिन रिटर्न में डिविडेंड को भी ऐड करने से टेक फंड का रिटर्न TCS के SIP वाले रिटर्न से लगभग 15750 रुपये ज्यादा होता है। इसी तरह अगर आपने ICICI प्रू बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड में हर महीने 3,215 रुपये लगाए होते तो आपका पोर्टफोलियो आज 3.57 लाख रुपये का हो गया होता। साथ ही इससे HDFC बैंक के इनवेस्टमेंट से 25,000 रुपये से ऊपर का एडिशनल गेन होता है। अगर आपने एलएंडटी में इनवेस्टमेंट करने के बजाय फ्रैंकलिन बिल्ड इंडिया इंफ्रा फंड का SIP किया होता तो प्रॉफिट का फर्क ज्यादा होता। पांच साल पहले इंफोसिस सबसे ज्यादा रेटिंग वाले शेयरों में शुमार होता था और लगभग सभी एनालिस्ट्स के राडार पर यह होता था। अगर आपने जुलाई 2010 में इसके शेयरों को खरीदना शुरू किया होता तो आपके पोर्टफोलियो में अब तक कंपनी के 228 शेयर हो गए होते जिनकी कीमत आज के रेट से 2.23 रुपये होती और रिटर्न सिर्फ 11.4 पर्सेंट होता। अगर जितनी रकम इस पर लगाई गई, उतनी ही हर महीने ICICI प्रू टेक्नोलॉजी फंड में लगी होती तो टोटल इनवेस्टमेंट 3.07 लाख रुपये का हो गया होता और उस पर 23 पर्सेंट रिटर्न मिलता। यहां तक कि सबसे खराब परफॉर्मेंस देनेवाला टेक फंड डीएसपी ब्लैकरॉक टेक्नोलॉजी भी इंफोसिस के SIP से ज्यादा रिटर्न देता।
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