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पीपीएफ, एनएससी पर मिलेगा पहले से कम रिटर्न?

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सिद्धार्थ, नई दिल्ली

अगले कुछ दिनों में सरकार छोटी बचत जैसे पब्लिक प्रविडेंट फंड और नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दरों को घटाने की तैयारी में है। इससे आपको मिलने वाला रिटर्न प्रभावित होगा।

नए फॉर्म्युला के तहत छोटी बचत पर दरों को समान मच्योरिटी वाली सरकारी सिक्यॉरिटीज पर मिलने वाले रिटर्न से जोड़ा जाएगा और कटौती 50 बेसिस पॉइंट्स तक किए जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय खास प्रॉडक्ट्स के लिए खास रेट तय कर रहा है और सूत्रों ने बताया कि पांच साल से कम मच्योरिटी अवधि वाले प्रॉडक्ट पर असर ज्यादा पड़ेगा। इस बात के संकेत है कि सीनियर सिटिजन और महिलाओं के हित की रक्षा सुकन्या समृद्धि योजना जैसे प्रॉडक्ट्स के माध्यम से किया जाएगा।

उम्मीद है कि नए रेट्स को अगले कुछ दिनों में अधिसूचित किया जाएगा क्योंकि सरकार अब तिमाही संशोधन की घोषणा करने की तैयारी कर रही है। मौजूदा समय में रेटों में वार्षिक संशोधन होता है।



छोटी बचत की दरों में कमी किए जाने के बाद संभावना है कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स रेट्स को कुछ महीनों में कम करेंगे जिससे ब्याज दरों में भी कटौती होगी। बीते समय में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती का फायदा बैंकों ने कस्टमर्स तक पहुंचाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकों ने छोटी बचत की दरों में कटौती करने की मांग की है। उनका तर्क है कि फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में पीपीएफ और अन्य प्रॉडक्ट्स में उच्च रिटर्न के कारण सरकारी स्कीमों में निवेश को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। इसका नतीजा यह हुआ है कि बैंकों को उच्च ब्याज दर को बरकरार रखना पड़ रहा है जिससे पॉलिसी रेटों में कटौती का फायदा आगे देने में उनको कठिनाई होती है।

अंग्रेजी में भी पढ़ें: PPF, NSC rates to be cut; bank FDs may fetch lower interest

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