थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस क्लेम कानून के तहत यह जरूरी है कि देश में व्हीकल के मालिक थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस लें। यह व्हीकल के मालिक को थर्ड पार्टी की मृत्यु, शारीरिक चोट या प्रॉपर्टी को नुकसान होने की स्थिति में किसी फाइनेंशियल देनदारी से बचाती है। इसे थर्ड-पार्टी कवर भी कहा जाता है क्योंकि पॉलिसी का बेनेफिशियरी कॉन्ट्रैक्ट में शामिल दोनों पार्टियों- व्हीकल मालिक और इंश्योरेंस कंपनी से अलग कोई अन्य होता है। कोई पीड़ित व्हीकल के मालिक के खिलाफ थर्ड-पार्टी लायबिलिटी क्लेम दायर कर सकता है व्हीकल का इंश्योरेंस करने वाली कंपनी व्हीकल मालिक की ओर से इस तरह के क्लेम का भुगतान करती है। क्लेमेंट व्हीकल के मालिक के खिलाफ थर्ड-पार्टी क्लेम पीड़ित या उसका एजेंट, जिस प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ है उसका मालिक या मृतक का कानूनी प्रतिनिधि दायर कर सकता है। पुलिस में शिकायत दुर्घटना के मामले में व्हीकल के रजिस्ट्रेशन नंबर, ड्राइवर के लाइसेंस नंबर और अगर कोई प्रत्यक्षदर्शी हों तो उनके नाम और संपर्क की जानकारियों के साथ एक एफआईआर पुलिस के पास दायर की जानी चाहिए। क्लेम्स ट्राइब्यूनल जिस इलाके में दुर्घटना हुई है या जहां क्लेमेंट रहता है उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मोटर एक्सिडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल में एक केस दायर करना होता है। डॉक्युमेंट्स नुकसान के सबूत के तौर पर एफआईआर की एक कॉपी और खर्चों के मूल डॉक्युमेंट्स पेश किए जाने चाहिए। कवर एमाउंट दुर्घटना से चोट लगने या मृत्यु की स्थिति में थर्ड-पार्टी कवर की लिमिट नहीं बताई गई है। कोर्ट के रकम पर फैसला करने के बाद पूरा मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी देती है। इन बातों का ध्यान रखें पीड़ित को साबित करना होगा कि वाहन के मालिक की ओर से की गई लापरवाही की वजह से वह उससे और इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे की मांग कर रहा है। नुकसान के मुआवजे का दावा एक बार से ज्यादा नहीं किया जा सकता। इस वजह से पीड़ित को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कोर्ट की ओर से तय किए गए मुआवजे में किसी कमी की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी।
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