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NV20 इंडेक्स ईटीएफ में निवेश करें या नहीं ?

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संकेत धनोरकर, मुंबई
NV20 पर आधारित ईटीएफ से पिछले एक साल में अच्छा रिटर्न मिला है, लेकिन इनके साथ लिक्विडिटी की समस्या भी है। पिछले वर्ष में ऐक्टिवली मैनेज किए जाने वाले फंड्स में से कोई भी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स में शामिल नहीं रहा है। हैरानी की बात यह है कि ट्रेडिशनल इंडेक्स-बेस्ड फंड्स भी टॉप में आने में नाकाम रहे। इसके बजाय निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स पर बेस्ड तीन छोटे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का प्रदर्शन बेहतर रहा। इन फंड्स ने लगभग 17 पर्सेंट का रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स ने 11 पर्सेंट और टॉप परफॉर्मेंस देने वाले ऐक्टिव लार्ज-कैप फंड्स का रिटर्न इस अवधि में 15.5 पर्सेंट का रहा। पिछले तीन वर्षों में ईटीएफ परफॉर्मेंस में टॉप पांच में रहे हैं। ये फंड्स वास्तव में क्या हैं। क्या वे आगे भी अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे?

निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स (एनवी20) में 20 सबसे लिक्विड वैल्यू ब्लूचिप हैं, जिन्हें निफ्टी 50 से चुना गया है। एंप्लॉयड कैपिटल पर रिटर्न के अलावा इन कंपनियों को प्राइस-टु-अर्निंग रेशियो, प्राइस-टु-बुक वैल्यू और डिविडेंड यील्ड के आधार पर चुना गया है। इसमें वे कंपनियां हैं जो निफ्टी 50 शेयर्स में सबसे अधिक वैल्यू की पेशकश करती हैं।

ऐसा दिखता है कि इंडेक्स का कंपोजिशन इसके बेहतर प्रदर्शन का बड़ा कारण है। यह इस उदाहरण से पता चलता है: एनवी20 इंडेक्स में अभी पोर्टफोलियो का 16 पर्सेंट से अधिक रिलायंस इंडस्ट्रीज और इन्फोसिस और टीसीएस प्रत्येक में 15 पर्सेंट है। पिछले एक वर्ष में इन शेयर्स में अच्छी तेजी आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज 45 पर्सेंट, जबकि इन्फोसिस और टीसीएस दोनों 20 पर्सेंट चढ़े हैं। हालांकि, ये शेयर्स प्रमुख सूचकांकों में भी अच्छा वेटेज रखते हैं। एनवी20 इंडेक्स में आईटी और एनर्जी सेक्टर्स से कंपनियों की लगभग 75 पर्सेंट हिस्सेदारी है। इसकी तुलना में अन्य इंडेक्स अधिक डायवर्सिफाइड हैं।

एनवी20 के अलावा बहुत से अन्य 'स्मार्ट' इंडेक्स हैं जो एक विशेष सेक्टर से ताकत हासिल करते हैं। निफ्टी हाई बीटा 50, निफ्टी लो वोलैटिलिटी 50 और निफ्टी अल्फा 50 ऐसे ही कुछ इंडेक्स हैं। हालांकि, एनवी20 के विपरीत इन इंडेक्स का पोर्टफोलियो काफी डायवर्सिफाइड है।

अधिकतर ऐक्टिवली मैनेज किए जाने वाले डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स इन शेयर्स में और कम निवेश रखते हैं। हाल ही में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने वाले 4-5 शेयर्स की इन फंड्स में अधिक हिस्सेदारी नहीं है। इसी वजह से ऐक्टिवली मैनेज होने वाले लार्ज-कैप फंड्स और मल्टी-कैप फंड्स रिटर्न में मार्केट से पिछड़े हैं। फंड्सइंडिया की हेड (म्यूचुअल फंड रिसर्च) विद्या बाला ने बताया, 'निफ्टी 50 इंडेक्स ने अधिकतर इक्विटी फंड्स से अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि रिटर्न का बड़ा हिस्सा चुनिंदा शेयर्स से आया है, जिनकी फंड्स में कम हिस्सेदारी है।'

तो एनवी20 की वैल्यू स्ट्रैटिजी इसके अच्छे प्रदर्शन का बड़ा कारण नहीं है, बल्कि इसके पीछे समझबूझ के साथ किए गए निवेश हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान तीन वर्ष के रोलिंग रिटर्न को देखने पर, एनवी20 ने निफ्टी 50 इंडेक्स को केवल 57 पर्सेंट समय में ही प्रदर्शन में पीछे छोड़ा है। वास्तव में चुनिंदा निफ्टी 50 शेयर्स को रखने वाले अल्फा और लो वोलैटिलिटी जैसे अन्य स्मार्ट इंडेक्स ने पिछले पांच वर्षों में एनवी20 से अच्छा प्रदर्शन किया है।

एनवी20 में इन्वेस्टमेंट को लेकर गेटिंग यू रिच के फाउंडर और सीईओ रोहित शाह कुछ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा, 'यह इंडेक्स एक टारगेटेड स्ट्रैटिजी अपनाता है जो कई इन्वेस्टर्स के लिए ठीक नहीं हो सकती।' इन्वेस्टर्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इन फंड्स का कॉर्प्स काफी कम होता है। इतने कम ऐसेट बेस के साथ एक्सचेंज पर ट्रेडिंग वॉल्युम बहुत खराब है। इन्वेस्टर्स को इनकी यूनिट्स अपनी पसंद के प्राइस पर बेचने और खरीदने में मुश्किल हो सकती है। जब वॉल्युम बहुत कम होती है तो प्रत्येक ट्रांजैक्शन की कॉस्ट अधिक हो जाती है। शाह ने बताया कि इसका मतलब है कि इन्वेस्टर्स को यूनिट्स प्रीमियम पर खरीदनी पड़ेंगी और इनकी बिक्री डिस्काउंट पर होगी।

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