आदिल शेट्टी, नई दिल्ली
दीवाली को किसी नए काम के शुभारंभ का सही अवसर माना जाता है और धनतेरस इस 5 दिन के उत्सव के आरम्भ का संकेत है। परंपरा को बनाए रखने के लिए लोग आम तौर पर धनतेरस के दिन सोना खरीदते हैं। इसमें इन्वेस्ट करना, महंगाई से अपने आपको काफी हद तक सुरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका होने के बावजूद इस पर उतना ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है, जितना ज्यादा रिटर्न इक्विटी और म्यूच्यूअल फंड जैसे अन्य ऐसेट क्लास में मिलता है। इसलिए, इस धनतेरस ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए इन शानदार ऑप्शंस में इन्वेस्ट करने पर विचार करें।
रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करें
चाहे जमीन हो या प्रॉपर्टी, रियल एस्टेट पर आगे चलकर काफी ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। अपनी प्रॉपर्टी से संबंधित जरूरतों के आधार पर आप इस दिवाली अपना खुद का एक मकान खरीदने या ज्यादा रेंटल इनकम पाने के लिए एक कमर्शल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने पर विचार कर सकते हैं। आप रेजिडेंशल प्रॉपर्टी से भी रेंटल इनकम कमा सकते हैं और एक रेग्युलर पेमेंट पाने के लिए रिटायरमेंट के बाद आप इसे रिवर्स मॉर्गेज भी कर सकते हैं! यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि रियल एस्टेट की कीमत प्रॉपर्टी के प्रकार, उसके लोकेशन और रियल एस्टेट मार्केट की मौजूदा हालत पर निर्भर करती है।
SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश
म्यूच्यूअल फंड्स की मदद से आप अपनी सेविंग्स को अधिक कार्यकुशल तरीके से बढ़ा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट्स मार्केट से जुड़े होते हैं और स्टॉक मार्केट से 12% या उससे भी ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। यदि आप मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े रिस्क को समझते हैं और एकमुश्त निवेश करना नहीं चाहते हैं, तो आप एसआईपी के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। एसआईपी आपको एक नियमित और लचीले तरीके से म्यूच्यूअल फंड्स में एक फिक्स्ड अमाउंट इन्वेस्ट करने में मदद करता है। आप कम-से-कम 500 रुपये से अपने प्रत्येक फाइनैंशल लक्ष्य के लिए एसआईपी शुरू कर सकते हैं और जब तक चाहें तब तक इन्वेस्टेड रह सकते हैं। इसके अलावा, एसआईपी, इन्वेस्टमेंट कॉस्ट और मार्केट के उतार-चढ़ाव को ऐवरेज आउट करता है जिससे स्टॉक मार्केट का रिस्क कम-से-कम होता जाता है।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश
यदि आप अपने इन्वेस्टमेंट पर सुरक्षित और उचित रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आप फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कर सकते हैं। बैंक एफडी, भारत में शायद सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। चूंकि इसे डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के अनुसार कंट्रोल किया जाता है, इसलिए आपको अपने इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपकी एफडी 1 लाख रुपये तक इंश्योर्ड है। इस दूसरे स्तर की सुरक्षा के अलावा, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको 7-8% तक रिटर्न मिल सकता है और इस पर आपको अपनी जरूरत के हिसाब से इंट्रेस्ट का पेमेंट लेने का ऑप्शन चुनने की आजादी मिलती है। इसलिए, आप अपनी जरूरत के हिसाब से एक क्यूमूलेटिव या नॉन-क्यूमूलेटिव एफडी का चुनाव कर सकते हैं।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में इन्वेस्ट करें
यूएलआईपी एक तरह का इंश्योरेंस प्रॉडक्ट है जो आपको डबल बेनिफिट देता है। इसमें इन्वेस्ट करने पर आपको इंश्योरेंस के साथ-साथ रिटर्न भी मिलता है। आपके यूएलआईपी अमाउंट को डेट और इक्विटी दोनों में इन्वेस्ट किया जाता है, इसलिए आप बहुत ज्यादा रिस्क लिए बिना एक अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। इसके अलावा, यूएलआईपी में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है लेकिन इसका मच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। दुर्भाग्य से सोना खरीदने पर यह सुविधा नहीं मिलती है।
इस धनतेरस निवेश का शुभारंभ करने के लिए एक अलग तरीका आजमाने की कोशिश करें। इनमें से किसी एक माध्यम में इन्वेस्ट करके आप बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं, टैक्स बेनिफिट का आनंद उठा सकते हैं और अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते हैं।
लेखक बैंकबाज़ार के सीईओ हैं।
दीवाली को किसी नए काम के शुभारंभ का सही अवसर माना जाता है और धनतेरस इस 5 दिन के उत्सव के आरम्भ का संकेत है। परंपरा को बनाए रखने के लिए लोग आम तौर पर धनतेरस के दिन सोना खरीदते हैं। इसमें इन्वेस्ट करना, महंगाई से अपने आपको काफी हद तक सुरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका होने के बावजूद इस पर उतना ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है, जितना ज्यादा रिटर्न इक्विटी और म्यूच्यूअल फंड जैसे अन्य ऐसेट क्लास में मिलता है। इसलिए, इस धनतेरस ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए इन शानदार ऑप्शंस में इन्वेस्ट करने पर विचार करें।
रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करें
चाहे जमीन हो या प्रॉपर्टी, रियल एस्टेट पर आगे चलकर काफी ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। अपनी प्रॉपर्टी से संबंधित जरूरतों के आधार पर आप इस दिवाली अपना खुद का एक मकान खरीदने या ज्यादा रेंटल इनकम पाने के लिए एक कमर्शल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने पर विचार कर सकते हैं। आप रेजिडेंशल प्रॉपर्टी से भी रेंटल इनकम कमा सकते हैं और एक रेग्युलर पेमेंट पाने के लिए रिटायरमेंट के बाद आप इसे रिवर्स मॉर्गेज भी कर सकते हैं! यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि रियल एस्टेट की कीमत प्रॉपर्टी के प्रकार, उसके लोकेशन और रियल एस्टेट मार्केट की मौजूदा हालत पर निर्भर करती है।
SIP के जरिए म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश
म्यूच्यूअल फंड्स की मदद से आप अपनी सेविंग्स को अधिक कार्यकुशल तरीके से बढ़ा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट्स मार्केट से जुड़े होते हैं और स्टॉक मार्केट से 12% या उससे भी ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। यदि आप मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े रिस्क को समझते हैं और एकमुश्त निवेश करना नहीं चाहते हैं, तो आप एसआईपी के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। एसआईपी आपको एक नियमित और लचीले तरीके से म्यूच्यूअल फंड्स में एक फिक्स्ड अमाउंट इन्वेस्ट करने में मदद करता है। आप कम-से-कम 500 रुपये से अपने प्रत्येक फाइनैंशल लक्ष्य के लिए एसआईपी शुरू कर सकते हैं और जब तक चाहें तब तक इन्वेस्टेड रह सकते हैं। इसके अलावा, एसआईपी, इन्वेस्टमेंट कॉस्ट और मार्केट के उतार-चढ़ाव को ऐवरेज आउट करता है जिससे स्टॉक मार्केट का रिस्क कम-से-कम होता जाता है।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश
यदि आप अपने इन्वेस्टमेंट पर सुरक्षित और उचित रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आप फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कर सकते हैं। बैंक एफडी, भारत में शायद सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। चूंकि इसे डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के अनुसार कंट्रोल किया जाता है, इसलिए आपको अपने इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपकी एफडी 1 लाख रुपये तक इंश्योर्ड है। इस दूसरे स्तर की सुरक्षा के अलावा, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको 7-8% तक रिटर्न मिल सकता है और इस पर आपको अपनी जरूरत के हिसाब से इंट्रेस्ट का पेमेंट लेने का ऑप्शन चुनने की आजादी मिलती है। इसलिए, आप अपनी जरूरत के हिसाब से एक क्यूमूलेटिव या नॉन-क्यूमूलेटिव एफडी का चुनाव कर सकते हैं।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में इन्वेस्ट करें
यूएलआईपी एक तरह का इंश्योरेंस प्रॉडक्ट है जो आपको डबल बेनिफिट देता है। इसमें इन्वेस्ट करने पर आपको इंश्योरेंस के साथ-साथ रिटर्न भी मिलता है। आपके यूएलआईपी अमाउंट को डेट और इक्विटी दोनों में इन्वेस्ट किया जाता है, इसलिए आप बहुत ज्यादा रिस्क लिए बिना एक अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। इसके अलावा, यूएलआईपी में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है लेकिन इसका मच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। दुर्भाग्य से सोना खरीदने पर यह सुविधा नहीं मिलती है।
इस धनतेरस निवेश का शुभारंभ करने के लिए एक अलग तरीका आजमाने की कोशिश करें। इनमें से किसी एक माध्यम में इन्वेस्ट करके आप बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं, टैक्स बेनिफिट का आनंद उठा सकते हैं और अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते हैं।
लेखक बैंकबाज़ार के सीईओ हैं।
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