ज्यादा बिल का झटका! मंथली इंटरनेट के साथ यह चीज अब आम होती जा रही है क्योंकि हमारे पास कई डिवाइसेज होती हैं। इनके यूसेज को ट्रैक करना मुश्किल काम है। सर्विस प्रोवाइडर आपके कनेक्शन पर एक फेयर यूसेज पॉलिसी (FUP) लागू कर सकता है जो आपको ऐड-ऑन पैक्स को खरीदने के लिए मजबूर करता है। करण बजाज कुछ टिप्स दे रहे हैं कि जिनसे आप इंटरनेट बिल का बोझ कम कर सकते हैं स्मार्ट फोन ट्रैकिंग डेटा ट्रैकिंग यूसेज बिल बचाने की दिशा में अहम और पहला कदम है। अगर आप जानते हैं कि किस चीज में ज्यादा डेटा यूज हो रहा है, तो आप आसानी से उन एप्स या सर्विसेज के यूसेज को घटाकर पैसा बचा सकते हैं। आप डेटा लिमिट भी तय कर सकते हैं ताकि आपकी मंथली लिमिट क्रॉस न हो। बिल्ट-इन डेटा मॉनिटर ज्यादातर प्रमुख OS अब बिल्ट-इन डाटा यूसेज ट्रैकर के साथ आते हैं। आप सेटिंग्स में ट्रैकर को एक्सेस कर सकते हैं, साथ ही उन एप्स और सर्विसेज का ब्योरा भी देख सकते हैं, जिनमें डेटा की खपत हो रही है। आप काउंटर को रीसेट कर सकते हैं ताकि किसी खास दिन से ट्रैकिंग की शुरुआत कर सकें। ओनावो काउंट (एंड्रॉयड और iOS) पहले आपको अपने मौजूदा डेटा प्लान का ब्योरा डालना होगा (इसमें डेटा ट्रांसफर लिमिट और मंथली रेंटल अमाउंट शामिल)। इसके बाद ओनावो डेटा यूसेज को ट्रैक करता है और डेली, वीकली या मंथली बेसिस पर रिपोर्ट देता है। इनमें अलग-अलग ऐप्स के इस्तेमाल किए गए डेटा की जानकारी होती है। माय डेटा मैनेजर (एंड्रॉयड और iOS) इस ऐप की मदद से आप अलग-अलग डिवाइसेज पर 3G और वाईफाई डेटा यूसेज ट्रैक कर सकते हैं। अगर आप फैमिली फ्रेंड्स के साथ कोई शेयर्ड डेटा प्लान यूज कर रहे हैं तो उसे भी ट्रैक किया जा सकता है। डेटा कंप्रेस करने वाले एप्स डेटा यूसेज को घटाने का एक और तरीका ऐसे प्रोग्राम्स/ऐप्स का इस्तेमाल करना है, जो डेटा को कंप्रेस कर देते हैं, जब यह डेटा भेजा या रिसीव किया जा रहा होता है। इसे एक ऐसे इंटरमीडियरी के तौर पर माना जा सकता है जो आपकी डिवाइस और इंटरनेट के बीच मौजूद रहकर रियल-टाइम डाटा कंप्रेस करता है। यह ध्यान रखिए कि इससे मल्टीमीडिया की क्वॉलिटी पर फर्क पड़ सकता है। स्मार्टफोन ओनावो एक्सटेंड (iOS और एंड्रॉयड) यह बैकग्राउंड में रहता है और सभी डेटा को ओनावो के सर्वर्स के जरिए भेजता है जो डेटा को आपकी डिवाइस पर भेजने से पहले कंप्रेस कर देते हैं। यह तरीका सभी ऐप्स पर काम आता है। यहां तक कि आपकी डिवाइस के वेब ब्राउजर पर भी। ब्राउजर्स अगर आप मोबाइल ब्राउजिंग के लिए डेटा सेव करना चाहते हैं, तो क्रोम और ओपेरा दोनों में बिल्ट-इन डाटा सर्वर फीचर हैं। आप इसे ऐप्स की सेटिंग्स में जाकर चालू कर सकते हैं।
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