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स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स लपक रहे इन्वेस्टर्स, जानें क्या है वजह

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सनम मीरचंदानी, मुंबई
इन्वेस्टर्स मिड और स्मॉल कैप शेयर लपक रहे हैं। लार्ज कैप्स के मुकाबले इन शेयरों के सस्ते वैल्यूएशंस को देखते हुए वे ऐसा कर रहे हैं। मिड और स्मॉल कैप सूचकांकों में 23 अगस्त को दिखे उनके 52 हफ्तों के निचले स्तर से 6-8 प्रतिशत तेजी आ चुकी है, जबकि इस दौरान सेंसेक्स 1.6 प्रतिशत चढ़ा है। हालांकि फंड मैनेजरों और ऐनालिस्टों का कहना है कि हालिया रिबाउंड अस्थायी हो सकता है। उनका कहना है कि कंपनियों के मुनाफे की ग्रोथ और इकॉनमी में रिकवरी जल्द न होने की गुंजाइश के कारण उम्मीदों की लहर ठंडी पड़ सकती है।

बुधवार को बीएसई मिड कैप इंडेक्स 1 प्रतिशत और स्मॉल कैप इंडेक्स में 1.4% बढ़त दर्ज की गई। इस तरह ये लगातार पांचवें सेशन में तेजी के साथ बंद हुए। पिछले पांच सत्रों में मिड कैप इंडेक्स 3 प्रतिशत और स्मॉल कैप इंडेक्स 4 प्रतिशत चढ़ा है। पीआई इंडस्ट्रीज, दिलीप बिल्डकॉन, फाइजर और डॉ लाल पैथलैब्स के शेयरों ने स्मॉल कैप इंडेक्स की तेजी में सबसे ज्यादा योगदान किया, व हीं आरबीएल बैंक, जीएसके फार्मा, अडानी पावर और टीवीएस मोटर ने पिछले पांच सत्रों में मिड कैप इंडेक्स की बढ़त में बड़ा योगदान किया।

मिड-स्मॉल कैप शेयर्स में 50 से 70 फीसदी गिरावट

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के हेड (स्ट्रैटजी ऐंड इन्वेस्टमेंट्स) गौरव दुआ ने कहा, 'निफ्टी के 11000 से ऊपर जाने और वैश्विक संकेतों के अनुकूल होने के कारण मार्केट में खरीदारी का रुझान बना है। यह रुझान ऑटो, मेटल्स के साथ कुछ दूसरे अंडरपरफॉर्मिंग सेक्टरों में भी बना है।' दुआ ने कहा, 'अब तक मौद्रिक नीति में नरमी का असर सरकार की अनुशासित राजकोषीय नीति से खत्म हो रहा था। हाल में सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की घोषणा की है। ऐसे घटनाक्रम से इकॉनमी को सपॉर्ट मिलेगा। इससे सेंटीमेंट मजबूत हुआ है।'

मिड और स्मॉल कैप शेयरों में 2019 में औसतन 50-70 प्रतिशत गिरावट आई है। ऐसा इन्वेस्टर सेंटीमेंट कमजोर होने के कारण हुआ है। एक के बाद एक डिफॉल्ट और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मसलों के कारण यह माहौल बना। कॉक्स ऐंड किंग्स, रिलायंस नेवल, रिलायंस कम्युनिकेशंस और मैक्लियोड रसेल इस साल स्मॉल कैप सेगमेंट्स में सबसे फिसड्डी रहे। ये शेयर 90-98% तक गिरे। वहीं मिड कैप इंडेक्स में शामिल करीब 75 प्रतिशत शेयरों में इस साल अब तक गिरावट रही है।


सस्ते हैं मिड और स्मॉल कैप शेयर्स

स्मॉल कैप इंडेक्स के अधिकतर शेयर इस साल नेगेटिव टेरिटरी में हैं। इडलवाइज के को-हेड (इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज) शिव दीवान का मानना है कि हालिया बढ़त देर तक शायद नहीं टिकेगी। दीवान ने कहा, 'यह मृतप्राय बिल्ली के अचानक उछलने सरीखा मामला है।' उन्होंने कहा, 'लोग एफएमसीजी सरीखे महंगे शेयर बेच रहे हैं और पिटे हुए शेयर खरीद रहे हैं। मिड और स्मॉल कैप शेयर छह महीना पहले के मुकाबले सस्ते हैं। हालांकि इसके पीछे किसी पॉजिटिव न्यूज का योगदान नहीं है।'

वैल्यूएशंस में कमी आई है, लेकिन अर्निंग्स रिकवरी नहीं दिखने से इन्वेस्टर्स परेशान हैं। बीएसई मिड कैप इंडेक्स अभी ट्रेलिंग बेसिस पर 35.5 गुने पर ट्रेड कर रहा है, वहीं स्मॉल कैप इंडेक्स 34.48 गुने पर ट्रेड कर रहा है।

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